कर्नाटक के मैसूर से प्रकाशित साहित्य मधुशाला में राजनीति के विभिन्न रंगों को समायोजित किया गया है. इस पत्रिका में देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों ने अपनी रचनाएं भेजी जिसे संकलित कर प्रकाशित किया गया है. इसमें प्रमोद खिरवाल की रचना बेहाल राजनीति को भी स्थान मिला है. प्रमोद खिरवाला सामाजिक कार्यों से जुड़े लौहनगरी जमशेदपुर के व्यावसायी है जिनकी रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्थान पाती रहतीं है. इसमें कोलकाता की श्रीमती संगीता चौधरी की रचना का प्रथम जबकि मैसूर की उषा केडिया की रचना को दूसरा स्थान दिया गया. उषा केडिया ही पत्रिका का संपादन कर रही है जिन्होंने संपादकीय में राजनीति के विभिन्न रंगों को उजागर किया है. वहीं रचना में तीसरा स्थान उषा जैन की रचना को मिला जो कोलकाता की रहने वाली है. पत्रिका का संपादन उषा केडिया ने किया है जो मैसूर की रहने वाली हैं.