- आरपीएफ के आईजी ने मीडिया को दी जानकारी
- आरपीएफ की कोरस कमांडो की टीम रहेगी तैनात
- रेलवे परिक्षेत्र में लगाए गए एक हज़ार सीसीटीवी कैमरे
AGRA. प्रयागराज में शुरू होने जा रहे हैं महाकुंभ मिले को लेकर राज्य सरकार पिछले कई महीनो से तैयारी में जुटी हुई है, जिसे अब अंतिम रूप दिया जा रहा है. कुंभ मेले में जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए रेलवे ने भी बड़े पैमाने पर गाड़ियों को चलाने का ऐलान किया है. प्रयागराज, सूबेदारगंज और नैनी आदि रेलवे स्टेशनो पर जुटने वाले श्रद्धालुओं को लेकर आरपीएफ ने बड़ी तैयारी की है.
मेले कि इस महा आयोजन में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है, जिसमें अधिकांशतः श्रद्धालुओं के रेल यात्रा के माध्यम से पहुंचेंगे. इसको लेकर प्रयागराज आरपीएफ के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त अमिय नन्दन सिन्हा ने महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी मीडिया को बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि महाकुंभ के दौरान तीन बड़ी चुनौतियां सामने आ सकती हैं जिसमें सरकारी संपत्ति की तोड़फोड़, भगदड़ और आपदा को लेकर बड़ी तैयारी की गई है.
श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए आरपीएफ के पांच हजार जवानों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है. इसमें आरपीएफ के कोरस कमांडो की कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है जो कि किसी भी स्थिति में निपटने के लिए तैयार है. रेल यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए स्टेशनों और रेलवे ट्रैक की ड्रोन की मदद से निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही आरपीएफ ने रेलवे परिक्षेत्र में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर आरपीएफ, जीआरपी, सिविल पुलिस और इंजीनियरिंग विभाग के साथ मिलकर ट्रैक की पेट्रोलिंग करने की योजना तैयार की है.
स्टेशन पर केंद्र और राज्य सरकार के सूचना और खुफिया तंत्र के साथ मजबूत समन्वय स्थापित किया गया है. आसपास के गांव और कस्बों की झुग्गी झोपड़ियां में रहने वाले लोगों की जानकारी जुटा गई है. रेलवे सर्कुलेटिंग एरिया में एक हज़ार से अधिक सीसीटीवी कैमरा को लगाया गया है जिसमें फेसियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) से लैस कमरों को लगाया गया है जो की अपराधियों की पहचान कर सकेंगे. इसकी मदद से स्टेशन पर पहुंचने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकेगा.