- आरपीएफ की कार्रवाई पर मजदूर संघ के नेताओं ने उठाया सवाल, कहा पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया
कबाड़ी की निशानदेही पर की गयी कार्रवाई
जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल अंतर्गत मैहर स्टेशन पर 1600 रुपये का कॉपर वायर कबाड़ी को बेचने के आरोप में दो रेल इंजीनियर सहित 6 रेलकर्मियों को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. सभी कर्मचारी व इंजीनियर सिग्नल व टेलीकॉम डिपार्ट से जुड़े है. हालांकि आरपीएफ की कार्रवाई की मजदूर संघ ने कड़ी भर्त्सना करते हुए विरोध दर्ज कराया है. उधर जेल भेजे जाने के बाद विभाग ने सभी रेलकर्मियों को निलंबित कर दिया है. इसमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर रविप्रकाश, जूनियर इंजीनियर विनय दत्ता, एमसीएम सुनील कुमार, हेल्पर रीतेश कुमार, गुलजार सिंह व महेंद्र सिंह तथा स्क्रॉप खरीदने वाला कबाड़ी शामिल है.
बताया जाता है कि जबलपुर रेल मंडल अंतर्गत मैहर स्टेशन पर जीएम इंस्पेक्शन की तैयारियां चल रही थी. इस दौरान सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन विभाग के अधिकारियों ने यहां पड़े पुराने केबल को निष्पादित करने को कहा था. विभाग के कुछ कर्मचारी पास ही एक तालाब के पास केबुल ले गये और उसे जलाकर कॉपर निकाला. इस कॉपर को किलो के हिसाब से लगभग 1600 रुपये में कबाड़ी को बेच दिया गया.
इसकी सूचना आरपीएफ को मिली तो कबाड़ी को माल सहित पकड़ा गया. कबाड़ी ने पूछताछ में पूरी बात बतायी और इसके बाद आरपीएफ की टीम ने कॉपर बेचने वाले रेलकर्मियों को पकड़ा. रेलकर्मियों ने बताया कि उन्हें केबुल को निष्पादित करने का आदेश सीनियर सेक्शन इंजीनियर से मिला था. इसके बाद आरपीएफ ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर रविप्रकाश और जूनियर इंजीनियर विनय दत्ता समेत अन्य को गिरफ्तार कर रेलवे कोर्ट में पेश किया, यहां से सभी को जेल भेज दिया गया.
वहीं आरपीएफ की कार्रवाई पर मजदूर संघ के नेता एसके वर्मा ने सवाल उठाया है. श्री वर्मा का कहना है कि आरपीएफ ने बिना किसी जांच के मात्र कबाड़ी के बयान पर बड़ी कार्रवाई कर दी है. कोई भी रेलकर्मी मात्र 1600 रुपए के लिए नौकरी को दांव पर नहीं लगा सकता. मजदूर संघ ने घटना को लेकर मंडल रेल प्रबंधक डॉ मनोज कुमार सिंह से निष्पक्ष जांच की मांग की है.