रेलहंट ब्यूरो, भोपाल
उत्तर मध्य रेलवे विजिलेंस विभाग ने गोपनीय सूचना पर छापेमारी कर झांसी रेलमंडल के अतर्रा स्टेशन पर बुकिंग काउंटर से फर्जी टिकट बेचे जाने का भंडाफोड़ किया है. 14 मार्च शनिवार शाम 5:00 बजे बुकिंग कार्यालय पर मारे गये छापे में कर्मचारी के पास से 41 फर्जी/जाली अनारक्षित टिकट बरामद किये गये. टिकट का मूल्य Rs.8610/- था. कर्मचारी के काउंटर पर 7120 रुपये अधिक पाये गये जिसे जब्त कर लिया गया है. सीनियर डीसीएम झांसी ने तत्काल प्रभाव से बुकिंगकर्मी को निलंबित कर दिया है. इससे पहले पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर भी फर्जी टिकट बेचे जाने का मामला पकड़ा जा चुका है.
उत्तर मध्य रेलवे के उप मुख्य सतर्कता अधिकारी (यातायात) बृजेश कुमार मिश्र को अतर्रा स्टेशन के बुकिंग काउंटर से फर्जी टिकट बेचे जाने की सूचना मिली थी. उन्होंने विजिलेंस इंस्पेक्टरों की एक टीम को काउंटर की रेकी कर सच पता करने का निर्देश दिया था. विजिलेंस इंस्पेक्टरों की जांच में यह बात सामने आयी कि चुनिंदा ट्रेनों में लंबी दूरी के फर्जी टिकट बेचे जा रहे हैं. इस बात की पुष्टि होते ही उप मुख्य सतर्कता अधिकारी ने विजिलेंस टीम का गठन किया. टीम में विजिलेंस इंस्पेक्टर प्रवीण आनन्द, सन्तोष पाण्डेय, शरद यादव, राहुल श्रीवास्तव के अलावा आरपीएफ विजिलेंस के जितेन्द्र सिंह जगबीर सिंह एवं जवान रमेश कुमार के अलावा दो स्वयं गवाह के रूप में सूबेदारगंज के गैंगमैन बनारसी लाल व रामचंद्र को शामिल किया गया. पूरी तैयारी के साथ 14 मार्च की शाम 5:00 बजे टीम अतर्रा स्टेशन के बुकिंग कार्यालय के सामने आकर निगरानी करने लगी. पूरी पुष्टि के बाद टीम ने काउंटर पर छापेमारी करते हुए बुकिंग काउंटर पर कार्यरत कर्मचारी के पास से 41 फर्जी/जाली अनारक्षित टिकट जब्त कर लिया. उन टिकटों पर पहले से मूल्य प्रिंट था जो 8610 मूल्य का था. इसके अलावा काउंटर में 7120 रुपये अधिक पाया गया जिसे भी जब्त कर लिया गया. विजिलेंस टीम कर्मचारी को हिरासत में पूरे मामले में जाली टिकटों के कारोबार में शामिल अन्य लोगों का पता लगा रही है. विजिलेंस के एक इंस्पेक्टर ने बताया कि बुकिंग काउंटर पर कार्मचारी पहले से ही पुरानी नंबर के प्रिंट वाले टिकट लंबी दूरी के स्टेशनों का छाप कर रखे थे. उन्हें यात्रियों को मांग के अनुसार रुपये लेकर उपलब्ध करा रहा था. बाद में गिरफ्तार रेलकर्मी को जीआरपी/बांदा के हवाले कर दिया गया है. विजिलेंस की अनुशंसा पर सीनियर डीसीएम झांसी ने तत्काल प्रभाव से कर्मचारी को निलंबित कर दिया है.
बताया जाता है कि फर्जीवाड़ा काफी लंबे समय से चल रहा था जिससे रेलवे को अब तक लाखों रुपये का चूना लगाया जा चुका है. रेलवे विजिलेंस विभाग जाली टिकटों के खरीद-फरोख्त के कारोबार को पकड़ने को बड़ी कार्रवाई मानकर जांच आगे बढ़ा रहा है. मालूम हो कि इससे पहले पटना के राजेंद्रनगर टर्मिनल में तीन बार फर्जी टिकट बेचने का खुलासा हो चुका है. इसमें जुलाई 2018 में तीन यात्रियों को पुलिस ने पकड़ जेल भेजा था जबकि इसी मामले में फरवरी 2018 में बुकिंग कर्मी रुपेश कुमार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसके विरोध में रेलकर्मियों ने हड़ताल कर दी थी.