भारतीय रेलवे मजदूर संघ (BRMS) एवं संबधित यूनियनों ने 03 मई से 06 मई तक जनजागृति सप्ताह मनाया
आगरा. उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ ने 6 मई शुक्रवार को डीआरएम आगरा को प्रधानमंत्री ने नाम पत्र सौंपकर पुरानी पेंशन स्की़म को लागू करने और न्यू अंशदायी पेंशन स्कीम की खामियों को उजागर किया है. पत्र में बताया गया है कि जनवरी 2004 के बाद भर्ती केन्द्रीय कर्मचारियों को CCS PENSION RULES – 1972 के स्थान पर राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS अंशदायी पेंशन स्कीम) के अंतर्गत ला दिया गया. वर्ष 2013 में PFRDA बिल पास करके तत्कालीन UPA सरकार ने नियम निर्धारित कर दिए.
सरकार से हमेशा ये अपेक्षा की गई है कि वह अपने कर्मचारियों के लिए आदर्श नियोक्ता और भारत के नागरिकों के लिए अच्छे संरक्षक की भूमिका निभाए. सरकार, देश की प्रगति के लिए लगातार योगदान दे रहे हैं ऐसे कर्मचारियों और नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करें.
प्रत्येक कर्मचारी चाहे वह सरकारी उद्योग से संबंधित हो या किसी भी निजी उद्योग से संबंधित हो, अपने कौशल, शक्ति और ऊर्जा को अपने नियोक्ता को सेवानिवृत्ति तक समर्पित करता है या जब तक वह ऐसा करने की अपनी क्षमता खो नही देता है. सेवानिवृत्ति के बाद या किसी भी कारण से अक्षम होने के बाद वह पारिश्रमिक पाने के लिए सेवा करने में असमर्थ हो जाता है लेकिन वास्तविकता ये है कि कर्मचारी एवं उसके परिवार की आवश्यकता समाप्त नहीं होती है.
पेंशन स्कीम के विरोध कारण
1-यह स्कीम सेवानिवृत के समय कर्मचारियों को MINIMUM पेंशन की गारंटी नही देती है.
2 – पुरानी पेंशन की व्यवस्था की तरह ही NPS में महंगाई भत्ता कोई संबंध नहीं रखा गया है.
3 – इस स्कीम 80, 85, 90, 95 एवं 100 वर्ष की उम्र होने पर अतिरिक्त पेंशन की व्यवस्था भी नहीं है. जबकि CCS PENSION Rules – 1972 यह व्यवस्था है.
4 – NPS के अंतर्गत MISSING कर्मचारी के आश्रित को पेंशन की व्यवस्था नही रखा गया है.
5 – NPS के अंतर्गत कंपनसेंशन पेंशन की व्यवस्था नही है.
6 – कंपलसरी रिटायर्मेंट में पेंशन की व्यवस्था नही है.
7 – बाजार पर आधारित स्कीम होने के कारण अस्थिरता की स्थिति हमेशा बनी रहेगी.
8 – इस पेंशन व्यवस्था में रनिंग कर्मचारियों का रिटायर्मेंट के समय 55% मिलने वाली लाभ भी नहीं है.
अन्य भी बहुत सी कमियां एवं दोष है, जिससे ये सिद्ध होता है कि पुर्व की सरकार के द्वारा बिना सोचे समझे, अपरिपक्वता के साथ इस व्यवस्था लागू किया गया है. पुर्व में भी इस व्यवस्था में संशोधन हो चुका है इससे ये सिद्ध होता है कि बिना किसी विजन के इसे लागू किया गया है. कर्मचारियों को वृद्धावस्था या सेवानिवृत्त के बाद, जो सामाजिक सुरक्षा पुरानी स्कीम के द्वारा प्राप्त थी उसकी NPS में कोई गारंटी नहीं है, साथ ही साथ हर किसी के लिए सर दर्द बना हुआ है.
उक्त कारणों से कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न होने के कारण कर्मचारियों में असंतोष एवं रोष बना हुआ है. भारतीय मजदूर संघ एवं उससे सम्बद्ध महासंघ प्रारम्भ से ही इस NPS का विरोध करते रहे है. अभी हाल में 5 राज्यों के चुनाव के समय से राजनीतिक दलों ने पेंशन के मुद्दे को राजनैतिक बना दिया है. उत्तरप्रदेश के मुख्य विपक्षी दल ने भी अपने चुनावी घोषणा-पत्र में सरकार बनने पर NPS को समाप्त करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वायदा किया. जिन्हेंनें वर्ष 2013 में PFRDA बिल पास किया था उस राजनीतिक दल की सरकार ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में NPS को समाप्त कर पुरानी पेंशन स्कीम लागू भी कर दी है.
हम समस्त केंद्रीय कर्मचारियों की आशाएं आपसे बढ़ी है हम चाहते है कि केंद्र सरकार अपने सभी कर्मचारियों के लिये नई पेंशन स्कीम को समाप्त करके, जन प्रतिनिधियों की तरह ही पुरानी पेंशन स्कीम (CCS PENSION RULES – 1972) पुनः बिना शर्त दे. कर्मचारियों की भावनाओं को देखते हुए भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के अखिल भारतीय आह्वाहन पर 3 मई से 6 मई 2022 तक आंदोलन करते हुए, ये यह ज्ञापन इस आशा के साथ प्रेषित है कि कर्मचारियों को न्याय प्रदान करेंगे. NPS को समाप्त करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू अतिशीघ्र करने पर विचार करे जिसे वर्ष 2004 जनवरी या इसके बाद भर्ती केन्द्रीय कर्मचारियों का पेंशन से संबंधित समस्याओं का निराकरण हो सके.
उपरोक्त विषय के संबंध में लेख है कि सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (BMS) के राष्ट्रीय महामंत्री साधु सिंह जी के आव्हान पर भारतीय रेलवे मजदूर संघ (BRMS) एवं संबधित युनियन, राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के विरोध में एवं पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) लागू कराने के उद्देश्य से दिनांक 03 मई से 06 मई 2022 तक अखिल भारतीय जनजागृति सप्ताह मना रहा है. पुरानी पेंशन व्यवस्था पुनः बहाली के उद्देश्य के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम भी ज्ञापन देने का आव्हान किया गया था.
इसी क्रम में उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ (UMRKS) आगरा मण्डल संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (BMS) /भारतीय रेलवे मजदूर संघ (BRMS), दिनांक 06 मई 2022 को संध्या शांतिपूर्ण जनजागरण करते हुए ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन देते समय भारतीय मजदूर संघ आगरा क्षेत्र आगरा के जिलाध्यक्ष डाक्टर नारायणसिंह यादव, उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के शतानंद, शैलेंद्र देव,एस डी पाण्डेय, अर्जुन सैन, देवेश पचौरी, धर्मेन्द्र चौधरी, अजय कुमार, सौरव कुमार, विजय कुमार आदि शामिल थे. यह जानकारी बयान जारी कर उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ Umrks के आगरा मण्डल मंत्री बंशी बदन झा ने दी है.
प्रेस विज्ञप्ति
North Central Railway Employees Union wrote a letter to the Prime Minister to implement the old pension system, tell the merits and demerits