- IRSTMU ने बिना संशाधन दबाव में काम लिये जाने को बताया दुर्घटना का कारण
JHANSI. झांसी में मालगाड़ी की चपेट में आकर गुरुवार की सुबह रेलवे टेक्नीशियन गिरीराज प्रसाद मीना की मौत हो गयी. वह सहयोगियों के साथ रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे थे, तभी तीनों लाइन पर ट्रेनें आ गई. सहयोगियों ने उन्हें आगाह किया लेकिन जब तक वह कुछ समझ पाते मालगाड़ी की चपेट में आ गये. यह हादसा बबीना स्टेशन के यार्ड में हुआ है. गिरीराज प्रसाद मीना की 9 माह पहले ही शादी हुई थी.
गिरीराज प्रसाद मीना (31) राजस्थान के कोटा जिले के गिरधरपुरा के रहने वाले थे. वह झांसी रेल मंडल के सिग्नल एंड दूरसंचार विभाग में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं. फिलहाल उनकी ड्यूटी बबीना स्टेशन पर थी. गुरुवार सुबह वह स्टेशन यार्ड में हेल्पर सुभाष व अन्य साथियों के साथ काम कर रहे थे.
सहयोगी सुभाष ने बताया कि अप, डाउन लाइन पर ट्रेन खड़ी थी. तभी थर्ड लाइन पर ही गाड़ी आने के सिग्नल हो गए. तब हम लोग ट्रैक से हट गए. मैं गिरीराज को छोड़कर आगे चला गया. तभी वे ट्रैक पर कुछ करने लगे. इसी दौरान झांसी की ओर से मालगाड़ी आ गई. मैंने शोर मचाकर उन्हें हटने का इशारा किया लेकिन कुछ ही पल में सब कुछ खत्म हो गया.
मालगाड़ी के लोको पायलट ने झांसी कंट्रोल रूम को सूचना दी. इसके बाद रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे. गिरीराज की शादी 9 माह पहले मार्च 2024 में हुई थी. वह पत्नी के साथ झांसी में रहते थे. एक माह पहले वह रिफ्रेशर कोर्स के लिए गाजियाबाद गए थे. तब पत्नी को घर छोड़ आए थे. कोर्स से लौटने के बाद बुधवार को ही गिरीराज ने ड्यूटी जॉइन की थी. अब उसे अगले सप्ताह छुट्टी लेकर घर जाना था. उससे पहले ही हादसा हो गया.
झांसी के जनसंपर्क अधिकारी मनोज सिंह ने बताया कि बबीना की तीसरी लाइन पर सिग्नल का काम था, जिसके लिए टेक्नीशियन पहुंचे थे. दुर्भाग्य से यह घटना हो गई. रेलवे ने सभी सुरक्षा सावधानियां बरती और रेल प्रशासन की ओर से कोई चूक नहीं हुई.
उधर ‘सिग्नल मेंटेनर्स यूनियन’ ने आरोप लगाया है कि कर्मचारियों की कमी के कारण सिग्नल कर्मचारी और तकनीशियन काम के दबाव में हैं, जिसके कारण वे घातक दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं. ‘इंडियन रेलवे सिग्नल एंड टेलिकॉम मेंटेनर्स यूनियन’ (आईआरएसटीएमयू) के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश ने कहा, “मंडल से मुझे जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार प्रसाद ने बुधवार की शाम को सिग्नल की समस्या को ठीक किया था और उन्हें बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे फिर से समस्या को ठीक करने के लिए भेजा गया था.”
उन्होंने कहा, “रेलवे में करीब 25 प्रतिशत सिग्नल मेंटेनर्स (सिग्नल की देखरेख करने वाले) की कमी है, जिसके कारण मौजूदा कर्मचारियों को रिक्त पदों की भरपाई के लिए अधिक काम करना पड़ता है. सिग्नल तकनीशियन पर चीजों का संचालन करने का अत्यधिक दबाव होता है और उस दबाव में कर्मचारी अपनी सुरक्षा के बारे में चिंतित नहीं रह पाते.”
IRSTMU के अध्यक्ष नवीन कुमार ने कहा कि बिना पर्याप्त संशाधन के सिग्नल एवं टेलिकॉम विभाग के कर्मचारियों से काम लिया जाता है और अभाव एवं दबाव में आकर इस प्रकार दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.