NEW DELHI. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को संसद में पूर्व मध्य रेलवे के बरौनी स्टेशन पर कर्मचारियों के बीच संवाद की कमी के कारण रेलकर्मी की जाने जाने के मामले में स्थिति स्पष्ट की. रेलमंत्री ने कहा कि यह घटना कपलिंग/अनकपलिंग से जुड़ी हुई नहीं थी. घटना के सामने आने व वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर रेलवे कर्मियों की सुरक्षा को लेकर बहस छिड़ गई थी.
सोशल मीडिया पर दर्दनाक हादसे की तस्वीर वायरल हुई थी, इसमें एक रेलवे कर्मचारी शंटिंग ऑपरेशन के दौरान ट्रेन के इंजन और कोच के बफर के बीच कुचल गया था. दुखद घटना के बाद रेलवे यूनियन ने स्पष्ट किया है कि यह हादसा ट्रेन के कपलिंग/अनकपलिंग के कारण नहीं हुआ था, बल्कि यह कर्मचारियों के बीच गलत कम्यूनिकेशन की वजह से हुआ था.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को संसद में यह माना कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना पूर्व मध्य रेलवे में कर्मचारियों के बीच संचार की गड़बड़ी के कारण घटी, और यह कपलिंग/अनकपलिंग से जुड़ी हुई नहीं थी. घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर रेलकर्मियों की सुरक्षा को लेकर बहस छिड़ गई थी. इसके साथ ही कई लोगों ने ऑटोमैटिक कपलिंग सिस्टम के उपयोग की मांग की थी, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके.
शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने सांसद में यह सवाल उठाया था कि क्या सरकार के पास 2019 के बाद
मैन्युअल कपलिंग से संबंधित दुर्घटनाओं और मौतों का डेटा है. इस पर जबाव देते हुए रेल मंत्री ने कहा, “1960 के दशक में डिज़ाइन किए गए ICF कोच में स्क्रू कपलिंग और साइड बफर होते थे, जिनमें कोचों को मैन्युअल रूप से जोड़ा जाता था. इसके बाद 1999-2000 में LHB कोच पेश किए गए, जिनमें सेंटर बफर कपलर्स होते हैं, और इनकी कपलिंग बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के होती है.
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