- देश भर के कई जोन में रेलवे पास के दुरुपयोग का मामला आया है सामने
- उत्तर रेलवे में एक पास पर 56 से अधिक बार आरक्षण कराने का मामला आया था
- विजिलेंस की सक्रियता के बाद कई जोन में कार्रवाई की जा रही है
कटिहार. सिलिगुड़ी के सीनियर कामर्शियल क्लर्क परविंदर सिंह डिलोन को पास का दुरुपयोग करने के आरोप में सेवामुक्त कर दिया गया है. क्लर्क को सेवामुक्त करने का आदेश कटिहार मंडल के एपीओ-2 एके झा ने शुक्रवार 23 मार्च को जारी किया. परिवंदर सिंह डिलोन पर रेलवे पास का दुरुपयोग करने के मामले में जांच के बाद यह कार्रवाई की गयी है. रेलवे विजिलेंस टीम के अमित दत्ता ने 18.1.2015 को पास के दुरुपयोग करने के मामले में सीनियर कामर्शियल क्लर्क परविंदर सिंह डिलोन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी थी. जांच प्रक्रिया के बाद उन्हें सेवामुक्त करने का आदेश जारी किया गया.
कटिहार एपीओ ने तत्काल प्रभाव से परविंदर सिंह सीनियर कामर्शियल क्लर्क परविंदर सिंह डिलोन का वेतन रोकने और उपस्थिति पंजी से नाम हटाने का आदेश जारी किया है. रेलवे सर्विस रुल में पास का दुरुपयोग करने पर सेवा से मुक्त करने का प्रावधान है.
रेलवे पास के दुरुपयोग का मामला पूरे रेलवे में बड़े पैमाने पर चल रहा था. एक पास पर कई-कई बार टिकट बनाकर उसका दुरुपयोग रेलकर्मी कर रहे थे. सबसे पहले रेलवे विजिलेंस ने यह मामला पकड़ा. इसके बाद देश भर के सभी जोनल रेलवे में सख्ती शुरू की गयी. उत्तर रेलवे में भी लगभग 80 से अधिक रेलकर्मी रेलवे पास के दुरुपयोग के मामले में जांच का सामना कर रहे है. यहां एक पास पर 56 बार से अधिकआरक्षण कराने का मामला सामने आया था. इसके बाद रेलवे ने कार्रवाई शुरू की.
दक्षिण पूर्व रेलवे में भी रेलवे पास के दुरुपयोग के मामले में एक बड़े रेलवे नेता का नाम सामने आया था. इसके बाद रेलवे ने कार्रवाई करते हुए सेवामुक्ति के बाद मिलने वाली सुविधा पर रोक लगा दी थी. हालांकि अब भी कहीं-कहीं आरक्षण व बुकिंग कर्मियों की मिलीभगत से रेलवे पास के दुरुपयोग का मामला सामने आता रहा है. हालांकि रेलवे बोर्ड के सख्त दिशानिर्देश के अब अधिकांश रेलकर्मी बिना पास देखे और बिना उस पर हस्ताक्षर किये टिकट बनाने से परहेज कर रहे है.