- जुलाई में 30 साल नौकरी अथवा 55 साल की उम्र पूरी करने वालों का खंगाला जायेगा पूरा रिकार्ड
- आगे की सेवा बरकरार रखने के लिए रेलकर्मियों को शारीरिक व मानसिक फिटनेस करना होगा साबित
- निर्धारित अर्हता पूरी नहीं करने वाले रेलकर्मियों को नहीं मिलेगा सेवा विस्तार, किया जायेंगे सेवानिवृत्त
- स्क्रीनिंग की पूरी प्रक्रिया की पादर्शिता व निष्पक्षता पर अभी से उठाये जाने लगे है
रेलहंट ब्यूरो, जमशेदपुर
केंद्रीय कर्मचारियों सेवा में दक्षता को साबित करने वाली सर्विस रिव्यू प्रक्रिया को लेकर जारी की गयी सरकार की गाइड लाइन को रेलवे ने अमल में लाना शुरू कर दिया है. रेलवे बोर्ड से मिले दिशा-निर्देश के बाद दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेलमंडल ने सर्विस रिव्यू के लिए 163 रेलकर्मियों की पहली सूची जारी कर दी है. सीनियर डीपीओ की ओर से जारी की गयी सूची में रेलवे में 30 साल की सेवा अथवा 55 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके रेलकर्मियों का नाम शामिल किया गया है. रेलमंडल के विभिन्न विभागों और विभिन्न स्टेशनों पर तैनात इन रेलकर्मियों के लिए डेट ऑफ बर्थ का कट अप जुलाई 1964 रखा गया है. इनमें इंजीनियरिंग, ऑपरेटिंग, इलेक्ट्रिकल, कॉमर्शियल, एसएनटी, सिक्युरिटी, मैकेनिकल, इंजीनियरिंग, पर्सनल, मेडिकल आदि विभागों से जुड़े रेलकर्मी शामिल है. सभी का सेवानिवृत्ति 30 जून 2024 से लेकर उसके बाद तक निर्धारित है. एक जुलाई 1964 से 31 अक्टूबर 1964 तक 55 साल की आयु पूरी करने वाले कर्मचारियों की निर्धारित सेवानिवृत्त 30 जून 2024 से 31 अक्टूबर 2024 के बीच निर्धारित है. हालांकि इन कर्मचारियों को आगे की पांच साल की सेवा जारी रखने के लिए सरकार व रेल मंत्रालय द्वारा निर्धारित अर्हता को पूरा करना अनिवार्य होगा. निर्धारित अर्हता पूरी नहीं करने वाले रेलकर्मी को अयोग्य करार देते हुए आगे की सेवा से वंचित करते हुए सेवानिवृत्ति दे दी जायेगी.
55 YEARS OF AGE रेलकर्मियों की सूची देखें
रेलवे जोन की ओर से गठित की जाने वाली स्क्रीनिंग कमेटी सूची में आये रेलकर्मियों के शारीरिक और मानसिक फिटनेस के अलावा सेवाकाल की समीक्षा के बाद यह निर्णय देगी कि कर्मचारी की सेवा आगे जारी रखी जाये या नहीं. इस क्रम में रेलकर्मियों के बीते पांच साल का रिकार्ड भी खंगाला जायेगा. इसमें डयूटी से लंबी अवकाश की अवधि, रेलकर्मी का व्यवहार, उसके ऊपर अब तक दर्ज की गयी शिकायतें अथवा उन्हें मिली सजा, उसकी शारीरिक व मानसिक स्थिति की जांच शामिल होगी. इसी आधार पर रेलकर्मियों की जांच के बाद उनकी सर्विस की रिव्यू कर आगे के लिए प्रमाणपत्र जारी किया जायेगा. रेलवे की ओर से प्रस्तावित स्क्रीनिंग कमेटी में किन लोगों को शामिल किया जायेगा और इसकी पूरी प्रक्रिया कैस तय की जायेगा इसका खुलासा अब तक नहीं किया गया है. हालांकि सरकार द्वारा घोषित की गयी सर्विस रिव्यू की प्रणाली को लेकर अभी सवाल उठाये जाने लगे है. कई रेलकर्मियों को इस बात का डर समा गया कि कहीं रिव्यू के नाम पर उन्हें राजनीति का शिकार न बना दिया जाये.
उध, रेलवे के कई आला अधिकारियों ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर रेलहंट को बताया कि पूरी प्रक्रिया को रेलवे के रग-रग में पहुंच चुका भ्रष्टाचार निष्प्रभावी बना सकता है. कारण यह है कि स्क्रीनिंग के समय बड़ी संख्या में निर्धारित अर्हता पूरी नहीं करने वाले रेलकर्मी अपने आप को फिट साबित करने के लिए पैरवी और धनबल का इस्तेमाल कर स्क्रीनिंग को प्रभावित कर सकते है. वर्तमान समय में यह बड़ी चुनौती होगा कि भेदभाव रहित प्रक्रिया के तहत मानसिक व शारीरिक रूप से फिट रेलकर्मी को ही चुनकर आगे का सेवा विस्तार दिया जाये. हालांकि रेलवे के एक बड़ा वर्ग यह भी मान रहा है कि इस प्रक्रिया को भेदभाव मुक्त बनाना मुश्किल है. यह देखने वाली बात होगी कि सर्विस रिव्यू को भ्रष्टाचार मुक्त और रेलवे की कार्यक्षमता में वृद्धि लाने वाले एजेंडें के रूप में किस तरह अधिकारी स्थापित कर पाते हैं.
चक्रधरपुर रेलमंडल में जारी सूची