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SOUTH EASTERN RAILWAY : रेलवे जीएम, ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी समेत 6 अधिकारियों को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भेजा समन

SOUTH EASTERN RAILWAY : रेलवे जीएम, ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी समेत 6 अधिकारियों को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भेजा समन
  • रेलवे पर बिना जमीन अधिग्रहण किये लाइन बिछाने का आरोप, पल्ली सभा का फर्जी आयोजन करने का आरोप   
  • रेल जीएम और ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी समेत 6 अधिकारियों को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का समन जारी
  • आदिवासियों की जमीन हड़पने के मामले में 7 अधिकारियों को दिल्ली में आयोग के समक्ष उपस्थित होना है   

NEW DELHI/KOLKATA. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने जनजाति समुदाय के शिकायत के आलोक में रेल महाप्रबंधक समेत ओडिशा राज्य और सुंदरगढ़ जिला के बड़े-बड़े पदाधिकारियों को शरीर आयोग में उपस्थित होने का समन जारी किया है. जिन अधिकारियों को आयोग द्वारा समन जारी किया गया है उनमें दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा, ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी मनोज अहूजा, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी देव रंजन कुमार सिंह, प्रिंसिपल सेक्रेटरी एसटी एससी डेवलपमेंट संजीव कुमार मिश्रा, सुंदरगढ़ जिला कलेक्टर मनोज सत्यवान महाजन, सुंदरगढ़ एसपी पियूष दिवाकर और शामिल हैं.

SOUTH EASTERN RAILWAY : रेलवे जीएम, ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी समेत 6 अधिकारियों को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भेजा समन

इन सभी अधिकारियों को राष्ट्रीय जनजाति आयोग के सदस्य जातोथू हुसैन के समक्ष 7 जनवरी दिन के 3:50 बजे एससी-एसटी के कोर्ट रूम फ्लोर संख्या बी विंग लोकनायक भवन खान मार्केट न्यू दिल्ली में अनुसंधान और पूछताछ के लिए उपस्थित होने का सामान जारी किया है. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 ए के तहत प्रदत्त संवैधानिक अधिदेश के तहत समन जारी किया है. सभी अधिकारियों को मामले से जुड़े सभी तथ्यपूर्ण दस्तावेजों, अभिलेखों और सबूत के उपस्थित होने का फरमान जारी किया है.

SOUTH EASTERN RAILWAY : रेलवे जीएम, ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी समेत 6 अधिकारियों को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भेजा समनआयोग के द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस समन पर उनकी उपस्थिति अनिवार्य है. राष्ट्रीय जनजाति आयोग की यह कार्रवाई बीते 26 नवम्बर को डेमे उरांव नामक एक पीड़ित ग्रामीण के द्वारा की गयी शिकायत पर की गई है. जिसमें डेमे उराँव ने आयोग को जानकारी दी थी की इन अधिकारियों के कारण आदिवासियों के हक और अधिकार को छीना जा रहा है, पद के पॉवर के बल पर उनका शोषण किया जा रहा है, और उनका अस्तित्व खतरे में है. बता दें की डेमे उरांव ने आरोप लगाया है की रेलवे ने आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्ज़ा कर रेल लाइन का निर्माण कर दिया है. जिससे उनका अस्तित्व खतरे में है. इस मामले में रेलवे समेत ओडिशा राज्य के बड़े अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है.

उल्लेखनीय है कि 10 दिन पहले कपाट मुंडा पंचायत के 12 बांस गांव में रेल लाइन बिछाने के कार्य को लेकर ग्रामीण के जमीन अधिग्रहण मामले को लेकर एक पल्ली सभा का आयोजन किया गया था. आश्चर्य की बात है कि देशभर में यह पहला पल्ली सभा है. जहां निर्माण कार्य पूरा होने के बाद पल्लिसभा किया जा रा है. इस मामले पर भी ग्रामीणों ने एसटी कमीशन को शिकायत की है. की रेल प्रशासन आदिवासियों के जमीन को अधिग्रहण किये बिना ही उसपर रेल लाइन बिछा दिया है. जिसके बाद पल्ली सभा का आयोजन कर ग्रामीणों के साथ ढोंग कर रहा है.

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