- हिन्दी में कामकाज के लिये केन्द्र सरकार के कार्यालयों में सबसे अधिक अंक के साथ पूर्वोत्तर रेलवे आगे
GORAKHPUR. पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सुश्री सौम्या माथुर ने ‘नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति’ की 29 अप्रैल 2024 को महाप्रबंधक सभागार, गोरखपुर में आयोजित बैठक में साल 2023 में राजभाषा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन एवं भारतीय खाद्य निगम को शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस मौके पर जीएम ने तीनों संगठनों को राजभाषा के प्रयोग-प्रसार की दिशा में जागरूकता बरतते हुए कमियों को दूर करने को कहा.
महाप्रबंधक ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के साथ-साथ संसदीय राजभाषा समिति के निर्देषों का हमें अनुपालन करना है. कहा कि राजभाषा की तिमाही बैठकें, हिन्दी कार्यशालाएं, संगोष्ठियां आदि नियमित आयोजित की जाये. इस मौके पर अपर महाप्रबंधक डीके सिंह, राजभाषा विभाग के उप निदेशक डॉ छबील कुमार मेहेर, गोरखपुर नगर स्थित केन्द्र सरकार के कार्यालयों, निगमों एवं उपक्रमों के प्रमुख/प्रतिनिधि तथा राजभाषा विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.
कार्यक्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रमुख सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि कुल 46 सदस्य कार्यालयों में से 43 कार्यलायों ने वेबपोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है. सभी सदस्य कार्यालयों को निर्धारित रिपोर्टें नियमित रूप से समिति सचिवालय को भेजने को कहा गया है. हिन्दी में कामकाज के लिये केन्द्र सरकार के कार्यालयों में सर्वाधिक अंक पूर्वोत्तर रेलवे को प्राप्त हुए हैं.
अंग्रेजी का उपयोग गुलामी की मानसिकता का प्रतीक है : डॉ छबील
इस मौके पर गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के प्रतिनिधि उप निदेशक, राजभाषा कार्यान्वय डॉ छबील कुमार मेहेर ने कहा कि कार्यशालाओं से हिन्दी को बढ़ावा मिलता है तथा कमियां दूर होती है. उन्होंने कहा कि हमें स्वेच्छा से हिन्दी में कार्य करना चाहिये. अंग्रेजी का उपयोग गुलामी की मानसिकता का प्रतीक है. हमें अंग्रेजी भाषा की जानकारी रखनी चाहिये परन्तु अपने शब्दों में हिन्दी का प्रयोग करना चाहिये. आज हिन्दी देश की सबसे बड़ी जरूरत है. राजभाषा नियमों का उल्लघन नहीं होना चाहिये.
इस मौके पर पूर्वोत्तर रेलवे के उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं स्टेशन निदेशक, गोरखपुर जय प्रकाश सिंह, राजभाषा अधिकारी मो. अरशद मिर्जा व अन्य सदस्य शामिल थे.