रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली.
भारी बहुमत से चुनकर दूसरी बार केंद्र में आयी एनडीए की सरकार में एक बार फिर से रेलवे का दायित्व पीयूष गोयल को सौंपा गया है. इस बार उन्हें कॉमर्स और इंडस्ट्री का अतिरिक्त मंत्रालय भी दिया गया है. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बतौर रेलमंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे में बदलाव के लिए बड़े कदम उठाए. उनका जोर टेक्नोलॉजी पर अधिक रहा जिसका असर यात्रियों की सेफ्टी पर अब दिख रहा है. पीयूष गोयल फिलहाल राज्यसभा में सदस्य हैं. इससे पहले वो 2014 से 2017 तक पावर, कोल मंत्रालय में राज्य मंत्री भी थे. उन्होंने बिजली मंत्री रहते हुए कई बड़े निर्णय से सबको चौंकाया. इस बार अंगडी सुरेश चन्नबसप्पा को रेल राज्य मंत्री बनाया गया है. हालांकि पूर्व की तरह मनोज कुमार को इस बार रेल राज्यमंत्री बनाने की घोषणा तो नहीं की गयी है लेकिन ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि मनोज कुमार को मोदी सरकार के कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने उदय स्कीम और 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाने में भी बड़ी भूमिका निभाई. पीयूष गोयल सीए भी हैं. इसके अलावा वो मुंबई यूनिवर्सिटी से सैकंड रैंक होल्डर भी हैं.पीयूष गोयल ने एलईडी बल्ब बांटने वाली स्कीम उजाला में भी बड़ी भूमिका निभाई. पीयूष गोयल का जन्म 13 जून 1964 को हुआ. गोयल को सितंबर 2017 में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. गोयल ने बीजेपी के नेशनल ट्रेजरर की भूमिका भी निभाई है. गोयल ने अपने करियर की शुरूआत इन्वेस्टमेंट बैंक के तौर पर की थी. वो कई बैंकों के बोर्ड में भी रह चुके हैं. गोयल के दूसरे कार्यकाल से रेलवे को बड़ी उम्मीदें हैं. जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में रेलवे में कई बड़े सुधार देखने को मिल सकते हैं.