नई दिल्ली. रेलवे युनियन चुनाव की आहट के साथ ही रेलकर्मियों के बीच जमीन की तलाश में फेडरेशन के आला नेता जुट गये हैं. इस क्रम में छोटी-छोटी इकाईयों और विभागों में बंटे संगठनों को अपने पाले में करने की कवायद तेज हो गयी है. वहीं दूसरी ओर जोन व मंडल में सक्रिय संगठन भी फेडरेशन के साथ जुड़ने का प्रयास कर रहे है ताकि अपनी पहचान राष्ट्रीय बनाने के साथ ही रेलकर्मियों की समस्याओं को दूर करने के लिए संयुक्त प्रयास कर सकें.
इस क्रम में 26 दिसंबर को नई दिल्ली में नेशनल फेडेरशन ऑफ इंडियन रेलवे NFIR और रेल कर्मचारी ट्रैकमेन्टेनर एसोसिएशन RKTA के नेताओं के बीच कई मुद्दों पर आम सहमति बनाने का प्रयास किया गया. RKTA यानि रेल कर्मचारी ट्रैकमेन्टेनर एसोसिएशन के राष्ट्रीय व 12 जोनल से आये पदाधिकारियों ने अध्यक्ष वी रवि और महामंत्री प्रमोद डांगी की अगुवाई में nfir के मुख्यालय दिल्ली में महासचिव डॉ एम राघवैया से मुलाकात की. इस मौके पर ओर URMU के जोनल महासचिव बीसी शर्मा भी मौजूद थे.
RKTA wcr के जोनल महासचिव अनिल कुमार सैनी जारी बयान में बताया कि NFIR के साथ प्रमुख मुद्दों को लेकर हुई बातचीत में महासचिव डॉ एम राघवैया ने आश्वस्त किया कि वह ट्रैकमैन संगठन की सभी प्रमुख मांगों को रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से मिलकर जल्द ही हल करवायेंगे. RKTA की मांग पर NFIR महासचिव ने यह भी आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय स्तर के अलावा हर जोन से लेकर ब्रांच तक RKTA के पदाधिकारियों को प्रतिनिधित्व दिया जायेगा. इसके लिए डॉ एम राघवैया सभी जोनल महासचिव को जरूरी निर्देश जारी करेंगे.
अनिल सैनी ने बताया कि NFIR की ओर से यह भी आश्वासन मिला है कि वह ट्रैकमैन हित में ट्रैकमैन कैडर की लड़ाई को हर जोनल ओर राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से लड़ेगी ओर ट्रैकमैन की समस्याएं दूर करवाने में अहम भूमिका निभायेगी.
एनएफआईआर के सामने आरकेटीए द्वारा रखी गयी मांगें
- सभी प्रकार की पैट्रोलिंग कुल 12 किमी की जाये व एक साथ दो पैट्रोलमेन साथ चले.
- GPS की तर्ज पर हर पैट्रोलमेन व किमेन को रक्षक डिवाइस उपलब्ध करवाएं जाये ताकि रोज रोज रनओवर हो रही घटनाओं से बचा जा सके.
- LDCE OPEN TO ALL कर हमारे कैडर के साथ हो रहे भेदभाव को दूर किया जाए .
- 10% व 40% इंटेक कोटा में आयु सीमा की बाध्यता को समाप्त कर 1800,1900,2400 ग्रेड तक हर वर्ष निकाला जाए .
- 2700 हार्ड व रिस्क अलाउंस को वेतन का 30 प्रतिशत कर इसे मूल वेतन में जोङा जाए .
- 30 प्रतिशत संक्रमण भत्ता दिया जाए ताकि ट्रेकमेन ट्रेक पर फैली गंदगी में काम करते समय संक्रमित हो तो अपना ईलाज करवा सके .
- वर्दी अलाउंस 5000 से बढाकर 10000 करवाया जाए व विंटर जैकेट, शूज, रैन कोट व अन्य सामान जो हमें रेल निम्न वैरायटी के दे रही है उसकी जगह हमें कैश भुगतान किया जाए .
- गैट मेन की ड्यूटी 8 घंटे की जाए व 12 घंटे लेने पर 4 घंटे का समयोपरी भत्ता दिया जाना चाहिए व गैट से 500 मीटर की दूरी पर क्वार्टर होने पर सप्ताह में दो रेस्ट लागु हो .
- ट्रेकमेन की ड्यूटी रेस्ट को शामिल करते हुए 8 घंटे की हो .
- सभी ग्रुप डी की भर्ती को ट्रेक मेन कैडर में ली जाए व पूराने ट्रेक मेन की इच्छानुसार अन्य विभागों में भेजा जाना चाहिए .
- महिला ट्रेक मेन का विभाग परिवर्तन किया जाए .
- रैंकर व LDCE JE pway की रिक्तियों को हर ज़ोन में प्रतिवर्ष भरा जाए एवम इसके 20% 20% कोटे को पुनः 50% 25% किया जाए व PCM की बाध्यता हटाई जाए.
- 1800 ग्रेड को समाप्त कर 4200 ग्रेड तक प्रमोशन दिया जाए .