- रेलवे बोर्ड के साथ AIRF के PNM में ट्रैकमेन को 4200 ग्रेड पे देने और अप्रेंटिसों की GM प्रक्रिया से बहाली का प्रस्ताव
- क्वार्टरों की मरम्मत पर करोड़ो रुपये खर्च के लिए जिम्मेदारी तय की जाये, इससे किसी को लाभ नहीं मिल रहा : AIRF
New Delhi. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (AIRF) ने रेलवे बोर्ड के साथ आयोजित पीएनएम में ट्रैकमेन को 4200 ग्रेड पे देने और अप्रेंटिस को GM प्रक्रिया से बहाली का प्रस्ताव रखा. यूनियन का कहना था कि बोर्ड इसे बैक डोर एंट्री मानता है लेकिन इस पर विचार करना चाहिए. 11 और 12 अप्रैल को चली दो दिनी बैठक में महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि जब रेलवे में 3.56 लाख पद रिक्त हैं, तब इन्हें भरने की जगह पोस्ट सरेंडर करने का दबाव हर स्तर पर बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह नई ट्रेन चलने पर पुरानी ट्रेन को बंद करने और नया स्टेशन खोलने पर पुराना बंद करने जैसा होगा.
पीएनएम में रेलवे कालोनियों के जर्जर क्वार्टर का मामला भी रखा गया. इसमें यूनियन ने स्पष्ट किया कि इन मामलों में रेलवे का रवैया नकारात्मक है. महामंत्री तो यहां तक कह गये कि तमाम मकान की हालत इतना जर्जर है और वे खतरनाक है कि रहने लायक भी नही है. इनकी मरम्मत के नाम पर हर साल करोड़ो रुपये खर्च किये जा रहे. जिसका लाभ रेलकर्मी को नहीं मिल रहा. शिवगोपाल मिश्रा ने इस पर आश्चर्य जताया कि नये बनाये जा रहे मकान भी हैंडओवर से पहले टपकने लगते है. ऐसे मामलों में जिम्मेदारी तय कर कारवाई की जरूरत है.
आज रेल कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.शिकायतों पर सुनवाई नहीं होती. रेलमंत्री और बोर्ड के अफसर राजस्व बढ़ोतरी के लिए पीठ तो थपथपाते है, लेकिन उनकी बात सुनने वाला कोई नही है. बीमार कर्मचारियों को स्तरीय इलाज तक नहीं मिल रहा. डॉ एन कन्हैया, अध्यक्ष, AIRF
हालांकि बोर्ड की ओर से बताया कि अभी विभिन्न स्थानों पर 24 हजार मकान बनाने का प्रस्ताव है. पुरान जर्जर को गिराकर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाने का काम चल रहा. यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि तय समय के पहले निर्माण में खामी आयी तो लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. पीएनएम में स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती युवाओं पर कहा गया जोन और मंडल स्तर पर बने काउंसिल में परफॉर्मेंस के आधार पर इंसेटिव की व्यवस्था है, लेकिन 100 से अधिक करेक्शन के बाद भी खिलाड़ी को इसका पता तक नहीं चलता. इसमें सभी करेक्शन को समाहित करके फाइनल आर्डर निकालने का निर्णय हुआ.
पीएनएम में यूनियन ने CG अप्वाइंटमेंट की विसंगतियों, ऑफिस बेयरर का नियम विरुद्ध तबादले, एडवांस प्रेगनेंसी की छुट्टी, प्रिंटिंग प्रेस क्लोजर, TTE रनिग रूम की दुर्दशा, रनिग स्टाफ की समस्याओं को भी रखा. पीएनएम में रेलवे बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व अध्यक्ष अनिल कुमार लोहाटी अपनी टीम के साथ मौजूद थे. वहीं यूनियन की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष जे आर भोसले, कोषाध्यक्ष शंकरराव , राजा श्रीधर, प्रवीना सिंह, वेणु पी नायर, मुकेश गालव, मुकेश माथुर, के एल गुप्ता, आरडी यादव, एसएनपी श्रीवास्तव, मनोज बेहरा, आशीष विश्वास, गौतम मुखर्जी, अमित घोष, एसके त्यागी, एलएन पाठक, जया अग्रवाल आदि उपस्थित थे.
AIRF ने पीएनएम के उठाये मुद्दे
- भारतीय रेल के विभिन्न विभागों में रोजमर्रा के कार्यों का आउटसोर्सिंग नहीं किया जाए
- लेवल-1 (GP1800) के 30% पदों को पूर्व में लिए गए निर्णय अनुसार लेवल-2 (GP 1900) में शीघ्र क्रमोन्नत किया जाए
- रनिंग स्टाफ के विषय में आरबीई 105 / 2022 के अंतर्गत जारी निर्देशों की पुनः समीक्षा की जाएं एवं फेडरेशन से चर्चा के बाद ही जारी किए जाएं
- पर्यवेक्षकों की लेवल 8 एवं लेवल 9 के पदों पर पुनसंरचना दिनांक 01/01/2016 से लागू की जाएं. लेवल 18 से लेवल 9 में 2 वर्ष की सेवा उपरांत क्रमोन्नत किया जाएं तथा जो स्टाफ केटेगरी इसमें छूट गए हैं उन्हे भी उक्त लाभ प्रदान किया जाएं.
- आरबीई 33 / 2016 के अंतर्गत जिन स्टाफ को लाभ दिया गया, उसमें लाभ पाने वाले स्टाफ का दोष नहीं है अतः रिकवरी को waive off किया जाएं.
- नई भर्ती के कर्मचारियों के साथ ही अंतर मंडल / रेलवे स्थानांतरण के आवेदन स्वीकार करके कर्मचारियों को कार्य मुक्त किया जाएं.
- जीडीसीई नियमित रूप से आयोजित नहीं की जा रही है। जीडीसीई के पद एनटीपीसी से भरे जा रहे हैं. जोनल रेलवे को आवश्यक निर्देश प्रदान करें.
- अब लेवल-1 में भर्ती हो गई है। ट्रैक मेंटेनर के रिक्त पद काफी हद तक भर गए हैं अतः न्यूनतम आयु की सीमा को हटाते हुए संशोधित नियम जारी किए जाएं तथा जोनल रेलवे को इंटेक कोटा के तहत पद परिवर्तन किए जाने के निर्देश जारी किए जाएं.
- कोर्स कंप्लीट एक्ट अप्रेंटिस जो बैच 109 के हैं तथा दिनांक 12/04/2019 को जिनकी आयु अधिक हो गई है उनके प्रकरण में छूट देते हुए इनकी नियुक्ति पर विचार किया जाएं.
- कैडर रिस्ट्रक्चरिंग कमेटी का कार्य तेजी से किया जाएं, समयबद्ध तरीके से इसका कार्य पूरा किया जाएं.
- जब रेलवे आवास में रहने वाले कर्मचारियों से विद्युत प्रभार, अन्य उपभोक्ताओं के समान टेरीफ़ अनुसार लिया जा रहा है तब उन्हें फ्री बिजली यूनिट का लाभ भी अन्य उपभोक्ताओं के समान दिया जाना चाहिए.
- रनिंग स्टाफ को मिलने वाले किलोमीटर भत्ते के 70% भाग को आयकर मुक्त करना चाहिए इस पर शीघ्र निर्णय कराना चाहिए. रेलवे को वित्त मंत्रालय को समझा कर हल करना चाहिए. इसी प्रकार कोविड- 19 में जब गाड़ियां बंद थी उस अवधि के एएलके के भुगतान के निर्देश प्रदान करें.
- खिलाड़ियों के प्रोत्साहन, आउट ऑफ टर्न पदोन्नति आदि के आरबीई 189बी / 2010 के बाद कई करेकशन जारी हो गए. up to date, consolidate निर्देश जारी किए जाने चाहिए.
- लेवल-1 के पदों पर खिलाड़ियों की भर्ती पुराने मापदंडों अनुसार ही की जाएं.
- पदों के सरेंडर का दबाव रेलवे बोर्ड से बनाया जा रहा है यह उचित नहीं है, रेलों की संरक्षा पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा. ऐसे आदेश रोके जाएं.
- वरिष्ठ लिपिक पदोन्नति कोटा में लिखित परीक्षा की पद्धति समाप्त की जाएं.
- लिपिकीय कोटि में टाइप टेस्ट बंद होना चाहिए केवल कंप्यूटर के ज्ञान को पर्याप्त माना जाना
- एलएचबी कोच में ट्रेन मैनेजर के केबिन में डॉग बॉक्स को री-डिजाइन किया जाना चाहिए.
- रेलवे बोर्ड द्वारा स्टाफ के संबंध में बनाई गई नीतियों में बदलाव बिना मान्यता प्राप्त फेडरेशन से चर्चा किए नहीं किया जाना चाहिए.
- दूसरी पत्नी के प्रकरण में अनुकंपा भर्ती मामलों में पूर्व के मामले भी देखें जाएं।
- उदयपुर ZRTI में NTPC पैनल को प्रशिक्षण देने के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं.
- रेलवे में पदों के सृजन के विषय में वित्त मंत्रालय का कहना कि हमारा कोई प्रतिबंध नहीं हैं. हमारे साथ वित्त विभाग के सचिव एवं रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की बैठक आयोजित कराई जाएं.
- टीटीई विश्राम गृहों की स्थिति बहुत खराब है, उन्हें दुरुस्त कराया जाएं.
- कीमैन / ट्रैक मेंटेनर / मेट / गेटमैन को विभिन्न उपकरण देने के आदेश क्रियान्वित नहीं हो रहे हैं.
- ट्रेन मैनेजर को एमएसीपी के तहत आर्थिक प्रोन्नति प्रदान नहीं की जा रही हैं.
- स्टेशन मास्टर जो सीधे तौर पर पब्लिक के संपर्क में नहीं आते हैं उन्हें आवधिक स्थानांतरण नहीं किया जाना चाहिए.
- लेवल-1 में किसी भी विभाग में आपसी स्थानांतरण के आदेश क्रियान्वित नहीं हो रहे हैं.
- महिलाएं जो प्रेग्नेंट हैं उन्हे रनिंग ड्यूटी से दूर रखा जाना चाहिए.
- एसी कोचिंग स्टाफ को विश्राम सुविधा दी जानी चाहिए.
- परिवार पेंशन प्राप्त करने वाले आश्रित को माता-पिता की मृत्यु के बाद चिकित्सा सुविधा भी दी जाएं.
- ACCI को LHB कोच में बर्थ और टूलबॉक्स उपलब्ध कराने का कार्य प्रगति पर हैं.
- AIRF PNM Item 26/2018 – ट्रैकमेंटनेर को ग्रेड वेतन 4200 देने के मद पर बोर्ड ने मना कर दिया, कि उनके सुपरवाइजर जेई का भी ग्रेड यही है. इस पर AIRF ने विस्तृत चर्चा की और बताया कि आर्टिजन में MCF और सुपरवाइजर का ग्रेड भी एक ही है, इसके बाद इस विषय पर पुनः समीक्षा करके निर्णय लेने पर बोर्ड सहमत हुआ.
- AIRF PNM item 49/2018 – बोर्ड ने बताया की रेल पथ सुपरवाइजर के निरीक्षण शेड्यूल कम करते हुए संशोधित निर्देश जारी कर दिए है.
- AIRF PNM Item 11/2023- पेट्रोलिंग में 2 ट्रैकमेंटनेर चलाने और PW मैन्युअल में पेट्रोलिंग के 20 KM को हटाने पर गहन चर्चा हुई. रेलवे बोर्ड के अपर सदस्य इंजीनियरिंग ने इसकी समीक्षा करके निर्णय करने का आश्वासन दिया.
- AIRF PNM Item 49/2016 – रेलवे आवास की दुर्दशा को लेकर विस्तृत चर्चा के बाद तय किया गया कि निधि का उपयोग सही तरीके से हो इस पर कार्यवाही की जाएगी. पुराने आवास जिनकी दशा ज्यादा खराब हैं, उनके स्थान पर नए आवास बनाने के प्रस्ताव बनाकर स्वीकृत कराये जाएंगे.
- AIRF PNM Item 41/2018- निर्माण विभाग में कार्यरत ट्रैकमेंटनेर को हार्ड डयूटी भत्ता मिलना चाहिए, इस पर रेलवे बोर्ड पुनः समीक्षा कर रहा है.