नई दिल्ली. रेल मंत्रालय ने 15 अगस्त 2022 (सोमवार) से ट्रांसफर माड्यूल लांच किया है. इस सॉफ्टवेयर को सेंटर फोर रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम (CRIS) ने तैयार किया है. जिसे एचआरएमएस (HRMS) नाम दिया गया है. कहा जा रहा है कि नये माड्यूल ट्रांसफर के मामलों में बेहतर व पारदर्शी व्यवस्था बनायेगा. इससे रेलकर्मियों को काफी मदद मिलेगी. ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम काफी प्रभावी होगा. इससे पहले रेलवे ने रेलकर्मियों के पास-पीटीओ सिस्टम को भी इस माड्यूल से जोड़ा है.
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारतीय रेलवे ने इसे लांच किया. रेलवे की पूर्व की व्यवस्था के तहत डिवीजन और जोनवार तबादले ही तिगड़म के आधार पर होते थे. इसमें रेलकर्मियों को काफी मशक्कत का सामाना करना पड़ता है. इंटर डिवीजन या इंटर जोनल ट्रांसफर तो दूर की बात इसके लिए बड़ी पैरवी और रेलवे बोर्ड और जोन स्तर तक पहुंच की जरूरत थी. हां कुछ राहत म्यूचुअल ट्रांसफर के मामलों में मिलती थी लेकिन वैसे केस में भी कई ऐसे मामले सामने आये है जिसमें डिवीजन स्तर पर कई कारण दिखाकर रेलकर्मियों को रिलीज नहीं किया गया.
ऐसे में 15 अगस्त 2022 (सोमवार) से लांच किया गया नया ट्रांसफर माड्यूल HRMS कितना प्रभावी होगा यह तो समय ही बतायेगा. अब तक मिली जानकारी के अनुसार इंटर जोनल और इंटर डिविजनल ट्रांसफर के लिए सभी एप्लीकेशन इसी के जरिये फाइनल होंगी. इसके पहले से ट्रांसफर की पेंएप्लीकेशन को अपलोड किया जाएगा. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इससे ट्रांसफर में पारदर्शिता आयेगी.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार रेलकर्मी एचआरएमएस में ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा. एक ही जगह के लिए दो आवेदन आने पर पहले वाले को वरीयता दी जाएगी. कर्मचारी के आवेदन पत्र पर सुपरवाइजर, ब्रांच अधिकारी और कार्मिक विभाग के अधिकारी भी अपनी राय दे सकेंगे. हालांकि ट्रांसफर पर अंतिम निर्णय डीआरएम या एडीआरएम का ही होगा.
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