- 16 को प्रस्तावित च्क्का जाम हड़ताल टाली गयी, एकता का किया आह्वान
रेलहंट ब्यूरो, चक्रधरपुर
देश भर के रेलवे रनिंग कर्मियों ने रेलवे के निजीकरण रोकने, नई पेंशन नीति तत्काल वापस लेने के अलावा किलोमीटर माइलेज को लेकर 15 जुलाई को भूख हड़ताल पर बैठे. ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएशन (All India Loco Running Staff Association) के आह्वान पर आयोजित हड़ताल के दौरान कई अन्य मांगों को भी लोको पायलटों ने विरोध प्रदर्शन किया. इसमें चालक, सहायक चालक व गार्ड ने उपवास रहकर अपनी एकता का संकल्प दोहराया. ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने चेताया है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह आगे चलकर और बड़े कदम उठाएंगे. देश व्यापी प्रदर्शन में 85000 से अधिक रनिंग कर्मियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के भी विभिन्न स्टेशनों पर धरना दिया गया. जोन में लगभग 6200 रेलकर्मी उपवास पर बैठे.
जोन के आद्रा, खड़गपुर और गार्डेनरीच में भी प्रदर्शन के साथ उपवास किया गया. चक्रधरपुर रेलमंडल के विभिन्न स्टेशनों के अलावा टाटानगर में गार्ड लॉबी पर धरना पर बैठे. इसमें ब्रांच अध्यक्ष एके मोहंती ने बताया कि टाटानगर में महासचिव रंधीर कुमार के अलावा जोनल महासचिव पारस कुमार की अगुवाई में उपवास किया गया. इस दौरान बताया गया कि 16 जुलाई को प्रस्तावित चक्का जाम हड़ताल को फिलहाल टाल दिया गया है. इधर रेलमंडल के ही डांगुवापोसी स्टेशन पर भी रनिंग कर्मियों ने उपवास मनाया. इसका असर काम भी भी देखने को मिला.
डांगवापोसी में कामरेड ललन प्रसाद, कामरेड एमके रजक आदि ने उपवास में शामिल होकर रेलकर्मियों का हौसला बढ़ाया. इस मौके पर रेलवे मेंस यूनियन के आदित्यपुर शाखा सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि उनकी एकता ही आंदोलन की सफलता का मूल मंत्र है. रेल प्रशासन आरपीएफ से आंदोलन की वीडियाग्राफी कराकर मानसिक दबाव डालना चाहता है. लेकिन रनिंगकर्मी इससे नहीं घबरायेंगे. उपवास कार्यक्रम में 15 जुलाई से 16 जुलाई तक चला इस दौरान चालकों, सहचालकों और गार्ड ने 24 घंटे तक बिना कुछ खाये ड्यूटी को अंजाम दिया. जो लोग ड्यूटी में नहीं थी वह उपवास पर बैठे. ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने उपवास कार्यक्रम को सफल बताया है.