Kharagpur. रेलवे दावा न्यायाधिकरण (Railway Claims Tribunal) ने खड़गपुर रेल मंडल प्रबंधन (Kharagpur DRM) पर ₹25 हजार का जुर्माना लगाया है. कोलकाता रेलवे दावा न्यायाधिकरण, कोलकाता पीठ ने डीआरएम खड़गपुर केआर चौधरी को एक मुआवजा के मामले में झूठी और मनगढ़ंत रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अपने वेतन से 25,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया. इसमें एक मृत व्यक्ति को अतिचारी के रूप में पेश करने का प्रयास किया गया था, बताया गया था कि वह पटरी पार करते दौरान ट्रेन की चपेट में आ गया.
रेलवे दावा न्यायाधिकरण, कोलकाता के सदस्य (न्यायपालिका) संजीव दत्त शर्मा ने नवंबर अंत में दिये गये फैसले में कहा था, फाइल से यह साबित होता है कि डीआरएम और उनके कर्मचारियों ने दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की और इस न्यायाधिकरण के सामने सच्चाई को दबाने की पूरी कोशिश की. यह बहुत चौंकाने वाला है कि डीआरएम रैंक का अधिकारी इस तरह की गतिविधियों में लिप्त है.
न्यायाधिकरण ने मृतक के परिवार को 8 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया, जिसमें उसकी पत्नी और दो बेटियां शामिल हैं. मृतक की पत्नी के अनुसार, मृतक वैध द्वितीय श्रेणी के रेलवे टिकट के साथ रामराजतला से श्याम चक जा रहा था, जब 16 सितंबर, 2022 को श्यामचक स्टेशन पर अचानक झटका और अधिक भीड़ के कारण वह ट्रेन से गिर गया.
दक्षिण पूर्व रेलवे महाप्रबंधक की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले खड़गपुर डीआरएम ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए आवेदन का विरोध किया कि वह व्यक्ति एक अतिचारी था, जो श्यामचक यार्ड प्लेटफॉर्म नंबर दो के हावड़ा-छोर पर रेलवे ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आ गया. हालांकि इसे साबित करने के लिए ट्रेन के गार्ड और ड्राइवर की ओर से सबूत पेश नहीं किए गए, जो प्रतिवादी के मामले को साबित करने के लिए प्रथम दृष्टया सबूत हैं. इसके अलावा, ट्रैक डेथ ट्रिब्यूनल ने खड़गपुर जीआरपीएस की अंतिम पुलिस रिपोर्ट पर ध्यान दिया, जिसमें कहा गया था कि गवाहों के अनुसार व्यक्ति की मौत ट्रेन से गिरने के कारण हुई थी.
शव परीक्षण के बाद सर्जन ने कहा कि मौत चोटों के प्रभाव के कारण हुई थी जैसा कि पीएम रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था, जो मृत्यु- पूर्व प्रकृति की थी. यहां तक कि आरपीएफ पंसकुरा के पोस्ट कमांडर ने भी वरिष्ठ डीएससी खड़गपुर को लिखे अपने पत्र में कहा कि मृतक चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते समय गिर गया और उसकी मौत हो गई. उनके अनुसार, यह उसकी अपनी लापरवाही के कारण हुआ. डीआरएम खड़गपुर को जांच के बाद दोषी अधिकारियों से 25,000 रुपये वसूलने की छूट दी गई है.