NEW DELHI/Vishakha. डीआरएम/वाल्टेयर/ईसीओआर सौरभ प्रसाद को शनिवार 16 नवंबर 2024 को मुंबई में एक ठेकेदार से ₹25 लाख रिश्वत लेते सीबीआई ने धर दबोचा. सीबीआई के गिरफ्त में आये यह दूसरे डीआरएम है. इससे पहले डीआरएम/गुंटकल बिनीत सिंह को उनके कार्यालय से ही सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. हालांकि अब तक सीबीआई ने डीआरएम के गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है.
बताया जाता है कि सुबह करीब 10 बजे ठेकेदार 25 लाख नकद लेकर कार से आया था. सीबीआई की टीम पूर्व सूचना पर ठेकेदार का पीछा कर रही थी.. इस तरह रुपये लेते डीआरएम को मुंबई में पकड़ा गया है. यह गिरफ्तारी एक होटल से होने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि डीआरएम ने कथित तौर पर मैकेनिकल शाखा से संबंधित एक टेंडर को लेकर ठेकेदार से 25 लाख की मांग की थी.
एक साल पहले ही सौरभ प्रसाद ने यहां डीआरएम का प्रभार अनूप सत्पथी से लिया था. यहां के रेलकर्मियों के बीच चर्चा है कि सौरभ प्रसाद और उनकी दूसरी पत्नी की यात्रा योजनाओं के बारे में सीबीआई को विस्तृत जानकारी थी. पत्नी भी आधिकारिक कार्यों में हस्तक्षेप करती थी. श्री प्रसाद ने अपने अधीन काम करने वाली एक महिला कर्मचारी से शादी करने के लिए पहली पत्नी को तलाक दे दिया था.
दिल्ली से आयी सीबीआई टीम मुंबई और विशाखापत्तनम में डीआरएम के कार्यालय और आवास की तलाशी भी ली है. कर्मचारियों के बीच भी डीआरएम की छवि नकारात्मक थी. इससे पहले यहां डीआरएम अनूप कुमार सतपथी थे. यहां एक साल पहले ही सौरभ प्रसाद डीआरएम बनकर आये थे. वह पहले सेंट्रल रेलवे में चीफ रोलिंग स्टॉक इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे. साल 1991 बैच के भारतीय रेल सेवा के अफसर प्रसाद ने मुंबई में एडीआरएम के रूप में काम कर चुके है.
छह माह के अंतराल में रेलवे के दूसरे डीआरएम की गिरफ्तारी ने रेलवे में व्याप्त भ्रष्टाचार व कुव्यवस्था की कलई खोल दी है. इससे पहले कुछ दिनों पूर्व ही सीबीआई ने 50,000 रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में रेलवे के एक एसएसई को गिरफ्तार किया था. एसएसई, पी.वे, ट्रक डिपो, भारतीय रेलवे, गोंडा (उत्तर प्रदेश) को शिकायतकर्ता से 50,000 रुपये की रिश्वत ले रहे थे. सीबीआई ने 11.11.2024 की मिली शिकायत के आधार पर एसएसई, पी.वे, गोंडा को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा था.