विजिलेंस ने नहीं लिया संज्ञान, हर स्टेशन पर लगाने में हुई हेराफेरी
बिलासपुर . दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा और जानकारी के लिए प्लेटफार्मों पर लगाए गए ग्लो साइन बोर्ड्स में बड़े पैमाने पर हेराफेरी को अंजाम दिया गया है. यह ग्लो साइन इंडिकेटर बोर्ड बिलासपुर रेलवे स्टेशन सहित अन्य स्टेशनों पर मंडल के विद्युत् (सामान्य) विभाग द्वारा लगाए गए हैं. जानकारों का कहना है कि इन बोर्डों की बाजार में प्रति नग वास्तविक कीमत तीन हजार रुपये से अधिक नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने इसे 28,500 रुपये प्रति नग के हिसाब से ठेकेदार से मिलीभगत करके लगवाया है.
विश्वसनीय सूत्रों का यह भी कहना है कि एसएसई/स्टोर, बिलासपुर ने भी इसमें बंदरबांट करके इन बोर्ड्स को स्वीकार कर लिया, अन्यथा इतनी ऊंची दर पर कोई अन्य एसएसई इन्हें स्वीकार करने को तैयार नहीं हुआ है. सूत्रों ने बताया कि अन्य ब्रांच स्टोर जैसे मनेंद्रगढ़, रायगढ़ आदि के एसएसई ने विजिलेंस मामलों में फंसने के डर से इन ग्लो साइन इंडिकेटर बोर्डों को लेने से साफ इंकार कर दिया है.
कई जानकारों और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों एवं यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि जब जोन का सर्वोच्च अधिकारी ही कदाचार से मुक्त नहीं है और उसके खिलाफ विजिलेंस जांच हो रही है, तो वह अन्य अधिकारियों की काली-करतूतों पर कैसे लगाम लगा सकता है? उन्होंने बताया कि ऐसे सैकड़ों मामले इस रेलवे में हैं, मगर विभागीय विजिलेंस की सक्रियता को पंगु कर दिए जाने से किसी भी भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी पर कोई लगाम नहीं रह गई है.
जानकारों का कहना है कि ऐसा भी नहीं है कि विजिलेंस अधिकारियों और सतर्कता निरीक्षकों को ऐसे मामलों की जानकारी नहीं होती है, मगर उन्हें इनकी जांच करने से रोक दिया जाता है. उनका यह भी कहना था कि पूरी भारतीय रेल में ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि रेलमंत्री को लगता है कि विजिलेंस विकास कार्यों में बाधा है.
source ; rail samachar