- उचित सेवा नहीं होने पर एसीएम समेत जोनल वीआई से वसूला जुर्माना
- स्टेशन ड्यूटी करने वाले वरिष्ठ टिकट चेकिंग स्टाफ फर्जी टीए क्लेम की चल रही जांच
नई दिल्ली. रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम ने 5 अप्रैल को मुंबई राजधानी में छापेमारी कर प्रथम एसी कोच में बिना आथारिटी यात्रा कर रहे एसीएम समेत दो विजिलेंस इंस्पेक्टरों को पकड़ा और जुर्माना कराया. हालांकि पूरे मामले में दिलचस्प बात यह रही कि कार्रवाई की नोट में रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम ने कोच में शराब पीने की बात गायब कर दी. बताया जाता है कि रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम ने उचित सेवा नहीं किये जाने पर यह कार्रवाई की जिसमें मुंबई के एसीएम समेत दो विजिलेंस इंस्पेक्टर समेत कामर्शियल इंस्पेक्टर को आरोपी बनाया.
मुंबई सेंट्रल से रेलवे बोर्ड विजिलेंस के इंस्पेक्टर मानस घोष और रवीन्द्र बॉथम दिल्ली के लिए चले थे. सूरत से दो अन्य वीआई आने वाले थे. सभी फर्जी टीए क्लेम की जांच करने यहां आये थे. स्टेशन ड्यूटी करने वाले वरिष्ठ टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा फर्जी टीए क्लेम करने के इस मामले की जांच रेलवे बोर्ड विजिलेंस द्वारा भारतीय रेल के सभी जोनों/मंडलों में की जा रही है. उस दिन में ट्रेन में सीटीआई केडी शुक्ला थे जो फर्स्ट और सेकेंड एसी कोच देख रहे थे. ट्रेन में मुंबई सेंट्रल के एसीएम राजेश मथूरिया, पश्चिम रेलवे के मुख्य सतर्कता निरीक्षक (सीवीआई) राजेश भाटिया, मुख्य वाणिज्य निरीक्षक (सीएमआई) अमित वर्मा एवं एसआर गावड़े भी यात्रा कर रहे थे. ट्रेन के रवाना होने के बाद सीटीआई केडी शुक्ला ने रेलवे बोर्ड वीआई मानस घोष और रवीन्द्र बॉथम को सेकेंड एसी में बर्थ दी.
दोनों वीआई के कोच में जाते ही राजेश मथूरिया, राकेश भाटिया, अमित वर्मा एवं एसआर गावड़े फर्स्ट एसी कोच एचए-1 की खाली केबिन ‘बी’ में चले गये. एसीएम मथूरिया का आरक्षण किसी अन्य कोच में था जबकि सीवीआई राजेश भाटिया और सीएमआई वर्मा एवं गावड़े का आरक्षण नहीं था. बताया जाता है कि सीटीआई केडी शुक्ला ने रेलवे बोर्ड वीआई को अधिक भाव नहीं दिया. यही मामले में बड़ा फैक्टर बन गया.
इधर फर्स्ट एसी में जमे एसीएम राजेश मथूरिया, वीआई राकेश भाटिया, अमित वर्मा एवं एसआर गावड़े आदि शराब पीने लगे. यह जानकारी रेलवे बोर्ड विजिलेंस इंस्पेक्टर मानस घोष एवं रवींद्र बॉथम को मिली. सूरत तक घोष और बॉथम ने चारों की गतिविधियों को वाच किया. सूरत में रेलवे बोर्ड विजिलेंस के अन्य इंस्पेक्टर भी ट्रेन में आ गये. इसके बाद चारों वीआई ने अचानक फर्स्ट एसी के केबिन में धावा बोलकर सभी को शराब पीते पकड़ लिया. मानस घोष ने पूरी प्रक्रिया की रिकार्डिंग कर ली. ट्रेवल अथॉरिटी किसी के पास नहीं थी. इसके बाद रेलवे बोर्ड विजिलेंस टीम ने सीटीआई केडी शुक्ला को चारों को जुर्माना करने का निर्देश दिया.
हर एक से 5,750 रुपये का जुर्माना मिलाकर 34,000 रुपये वसूले गए. बताया जाता है कि बाद में बनाये गये जॉइंट नोट में रेलवे बोर्ड विजिलेंस ने चारों द्वारा फर्स्ट एसी कूपे में बैठकर शराब पीने का जिक्र नहीं किया गया. इधर यह बात विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हो गयी. मामले में पश्चिम रेलवे मुख्यालय और जोनल विजिलेंस जांच कर रहे है. बताया जाता है कि भ्रष्टाचार में डूबे ऑन डयूटी टिकट चेकिंग स्टाफ विजिलेंस इंस्पेक्टरों (वीआई) की खूब आवभगत करते है. अक्सर वीआई बिना रिजर्वेशन के आते हैं. जिस गाड़ी में जाना होता है, उसकी सूचना गाड़ी के कंडक्टर को दी जाती है और उनकी पसंद का बर्थ उन्हें उपलब्ध करा दिया जाता है. इसके अलावा जोनल व बोर्ड वीआई की सुख-सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाता है. 5 अप्रैल का मामला भी कुछ ऐसा ही था. बताया जाता है कि जोनल वीआई के चक्कर में सीटीआई केडी शुक्ला ने रेलवे बोर्ड विजिलेंस को अधिक भाव नहीं दिया जो बड़ी कार्रवाई का कारण बन गया.