PATNA. संजय गांधी जैविक उद्यान पटना के 3डी हॉल में टॉय-ट्रेन के पुनः संचालन के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और दानापुर रेल मंडल के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है.
संजय गांधी जैविक उद्यान में टाय रेल का परिचालन 1977 में प्रारंभ किया गया था. राज्य सरकार के अनुरोध पर भारतीय रेलवे द्वारा “बच्चों की रेलगाड़ी” (एक इंजन एवं दो डिब्बे) उपहार के रूप में पटना जू को दी गयी. इसमें टाटा ग्रुप के द्वारा छोटे गेज की रेल पटरी एवं इसे बिछाने के लिए आवश्यक तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया था. यह शिशु रेल पर्यटकों, विशेषकर बच्चों में काफी लोकप्रिय था. इसके पटरी की लम्बाई 1.59 किलोमीटर थी.
वर्ष 2004 में राज्य सरकार के अनुरोध पर रेल मंत्रालय द्वारा कुल चार कोचों वाली एक नई शिशु रेल को उपहार स्वरूप इस उद्यान को दिया गया. एक कोच में 25 यात्रियों के बैठने की क्षमता थी. इसके अतर्गत पुरानी पटरियों की लंबाई 4.26 किमी. विस्तारित की गई.
पटना जू में आ रहे बच्चों, बुर्जुगों एवं दिव्यांगों के लिए अधिक सुविधाजनक एवं अविस्मरणीय बनाने के लिए टॉय ट्रेन के पुनः संचालन का निर्णय विभाग द्वारा लिया गया. इसके लिए उच्चस्तरीय बैठकों के उपरांत निर्णय लिया गया कि दानापुर रेल डिविजन के माध्यम से इस कार्य को कराया जाए.
वर्तमान में टॉय ट्रेन के ट्रैक की लम्बाई लगभग 3.7 कि.मी. होगी. नए टॉय ट्रेन में बैट्री ऑपरेटेड ईको-फ्रेंडली इंजन के साथ 4 कोच (प्रति कोच 20-30 पर्यटकों की बैठने की क्षमता) उपलब्ध रहेंगे. वर्तमान टॉय ट्रेन पूर्वनिर्मित रेलवे स्टेशन से विभिन्न वन्यजीवों के इंक्लोजर होते हुए गैंडा हॉल्ट, जंगल ट्रेल, मछलीघर हॉल्ट से गुजरेगी. यह बच्चों के लिए काफी अनोखा एवं रोमांचक अनुभव होगा.