- पुणे, ठाणे और बेंगलुरु में मेट्रो रेल परियोजनाओं को मिली मंजूरी, पांच साल में 1,000 से अधिक मेट्रो कोच बने
NEW DELHI. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को कहा कि पिछले 10 वर्षों में 700 किलोमीटर नयी मेट्रो लाइन चालू की गई हैं जिससे मेट्रो लाइन की कुल लंबाई 945 किलोमीटर हो गई है. उन्होंने कहा कि अब देश के 21 शहरों में मेट्रो सेवाएं हैं जबकि 2014 से पहले यह सेवा केवल पांच शहरों में थीं.
अतिरिक्त ‘रिजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस)’ गलियारे से जुड़े मुद्दे के बारे में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने इसमें देरी के लिए दिल्ली सरकार के विरोध का जिक्र किया, लेकिन आश्वासन दिया कि गुरुग्राम, मानेसर और धारूहेड़ा तथा राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर में सोनीपत और पानीपत को जोड़ने वाले बाकी दो प्राथमिक गलियारों को शीघ्र मंजूरी मिल जायेगी.
मंत्री के दावे के कुछ ही घंटे बाद दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा कि उसकी तरफ से कोई देरी नहीं हुई. उसने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार परियोजना के वित्तपोषण के सिलसिले में अपने हिस्से की राशि दे चुकी है. ’’ खट्टर ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत के मेट्रो रेल नेटवर्क में परिवर्तनकारी विकास पर जोर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारत में मेट्रो रेल प्रणाली सिर्फ 248 किलोमीटर तक सीमित थी और केवल पांच शहरों में इसका परिचालन था.
मनोहर लाल ने तेजी से हो रही प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि 2014 से पहले हर महीने औसतन केवल 600 मीटर मेट्रो लाइन का निर्माण किया जा रहा था. मंत्री ने कहा कि यह आंकड़ा आज दस गुना बढ़कर हर महीने छह किलोमीटर हो गया है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शहरी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
उन्होंने कहा, “वर्ष 2014 से पहले भारत में मेट्रो रेल प्रणाली केवल 248 किलोमीटर तक सीमित थी और केवल पांच शहरों में इसका परिचालन था. पिछले 10 वर्षों में 700 किलोमीटर नयी मेट्रो लाइन चालू की गई हैं, जिससे कुल परिचालन लंबाई 945 किलोमीटर हो गई है और देश भर के 21 शहरों में मेट्रो सेवाओं का विस्तार हुआ है.”
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को पुणे, ठाणे और बेंगलुरु में मेट्रो रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री ने शनिवार को बताया कि भारत ने मेट्रो कोच की चार अत्याधुनिक विनिर्माण इकाइयां स्थापित की हैं, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में 1,000 से अधिक मेट्रो कोच का उत्पादन किया है.