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रेलवे ने लगेज चार्ज के नियम में बदलाव की सूचना को बताया गलत, गुमराह न हो यात्री

रेलवे ने लगेज चार्ज के नियम में बदलाव की सूचना को बताया गलत, गुमराह न हो यात्री

नई दिल्ली.  सोशल मीडिया और चुनिंदा नामी मीडिया बेवपोर्टल पर चल रही उन खबरों का रेलवे ने खंडन किया है जिसमें यात्रा के दौरान लगेज (सामान) ले जाने से जुड़े नियमों में बदलाव की बात कही जा रही है. रेलवे की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि जो नियम हैं पूर्व से बने है और उनमें अब तक कोई नया बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि रेलवे ने नियमों के तहत यात्रियों को लगेज बुकिंग के लिए प्रोत्साहित किया है और बताया है कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें नियमों के तहत छह गुना तक जुर्माना देना पड़ सकती है. यह नियम 10 साल पुराना है. रेलवे की ओर से बताया गया है कि यात्रा के दौरान निर्धारित वजन का लगेज ले जाने का उद्देश्य ट्रेन और स्टेशन पर यात्रियों को असुविधा से बचाना है.

रेलवे अधिकारियों के अनुसार स्लीपर क्लास में 40, थर्ड/सैकंड एसी में 50 और फर्स्ट एसी में 70 किलो तक लगेज ले जा सकते हैं, जिसे सोशल मीडिया पर रेलवे का नियमों में बदलाव बताकर वायरल किया जा रहा है, जबकि ये प्रावधान पुराना है. वहीं अगर बात लगेज का वजन लेने की करी जाए, तो रेलवे के पास चलती ट्रेन में इसे तोलने का कोई मैकेनिज्म नहीं है.

यहां बताना होगा कि यात्रा के दौरान चूल्हा, सिलेंडर, किसी तरह का ज्वलनशील कैमिकल, पटाखे, तेजाब, बदबूदार वस्तु, चमड़ा या गीली खाल, तेल, ग्रीस, घी व ऐसी वस्तु जिसके टूटने या टपकने से लगेज या यात्रियों को नुकसान होने वाली वस्तुओं के ले जाने पर पहले से प्रतिबंध लागू हैं. जांच के दौरान लगेज में ये मिलता है तो रेलवे एक्ट की धारा 164 के तहत कार्रवाई हो सकती है.

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