- लोकसभा में उठाया और हादसों को रोकने के लिए पटरियों की मरम्मत समेत सभी जरूरी कदम उठाने की मांग की
New Delhi. विपक्षी सदस्यों ने रेल दुर्घटनाओं के बेहताशा बढ़ोतरी का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में उठाया और हादसों को रोकने के लिए पटरियों की मरम्मत समेत सभी जरूरी कदम उठाने की मांग की, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में रेलवे का व्यापक विकास और आमूलचूल परिवर्तन हुआ है. रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर मंगलवार को अधूरी रही चर्चा को बुधवार को आगे बढ़ाते हुए द्रमुक सांसद टीएम सेल्वागणपति ने आरोप लगाया कि इस बजट में तमिलनाडु के साथ भेदभाव किया गया है.
तृणमूल कांग्रेस के बापी हलदर ने दुर्घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया तो बाग मिताली ने कहा कि जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं तो भारतीय रेलवे में बहुत अधिक विकास कार्य हुआ था. कांग्रेस के ही कैप्टन विरियातो फर्नांडीस ने भी कहा कि रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था का इंजन रही है, लेकिन हाल के दिनों में बढ़ती रेल दुर्घटनाएं चिंतनीय हैं.
कांग्रेस सांसद हरीश चंद्र मीना ने भी रेल बजट को निराशाजनक करार देते हुए रेल दुर्घटनाओं का जिक्र किया. उन्होंने तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री का उल्लेख करते हुए कहा कि जब एक दुर्घटना हुई थी तो उन्होंने (शास्त्री ने) नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था, लेकिन मौजूदा सरकार में इतनी घटनाएं हुई हैं, फिर भी मंत्री अपने पद पर कायम हैं.
सत्ता पक्ष ने विकास का उल्लेख किया
भारतीय जनता पार्टी के सांसद दिलीप सैकिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में पूरा पूर्वोत्तर रेल संपर्क से जुड़ गया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह मोदी जी की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के कारण संभव हुआ है. भाजपा सांसद भोला सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में रेलवे को जो विकास हुआ है, भाजपा के अनिल बलूनी ने कहा कि कहा कि रेलवे ने विकास के नये आयाम गढ़े हैं. 2013-14 के बजट में रेलवे के लिए किये गये प्रावधान की तुलना में वर्तमान बजट आठ गुना अधिक है. शिवसेना सांसद रवींद वाईकर ने कहा कि मुंबई की लोकल ट्रेन से जुड़े हादसों को रोकने के लिए उचित कदम उठाया जाना चाहिए. मेट्रो नेटवर्क का विस्तार करने की जरूरत है. लोजपा (रामविलास) के राजेश वर्मा ने मोदी के कार्यकाल में रेलवे में हुए विकास की सराहना की.
रेल मंत्री बोले: भारत स्वदेशी तकनीक से बुलेट ट्रेन विकसित करने पर काम कर रहा है
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि भारत स्वदेशी तकनीक से देश में बुलेट ट्रेन विकसित करने पर काम कर रहा है. वैष्णव ने लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना तकनीकी रूप से बहुत जटिल है और इसे जापान की मदद से क्रियान्वित किया जा रहा है. पहली बुलेट ट्रेन परियोजना अहमदाबाद और मुंबई के बीच निर्माणाधीन है.
वैष्णव ने कहा कि बुलेट ट्रेन दो पश्चिमी शहरों के बीच कुल 508 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जिसमें से 320 किलोमीटर हिस्से पर काम जोरों पर चल रहा है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र वाले हिस्से में काम धीमा हो गया था, लेकिन 2022 में भाजपा-शिवसेना-राकांपा की महायुति सरकार के सत्ता में आने के बाद इसमें तेजी आई और राज्य सरकार से सभी प्रासंगिक अनुमतियां मिल गई हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘अब काम बहुत तेजी से चल रहा है. मंत्री ने कहा कि समुद्र के नीचे भारत की पहली रेल सुरंग का निर्माण चल रहा है, जो 21 किलोमीटर लंबी होगी. उन्होंने कहा कि शुरुआत में भारत को बुलेट ट्रेन की तकनीक विदेशों से मिली थी, लेकिन अब देश में भी कई तकनीकें विकसित हो चुकी हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बुलेट ट्रेन विकसित करने और ‘आत्मनिर्भर’ बनने पर काम कर रहे हैं.’
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