- बिना कर्मचारी का पक्ष सुने विभागीय कार्रवाई करने से संकेत कर्मचारियों के आक्रोश
- रेलवे बोर्ड चेयरमैन की गाइडलाइन का अनुपालन नहीं करने का आरोप
मुंबई. पश्चिम रेलवे मुंबई मंडल दूर संचार विभाग में की गयी कार्रवाई इन दिनों विभाग में चर्चा का विषय बनी हुई है. वरीय अधिकारी की प्रताड़ना की शिकायत एसएससी से करने पर डीएसटीइ ने संकेत तकनीशियन (इएसएम-1) रामाशंकर सिंह को निलंबित कर दिया है. रमाशंकर सिंह ने अपने इंचार्ज एसएससी सीएम पुरोहित से मौखिक शिकायत करने के बाद सेक्शन एसएससी (सिग्नल) मो. रिजवान के खिलाफ प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत के दो दिन बाद ही उन्हें डीएसटीइ प्रदीप सोनी के आदेश पर निलंबन का मेमो थमा दिया गया.
रामाशंकर सिंह ने एसएसइ को भेजी शिकायत में बताया था कि वाणगांव-बोइसर सेक्शन में सिग्नलिंग गियर व अन्य प्वाइंट के मेंटेनेंस कार्य के दौरान अक्सर स्थानीय सेक्शन इंजीनियर रिजवान उन्हें प्रताड़ित करते है. शिड्यूल मेंटेनेंस के लिए जाने पर सटॉफ को दूसरी जगह एंगेज कर देते है अथवा अपने साथ लेकर चले जाते हे. कारण पूछने पर अपशब्द का प्रयोग करते हैं. इएसएम वणगांव संतोष गोहिल को भी मेंटेनेंस के लिए नहीं जाने देते, और उनके सेक्शन का मेंटेनेंस का काम भी उनसे ही कराया जाता है. रामाशंकर सिंह ने मो. रिजवान पर नये कर्मचारियों को सेक्शन में नया सिखने नहीं देने का भी आरोप लगाया अैर कहा कि ऐसा कर नये कर्मचारियों को सेक्शन की जानकारी से वंचित किया जाता हे. रमाशंकर सिंह ने 11 दिसंबर 2018 को सीनियर सेक्शन इंजीनियर (संकेत) को यह शिकायत भेजी थी.
इस बीच 13 दिसंबर 2018 को उनके निलंबन का पत्र डीएसटीइस प्रदीप सोनी ने जारी कर दिया. उधर, रमाशंकर सिंह के निलंबत को डीएसटीइ, वलसाड प्रदीप सोनी से विभागीय कार्रवाई का हिस्सा बताया है. प्रदीप सोनी से रेलहंट ने रमाशंकर सिंह के निलंबन के कारणों की जानकारी चाही तो उन्होंने उसका खुलासा करने से यह कहकर इनकार किया कि वह प्रोसिडिंग का हिस्सा है ओर उसका खुलासा नहीं किया सकता है. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि विभागीय सीनियर पदाधिकारी की अनुशंसा पर रमाशंकर सिंह के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गयी है और उन्हें जांच के दौरान अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया जायेगा. बताया जाता है कि रामाशंकर सिंह ने एसएससी से सिग्नलिंग कार्य के लिए स्टॉफ की मांग की गयी थी, जिसे लेकर उसपर पदाधिकारी से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा दिया गया.
दिलचस्प है कि वर्क स्थल पर प्रताड़ना के आरोप लगाये जाने के बावजूद एक सीनियर पदाधिकारी की अनुशंसा पर बिना कर्मचारी का पक्ष सुने उसे निलंबित कर दिया गया. यह कार्रवाई रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी द्वारा दिये गये गाइड लाइन के विपरीत है, जिसमें उन्होंने बिना ठोस कारण किसी भी कर्मचारी पर कार्रवाई को गैरवाजिब करार दिया था. चेयरमैन का मानना है कि ऐसा करने से दूसरे कर्मचारियों पर भी मानसिक दबाव बनता है और यह कार्य क्षमता को प्रभावित करता है.
एसएनटी मेंटेनर्स यूनियन ने जतायी नाराजगी, कहां हो रही मनमानी
संकेत तकनीशियन रामाशंकर सिंह पर की गयी कार्रवाई पर एसएमटी मेंटेनर्स यूनियन ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है. यूनियन के राषट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार के अनुसार रामाशंकर सिंह ने अपने एसएसई (सिगनल) इंचार्ज सीएम पुरोहित को सेक्शन एसएसई (सिगनल) रिजवान की शिकायत की थी. पुरोहित के कहने पर ही उन्होंने लिखित शिकायत की और उन्हें ही सस्पेंड कर दिया गया. इस घृणित कार्य से कर्मियों में दहशत का माहौल है. रेलमंत्री व चेयरमैन के आदेश के बावजूद एवं दूरसंचार विभाग में अधिकारियों की मनमानी रुक नहीं रही एवं कर्मचारियों का शोषण जारी है. एक तरफ तो सेक्शन में कर्मचारियों की इतनी कमी है कि आवश्यक संरक्षा संबंधी कार्यों का निष्पादन करना कठिन हो चला है फिर भी संकेत विभाग के कर्मचारी संरक्षा संबंधी कार्यों को जान हथेली पर डाल कर कर रहे हैं और दूसरी ओर अधिकारियों की मनमानी तथा तानाशाही से रेलवे के संकेत एवं दूरसंचार विभाग के संरक्षा एवं सुरक्षा से जुड़े उपकरणों के रख रखाव तथा खराबी को ठीक करने वाले ही कर्मचारियों का शोषण हो रहा है. हाल के ही दिनों में करीब पांच ऐसी दुर्घटनाएँ हुई हैं जिसमें संकेत एवं दूरसंचार विभाग की जवाबदारी है परन्तु उसके बावजूद भी काम करने वाले ही कर्मचारियों का शोषण हो रहा है जिसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है.
रामाशंकार सिंह पर कार्रवाई प्रोसिडिंग का हिस्सा है ओर उसका खुलासा नहीं किया सकता है. सीनियर पदाधिकारी की अनुशंसा पर निलंबन की कार्रवाई की गयी है और उन्हें जांच के दौरान रामाशंकर सिंह को पक्ष रखने का मौका भी दिया जायेगा.
प्रदीप सोनी, डीएसटीइ, वलसाड