दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कोयला लोड मालगाड़ी के 13 डिब्बे शनिवार 30 अप्रैल की सुबह पटरी से उतर गये. इससे सेक्शन पर ट्रेनों का परिचालन बुरी तरह प्रभावित रहा है. मालगाड़ी के डिब्बों के डिरेल होने के साथ पटरियों कई जगह से टूटकर उखड़ गयी. यह हादसा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर शनिवार एसएन भरथना और न्यू इकदिल रेलवे स्टेशनों के बीच हुआ.
मालगाड़ी कानपुर से नई दिल्ली जा रही थी. घटना के बाद पटरी और ओएचई की मरम्मत का काम तेज कर दिया गया है. दुर्घटना राहत ट्रेन दिल्ली, आगरा और झांसी से पहुंचकर क्षतिग्रस्त बोगियों को हटाने का काम शुरू कर दिया है. देर शाम तक पटरी को दुरुस्त करने में लोग लगे थे. भीषण गर्मी के बीच मालगाड़ी दुर्घटना का असर कई ट्रेनों पर पड़ा है.
जिस ट्रैक पर यह दुर्घटना घटी उस पर बीते वर्ष से ही मालगाड़ियों का परिचालन शुरू किया गया था. कुछ लोगों का कहना है कि मालगाड़ी के एक वैगन का पहिया कई किलोमीटर पहले से आवाज कर रहा था. यहां पहुंचने पर वैगन पटरी से उतर गया और मालगाड़ी दो हिस्सों में बट गई. इंजन के साथ कुछ डिब्बे आगे चले गए, जबकि पीछे के डिब्बे पटरी से उतरकर पलट गए.
ऐसा नहीं है कि इटावा में डीफसी रूट पर यह कोई पहला हादसा हुआ है. बीते साल अगस्त माह में भी इस सेक्शन पर एक मालगाड़ी डिरेल हुई थी. इटावा से 25 किमी दूर जसवंतनगर व बलरई के बीच खुर्जा से कानपुर जा रही मालगाड़ी के 17 वैगन पटरी से उतर गए थे. कुछ वैगन पलट गए थे. इस दुर्घटना में आधा किमी तक रेलवे ट्रैक उखड़ गया था और आठ वैगन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए थे.
एक बार फिर सेक्शन पर मालगाड़ी दुर्घटना को लेकर रेलवे ट्रैक और वैगन के मेंटेनेस को बिंदु बनाकर दो विभागों में टकराव होना तय हैं. कारण चाहे जो भी रहे हो अगर गंभीरता दिखायी गयी होती तो शायद इस दुर्घटना को टाला जा सकता था.