- आदित्यपुर के उद्योगपति गंगा प्रसाद शर्मा की पोती हैं नंदिनी सुमन, बेंगलुरु की MMDI में हैं कार्यरत
- काशी, अयोध्या व प्रयागराज के मंदिरों की कलाकतियों को संकलित कर 200 घंटों में तैयार की ग्राफिक
BENGALURU/JAMSHEDPUR : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार 10 नवंबर को कर्नाटक के बेंगलुरु स्टेशन से वाराणसी, अयोध्या और प्रयागराज के लिए भारत गौरव काशी यात्रा ट्रेन (Bharat Gaurav Kashi Yatra train) को झंडी दिखाकर रवाना किया. दक्षिण से काशी को जोड़ने वाली इस धार्मिक यात्रा ट्रेन के लिए व्रैप ग्राफ़िक तैयार करने का काम कोल्हान की बेटी नंदिनी सुमन ने किया है. नंदिनी सुमन आदित्यपुर के उद्योगपति गंगा प्रसाद शर्मा की पोती और संजय शर्मा और सुमन शर्मा की बेटी हैं. इनका लौहनगरी से भी गहरा नाता रहा है, कारण यह कि वह शहर की समाजसेवी मीरा शर्मा की भतीजी हैं. ट्रेन की रवानगी के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत गौरव रेल, देश के आस्था और अध्यात्म के स्थलों को जोड़ने के साथ ही “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना को भी मजबूत कर रही है.
भारत गौरव रेल, देश के आस्था और अध्यात्म के स्थलों को जोड़ने के साथ ही "एक भारत श्रेष्ठ भारत" की भावना को भी मजबूत कर रही है: पीएम @narendramodi जी pic.twitter.com/jKEjgjdB65
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) November 11, 2022
कर्नाटक भारत गौरव – काशी दर्शन ट्रेन को सजाने-संवारने से लेकर धार्मिक महत्व को देखते हुए काशी, अयोध्या और प्रयागराज स्थित महत्वपूर्ण मंदिरों के चित्र और कलाकृतिओं से इसे सुशोभित किया गया है. इस कार्य का दायित्व रेलवे ने बेंगलुरु के MMDI कंपनी में दिया था. प्रॉजेक्ट के लिए करीब 16000 स्क्वायर फीट की ट्रेन व्रैप ग्राफ़िक बनाने की ज़िम्मेदारी नंदिनी सुमन को सौंपी गयी थी.
नंदिनी सुमन ने रेलंहट को बताया कि भारत की महान सभ्यता, संस्कृति और गौरवपूर्ण इतिहास को दर्शाने और धार्मिक जुड़ाव को प्रदर्शित करने के लिए काशी, अयोध्या और प्रयागराज की महत्वपूर्ण मंदिरों के चित्र और कलाकृतियों को संकलित करना पड़ा. इस तरह लगभग 200 घंटों की कड़ी परिश्रम के बाद वह इस ग्राफिक को तैयार कर सकीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु स्टेशन से इस ट्रेन को काशी के लिए रवाना किया. इस मौके पर पीएम मोदी के अलावा उपस्थित मंत्रियों और अधिकारियों ने नंदिनी के कार्य की सराहना की. इस ट्रेन की धार्मिक महत्व को देखते हुए हमने इसे काशी , अयोध्या एवम् प्रयागराज स्थित महत्वपूर्ण मंदिरों के चित्र और कलाकृतिओं से सुशोभित करने का निर्णय लिया गया था.
करीब 16000 स्क्वायर फीट की ट्रेन व्रैप ग्राफ़िक के लिए मैंने काशी, अयोध्या और प्रयागराज की महत्वपूर्ण मंदिरों के चित्र और कलाकृतिओं संकलित किया. इस तरह लगभग 200 घंटों की कड़ी परिश्रम के बाद वह इस ग्राफिक को तैयार कर सकी. मेरे कार्य की बहुत ही सराहना की गई. मैं चाहूंगी कि आगे भी अपने देश के विकास कार्यों का हिस्सा बन सकूं.
नंदिनी सुमन, MMDI, बेंगलुरु
एनआईटी डीएवी से की पढ़ाई, NIFT भुवनेश्वर से स्नातक कर शुरू किया ग्राफिक डिजाइनर का कैरियर
नंदिनी सुमन की बुआ मीरा शर्मा ने बताया कि उनका पूरा परिसर समाज सेवा और आर्ट से जुड़ा है. उनकी एक बहन माधुरी शर्मा दिल्ली में आर्टिस्ट है. आदित्यपुर स्थित एनआईटी डीएवी स्कूल से नंदिनी ने शिक्षा शुरू की. उसकी बचपन से ही कला में दिलचस्पी थी. पेंटिंग सीखने के लिए 8.5 साल का प्रशिक्षण भी लिया. 12वीं की पढ़ाई के बाद NIFT भुवनेश्वर से स्नातक हासिल कर ग्राफ़िक डिज़ाइनर में कैरियर शुरू किया. गूगल, रोल्स रॉयस, क्वेंटेली, टी हब, अलकोन आदि कंपनियों में वह इनवायरन्मेंटल ग्राफ़िक डिज़ाइन एवम् ब्रांड कम्युनिकेशन डिज़ाइन पर काम वह काम कर चुकी है.
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