- हड़बड़ी में कोटा-पटना की जगह जयपुर शालीमार में हो गये थे सवार, चेन पुलिंग करने पर पकड़ा गया
- वर्दी के खौफ और असुरक्षित माहौल ने कर दिया बीमार, हार्ट अटैक से मौत होने की अशंका
कोटा. रेलवे कर्मचारियों के साथ ही आरपीएफ जवानों की उग्रता व यात्रियों को दी जाने वाली गैरजरूरी प्रताड़ता अब चिंता का कारण बनने लगी है. रेलवे एक ओर जहां अपने कर्मचारियों को यात्रियों के साथ सहृदयता और अच्छा व्यवहार अपनाने की अपील करता है वहीं दूसरी ओर छोटी-छोटी बात पर रेलकर्मी उग्रता पर उतर आते है. इसी क्रम में चेन पुलिंग के आरोपी में पकड़े गये बिहार के जमुई के यात्री चुनचुन की कोटा आरपीएफ पोस्ट में हुई मौत से कई सवाल उठ खड़े हुए है.
बिहार के जमुई पाटलीपुत्र निवासी चुनचुन यादव (50) की चूक मात्र यह थी कि वह कोटा-पटना की जगह भूलवश जयपुर-शालीमार एक्सप्रेस में सवार हो गया. भूल का अहसास होने पर उसने चेन पुलिंग की और आरपीएफ की चंगुल में फंस गया. अपने बेटी प्रियंका को लेकर पटना जा रहे चुनचुन यादव ने अपनी बात आरपीएफ के जवानों को सहज रूप से समझाने की कोशिश लेकिन केस बनाने के फेर में आरपीएफ के अधिकारी व जवान यह भूल गये कि वह बोनाफाइड यात्री है. बताया जाता है कि बकझक के क्रम में जवानों ने चुनचुन के साथ दुर्व्यवहार भी किया. इससे वह बुरी तरह डर गया था. साथ में बेटी के होने और संभावित कार्रवाई के दौरान उसे विश्वास में नहीं लेने के कारण वह डर गया था. उसे लगने लगा कि अगर उसे जेल भेज देंगे, ऐसे में उसकी बेटी क्या होगा. इधर, चुनचुन को कोटा आरपीएफ पोस्ट ले जाया गया. बुरी तरह डरे चुनचुन ने पूछताछ के क्रम में ही उसने सीने में दर्द की शिकायत की. इसके बाद उसे एमबीसी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. रेल प्रशासन ने कोर्ट आफ इंक्यावरी के आदेश दिया है.
यात्री को चेन पुलिंग की घटना के बाद सामान्य पूछताछ की प्रक्रिया के तहत ही आरपीएफ पोस्ट पर लाया गया था. इस दौरान उसने सीने में दर्द की शिकायत की और उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो गयी. राजीव कुमार यादव, आरपीएफ कमांडेंट
हालांकि घटना के सामने आने के आरपीएफ पोस्ट प्रभारी मनीष शर्मा समेत तमाम अधिकारी अपने कृत्य पर पर्दा डालने में जुट गये है. अब बताया यह जाने लगा है कि बीमारी के कारण उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गयी है. जबकि घटनाक्रम के अनुसार चेन पुलिंग के आरोप में पकड़े गये चुनचुन यादव के साथ गलत व्यवहार किये जाने की बात सामने आ रही है. पूरे घटनाक्रम में बुरी तरह फंसी आरपीएफ की टीम अब अपने को पाक साफ बताने में जुट गयी है. उधर आरपीएफ कमांडेंट राजीव कुमार यादव ने बताया कि यात्री को सामान्य पूछताछ की प्रक्रिया के तहत ही पोस्ट पर लाया गया था. इस दौरान उसने सीने में दर्द की शिकायत की और उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो गयी.
बोनाफाइड पैसेंजर द्वारा विषम परिस्थिति में चेन पुलिंग किये जाने के मामले में पूछताछ और जरूरी प्रक्रिया का प्रावधान तो है लेकिन इसमें यह स्पष्ट है कि पूछताछ में यात्री को मानसिक अथवा शारीरिक प्रताड़ना नहीं दी जायेगी. पोस्ट प्रभारी अथवा समझ अधिकारी द्वारा यात्री के टिकट की जानकारी लेकर वास्तविक स्थिति को समझने का प्रयास करेंगे. इस क्रम में यात्री के साथ सहानुभूति रखते हुए उसे विश्वास में लेकर पूछताछ की जायेगी ताकि व मानसिक दबाव में न आये.
बोनाफाइड पैसेंजर द्वारा विषम परिस्थिति में चेन पुलिंग किये जाने के मामले में पूछताछ और जरूरी प्रक्रिया का प्रावधान तो है लेकिन इसमें यह स्पष्ट है कि पूछताछ में यात्री को मानसिक अथवा शारीरिक प्रताड़ना नहीं दी जायेगी. पोस्ट प्रभारी अथवा समझ अधिकारी द्वारा यात्री के टिकट की जानकारी लेकर वास्तविक स्थिति को समझने का प्रयास किया जायेगा, इस क्रम में यात्री के साथ सहानुभूति भी रखी जायेगी और उसे विश्वास में लेकर पूछताछ की जायेगी ताकि वह सही जानकारी दे ओर मानसिक रूप से दबाव में न आये. लेकिन अक्सर यह होता है कि चेन पुलिंग के मामलों में आरपीएफ हर यात्री को संदेह की नजर से देखते हुए पुलिसिया अंदाज में कार्रवाई और पूछताछ शुरू कर देती है. इससे सामान्य यात्री वर्दी के खौफ को मानसिक रूप से सहन नहीं कर पाता और डर जाता है कि कहीं उसे इसी मामले में जेल न भेज दिया जाये. ऐसी ही स्थिति में वह मानसिक आपा खो देता और भयवश उसकी तबीयत तक खराब हो जाती है. चुनचुन यादव की चिंता और परिस्थितियों से यह जाहिर होता है कि बेटी के साथ होने किसी कार्रवाई की डर की आशंका से ही उन्हें हार्ट अटैक आया और यह उनकी मौत का कारण बना. इसमें पूरी तरह से आरपीएफ अफसरों को क्लीन चिंट नहीं दिया जा सकता है. इसलिए पूरे मामले और परिस्थितिवश साक्ष्य को लेकर रेल पुलिस गहराई से जांच करे और सच को सामने लाये यहीं अपेक्षा आम यात्री पुलिस कर करता है.