- लेसिक के संबंधित की गयी अब तक की कार्रवाई को वापस लेने का मिला आश्वासन
- बकाया, टीए, ओटी, तथा मेडिकल क्लेम अक्टूबर तक अपडेट करने पर सहमति
- लोको पायलट तथा ट्रेन मैनेजर को नौ घंटे से अधिक कार्य पर जतायी आपत्ति
KOLKATTA. 15 वर्षों के बाद दक्षिण पूर्व रेलवे में मेंस यूनियन के नेता जोनल पीएनएम में प्रबंधन के साथ बैठे और आमने-सामने रेलकर्मियों की समस्याओं पर मुखर होकर चर्चा की. पीएनएम में महाप्रबंधक अर्चना जोशी, पीसीपीओ महुवा वर्मा, पीसीओएम दीपक झा एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत तमाम एचओडी उपस्थित थे. मेंस यूनियन की ओर से उपाध्यक्ष शिवजी शर्मा, अति० महासचिव जवाहरलाल, चक्रधरपुर मंडल संयोजक एमके सिंह समेत अन्य नेता उपस्थित थे.
दो दिनों तक चली मीटिंग में रेलवे कर्मचारियों के समस्याओं पर गंभीरता से विचार व चर्चा की गयी. रेलवे अस्पताल में हो रही समस्याओं को यूनियन ने बेहतर तरीके से रखा. मुख्य रूप से डाक्टरों की संख्या बढाने, रेलवे हॉस्पिटल से जरूरतमंद मरीजों का निजीअस्पतालों में रेफर करना आसान बनाने एवं जोन के सभी रनिंग रूम में सुविधाओं को बढ़ाने की मांग की गयी. यूनियन को अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि जल्द ही समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा. यह भी आश्वासन दिया गया कि लेसिक के संबंधित जो भी कार्रवाई की गई है, उसे रेल प्रशासन वापस ले लेगा. रेलवे बोर्ड के नियमानुसार उन्हें दूसरे कार्य पर रखा जाएगा.
मीटिंग में जोन के सभी मंडलों में बकाया, टीए, ओटी, तथा मेडिकल क्लेम आदि को अक्टूबर तक अपडेट कर देने का आश्वासन प्रबंधन की ओर से दिया गया. इस दौरान लोको पायलट तथा ट्रेन मैनेजर रेलवे बोर्ड द्वारा जारी 9 घंटे से अधिक कार्य पर भी चर्चा की गई. अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन दिया गया स्टाफ के कमी के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है. इसके समाधान के लिए पूरे जोन में लोको पायलट और गार्ड की भर्ती की जाएगी. इसके लिए रेलवे बोर्ड से पोस्ट स्वीकृत करा लिया गया है. रनिंग स्टाफ के लिए जहां किसी तरह का सुविधा नहीं है वहां भी लाॅबी भी बना दिया गया है. इस बात को लेकर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के उपाध्यक्ष कामरेड गौतम मुखर्जी ने मुखर होकर रखा, इस पर आश्वासन दिया गया कि धोतरा लॉबी, एमओसीएल में बनाए गए लाॅबी का मंडल के विद्युत परिचालन अधिकारियों से चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा.
मेंस यूनियन के नेताओं ने पीएनएम को सार्थक बताया और कहा कि इस पहल से रेलकर्मियों के विभिन्न मांगों को रखने का मंच मिल गया है. दावा किया गया कि मेंस यूनियन रेलवे कर्मचारियों के समस्याओं का समाधान के लिए एकमात्र यूनियन है जो यह कर सकती है.