- पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में हिंदी में कामकाज पर जोर
- राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान की तरह राजभाषा हिंदी का करें सम्मान : जीएम
गोरखपुर. पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल ने हिंदी में कामकाज करने पर जोर दिया. राजीव अग्रवाल ने कहा कि भाषा शासन और सामान्य लोगों के बीच सहयोग तथा जवाबदेही का माध्यम है. हिंदी सरकारी कामकाज की भाषा के रूप में ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर जनसंपर्क भाषा के रूप में सशक्त कड़ी है. सभी रेलकर्मियों का कर्तव्य है कि राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान की तरह राजभाषा हिंदी का भी सम्मान करें.
गोरखपुर में राजभाषा पखवाड़ा के दौरान 13 सितंबर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में महाप्रबंधक ने कहा कि आज सूचना प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में नई-नई तकनीकें विकसित हो रही हैं. हिंदी के विभिन्न ई-टूल्स यथा यूनीकोड, हिंदी की-बोर्ड, लीला हिंदी शिक्षण सॉफ्टवेयर, ई-लर्निंग, अनुवाद प्लेटफार्म, ई-महाशब्द कोश आदि की उपलब्धता सुगमतापूर्वक कराई जाए. श्री अग्रवाल ने कहा कि सामान्य लोगों को रेलवे से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने में विभागीय बेवसाइटों की महत्वपूर्ण भूमिका है. इस हेतु रेलवे की बेवसाइटों पर सभी सामग्री हिंदी में भी उपलब्ध कराई जाए.
इससे पहले मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रमुख मुख्य अभियंता पीडी राजभाषा हिंदी के बारे में जानकारी दी. बताया कि वर्ष 1949 में इसी माह की 14 तारीख को संविधान सभा ने सर्वसम्मति से हिंदी को राजभाषा के रूप में अंगीकार किया था. तब से प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप मनाते हैं.
बैठक में अपर महाप्रबंधक एसएल वर्मा, विभिन्न विभागों के विभाग प्रमुख तथा तीनों मंडलों के मंडल रेल प्रबंधक, अपर मंडल रेल प्रबंधक एवं मुख्य कारखाना प्रबंधकों ने अपने-अपने विभागों में राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार की स्थिति से महाप्रबंधक को अवगत कराया तथा राजभाषा हिंदी के विकास को गति देने हेतु कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता, वाराणसी बीपी सिंह ने एलएचबी कोचों की विशेषताओं के तकनीकी पहलुओं को राजभाषा हिंदी के माध्यम से प्रस्तुत किया.
बैठक की अध्यक्षता महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल ने की. इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक एसएल वर्मा, मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रमुख मुख्य इंजीनियर पीडी शर्मा, सभी विभाग प्रमुख, मंडल रेल प्रबंधक, लखनऊ, अपर मंडल रेल प्रबंधक, वाराणसी, इज्जतनगर, कारखानों के मुख्य कारखाना प्रबंधक तथा राजभाषा विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.