कानपुर. उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने बुधवार 1 जून की देर रात कानपुर सेंट्रल स्टेशन के स्टॉल पर अवैध वसूली और ओवर चार्जिंग को पकड़ा. बताया जाता है कि लगातार मिल रही शिकायतों पर जीएम स्वयं सामान्य यात्री बनकर स्टेशन पहुंचे और वेंडर से पानी के बोतल की मांग की. वेंडर ने उनसे 15 रुपये की जगह 20 रुपये वसूला.
यह बताया जाता हैकि स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से स्टेशन पर स्टॉल संचालक ओवर चार्जिंग कर रहे थे. यात्रियों की लगातार शिकायत पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. यह खेल लंबे समय से चल रहा था. हालांकि रेलवे के कई स्टेशनों पर स्टॉल पर ओेवर चार्जिंग की शिकायतें आती रही हैं. इसमें स्थानीय अधिकारी की मिलीभगत से मामलों को निबटा दिया जाता है.
मीडिया में आयी खबरों के अनुसार जीएम प्रमोद कुमार की औचक जांच में सच तो सामने आ गया है अब यह देखना है इस मामले में उनकी कार्रवाई की आंच कहां तक पहुंचती है. नीचे से ऊपर तक के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाती है अथवा मामले को हमेशा की तरह लीपापोती कर दी जाती है? कभी कोई बड़ी कार्रवाई अथवा स्टॉल को रद्द करने जैसी कार्रवाई यहां अब तक नहीं की गयी है.
यात्रियों की मानें तो यही स्थिति ट्रेनों में भी हो रही है. अवैध हॉकर और ओवरचार्जिंग से यात्री परेशान है. सार्वजनिक भ्रष्टाचार और यात्री शिकायतों को लेकर जब कभी कार्रवाई की बात आती है कि आरपीएफ और वाणिज्य विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर फेंकाफेंकी करने लगते हैं. इसमें अवैध वेंडरों की भूमिका को लेकर आरपीएफ का मौन जगजाहिर है. आरपीएफ के लोग अवैध वेंडर को तो स्टॉल संचालकों को वाणिज्य विभाग के निरीक्षक और अधिकारी बचाते नजर आते हैं. इसका कारण भी जगजाहिर है.
इस तरह किसी भी जोन में आरपीएफ ओर वाणिज्य विभाग के अधिकारी व निरीक्षण इस कृत्य के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है लेकिन उनके उन्हें संरक्षण मंडल के अधिकारी देते हैं ओर जोन तक बात पहुंचने से पहले ही मामलों को दबा दिया जाता है. शायद यहीं कारण है कि रेलमंत्री के लगातार प्रयासों के बाद भी ट्रेन व स्टेशन पर यात्रियों से ओवर चार्जिंग की घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रहा है.
मीडिया में आयी खबरों के अनुसार एनसीआर जीएम ब्रह्मपुत्र मेल में लगे आने निरीक्षण यान से प्रयागराज से कानपुर सेंट्रल पहुंचे थे. निरीक्षण यान से निकलकर करीब सवा 12 बजे आम यात्री बनकर सिर पर अंगौछा लपेटकर स्टॉल पहुंचे. प्लेटफार्म नंबर सात पर उन्होंने पानी मांगा, तो उन्हें 15 रुपये के बजाय 20 रुपए की रेलनीर पानी की बोतल दी गई. इसके अलावा स्टॉलों पर कई अनियमितताएं मिलीं तो अनाधिकृत यात्रियों के अलावा अराजकता भी दिखी .
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ डॉ. शिवम शर्मा ने मीडिया को बताया कि स्पेशल यान से निकलने की भी किसी को जानकारी नहीं दी. किसी करीबी के साथ भेष बदलकर निकले. उन्हें ओवरचार्जिंग समेत कई अन्य अनियमितताएं मिली हैं. इस पर सख्त कारवाई की जायेगी. निगरानी की कमी की श्रेणी में भी ये मामला आता है. संबंधित जिम्मेदारों की भी जवाबदेही तय की जायेगी.