- ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के द्विवार्षिक सम्मेलन में गूंजा सेफ्टी फर्स्ट का नारा
खड़गपुर से तारकेश. खड़गपुर के साउथ इंस्टीटयूट में आयोजित ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के दिवार्षिक सम्मेलन सह सेफ्टी सेमिनार स्टेशन मास्टरों ने टू नाइट रोस्टर प्रणाली लागू करने की आवाज फिर से बुलंद की. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए का कि कहा कि सप्ताह में सात रात जागकर कार्य करना संभव नहीं है. इसलिए दो रात की ड्यूटी के बाद स्टेशन मास्टरों से अन्य प्रकृति के कार्य लिए जाये. जिससे वह थकान और बोझिलता से दूर रह कर दायित्वों का निर्वहन कुशलतापूर्वक कर सकें. सम्मेलन में सेफ्टी फर्स्ट, अदर लास्ट’ का नारा भी बुलंद किया गया.
सम्मेलन में मौजूद खड़गपुर मंडल रेल प्रबंधक केआरके रेड्डी और सहायक परिचालन प्रबंधक उदय कुमार ने स्टेशन मास्टरों की ओर से रखी गई मांगों पर विचार का आश्वासन दिया और समयबद्ध ट्रेन परिचालन में सहयोग की अपील की . दक्षिण पूर्व रेलवे शाखा के दिवार्षिक सम्मेलन में एसोसिएशन की ओर से सेफ्टी सेमिनार का आयोजन किया गया.
इस मौके पर आइसमा के जोनल सचिव पीके झा स्टेशन मास्टरों का पक्ष प्रबंधन के सामने रखा. कहा कि देश के लाखों रेल यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में स्टेशन मास्टरों का बड़ा योगदान है, लेकिन इस वर्ग के समक्ष भी कई व्यावहारिक कठिनाईयां है, जिनका निराकरण जरूरी है. आइसमा की ओर से बताया गया कि मंडल को फिलहाल 730 स्टेशन मास्टरों की आवश्यकता है, जबकि उपलब्ध केवल 590 है. इससे स्टेशन मास्टरों पर कार्य बोझ बढ़ा हुआ है. इसे दूर करने के लिए जरूरी पहल की जानी चाहिए. गेट डील के लिए अलग नियुक्ति की मांग पर जोर देते हुए कहा गया कि मानव रहित रेल फाटकों पर यह नितांत आवश्यक है. यह कार्य स्टेशन मास्टरों से नहीं लिया जाना चाहिए. इससे रेलवे का संरक्षा और सुरक्षा पहलू मजबूत होगी.
इस मौके पर चक्रधरपुर मंडल सचिव अविनाश कुमार के अलावा विभिन्न मंडलों से आये एसोसिएशन के दिलीप कुमार, सरोज कुमार आदि ने सक्रियता दिखायी. सांगठनिक गीत संगठन ‘गढ़े चलो, सुपथ पर बढ़े चलो, भला हो जिसमें देश का, वो काम किए चलो’ के संकल्प के साथ आयोजन की शुरुआत की गयी.