रेलहंट ब्यूरो, भोपाल
पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर स्टेशन पर आज से नौ साल पहले तोड़फोड़ की घटना के सभी आरोपियों को अदालत ने साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया. इस मामले में आरपीएफ अदालत में साक्ष्य पेश करने में विफल रहा. तोड़फोड़ के मामले में भाजपा के सांसद राकेश सिंह के अलावा पूर्व महापौर प्रभात साहू, ग्रामीण अध्यक्ष आशीष दुबे, सदानंद गोडबोले, भारत यादव, भगवान दास, राधवेंद्र, माधवेन्द्र सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओ को आरोपी बनाया गया था. स्टेशन पर प्रदर्शन जबलपुर से इलाहाबाद के लिए गरीबरथ एक्सप्रेस के परिचालन के विरोध किया गया था.
स्टेशन परिसर में वर्ष 2010 में इसी मुद्दे पर जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की घटना हुई थी. रेलवे को इस घटना में करोड़ों का नुकसान हुआ था. इस केस में कई आरोपियों ने रेलवे एक्ट के तहत अपना अपराध स्वीकार कर जुर्माना भरकर केस से मुक्ति पा ली थी. अन्य आरोपियों के खिलाफ जबलपुर में रेल मजिस्ट्रेट के यहां मामला चल रहा था. बाद में केस को भोपाल में विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ट्रिब्यूनल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया. यहां आरपीएफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं पेश कर सका. इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियो को बरी कर दिया. इस तरह आरपीएफ रेलवे को करोड़ों रुपये के नुकसान करने वाले आरोपी कानून की पकड़ से बाहर निकल गये. आरोपियों की ओर से अधिवक्ता एसके श्रीवास्तव ने दलील पेश की. 31 अगस्त 2019 को मामले में कोर्ट का निर्णय आया.