- झमाझम बारिश के बीच पश्चिम रेलवे कर्मचारी पुरानी पेंशन संघर्ष समिति ने भरी हुंकार
- केन्द्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम को लागूू करने की बनाई रणनीति
रेल हंट ब्यूरो, अहमदाबाद
पश्चिम रेलवे कर्मचारी पुरानी पेंशन संघर्ष समिति के आह्वान पर अहमदाबाद कोचिंग डिपो में आयोजित कार्यशाला में कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन को वापस पाने की हुंकार भरी. कार्यशाला में केन्द्र सरकार एवं गुजरात सरकार के कर्मचारियों ने मोदी सरकार पर पुरानी पेंशन व्यवस्था पुनः बहाल करने के लिए दबाव बनाने की रणनीति बनाई. कर्मचारियों का कहना था कि नई पेंशन स्कीम को लागू कर सरकार ने उनके बुढ़ापे की लाठी छीन ली है.
सभा में मुख्य वक्ता के रूप उपस्थित इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स युनियन (IRSTMU) के महासचिव तथा पश्चिम रेलवे कर्मचारी पुरानी पेंशन संघर्ष समिति (WRECMOPS) के संस्थापक आलोक चन्द्र प्रकाश ने राखी की प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को अपने पास सुरक्षित रखा है इससे यह उम्मीद जगी है कि उनकी ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग जल्द ही पूरी की जाएगी. आलोक चंद्र में सवाल उठाया की वर्तमान सरकार सभी वर्ग के नागरिकों, साधु और संतों को भी पेंशन देने की योजना बना रही है सरकारी कर्मचारियों को पहले से पुरानी पेंशन व्यवस्था को खत्म कर आखिर सरकार क्या साबित करना चाहती है? कहीं न कहीं हम कर्मचारियों का पैसा पूँजी निवेश के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और देश के विकास में हम कर्मचारियों का पैसा अहम भूमिका निभा रहा है तो फिर हम कर्मचारियों के बुढापे का सहारा पुरानी पेंशन क्यों छीना जा रहा है. कहीं न कहीं सभी सरकारें चाहे केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार हम कर्मचारियों का पैसा पूँजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस्तेमाल कर रही है जिसे तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए.
चन्द्र प्रकाश ने कहा कि जो कर्मचारी यह सोच कर घर में चैन से बैठे हैं कि मैं नहीं जाऊँगा तो भी चलेगा ऐसे कर्मचारियों को लिए उन्होंने कहा कि आपकी सोच गलत है कि अहमदाबाद में मिटिंग का आयोजन से पेंशन बहाल थोड़े होगी? वास्तव में पुरानी पेंशन एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है और वह यह भी नज़र रख रही है कि वास्तव में कितने कर्मचारी पुरानी पेंशन के संघर्ष के लिए अपनी एकता और अखंडता को मजबूत कर रहे हैं. सरकार को जिस दिन यह एहसास हो गया कि कर्मचारियों का एक बड़ा हिस्सा आन्दोलनरत है उसी दिन पुरानी पेंशन बहाल कर दिया जाएगा परन्तु आज हम कर्मचारियों को और जागरूक होने की आवश्यकता है.
सभा को संबोधित करते हुए गुजरात राज्य सरकार के कर्मचारियों ने फिक्सड पे के मुद्दे की चर्चा करते हुए बताया कि हम कर्मचारियों को तो सरकार पूरी तनख्वाह तक नहीं दे रही है. गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी गुजरात सरकार कर्मचारियों को पूरी तनख्वाह नहीं दे रही है और तो और गुजरात सरकार ने मामले को माननीय उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. इन सभी से सरकार की कर्मचारियों का शोषण करने की भरपूर मनसा दिखाईं दे रही है.
सभा में पश्चिम रेलवे कर्मचारी पुरानी पेंशन संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि पुरानी पेंशन के मुकाम को हासिल करने के लिए हमें संगठित होने की आवश्यकता है और हम इस लड़ाई को संगठित होकर ही जीत सकते हैं. संगठन के उपसचिव अशोक यादव जी ने कर्मचारियों को इस आन्दोलन में तन मन धन से सहयोग करने के लिए प्रेरित किया. सभा के अन्त में मुख्य वक्ता आलोक चन्द्र प्रकाश ने घोषणा की कि आने वाले समय में अगर सरकार ने पुरानी पेंशन की बहाली के लिए कुछ ठोस कदम नहीं उठाया गया है तो पूरे देश में सभी केन्द्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारी मिल कर आन्दोलन को निर्णायक बनाने के लिए ठोस कदम उठाएंगें तथा पूरे देश में एक दिवसीय उपवास तथा काली पट्टी बांधकर अपनी नौकरी करते हुए काला दिवस मनाया जाएगा. संगठन के सहमंत्री धर्मेन्द्र जी ने सभी कर्मचारियों का धन्यवाद किया जो भारी बारिश में भी मिटिंग में उपस्थित हो कर मिटिंग को सफल बनाया.