- 45 मिनट में ट्रेन लूटने की योजना को टीटीई ने कर दिया विफल, घटना पर सुरक्षा एजेंसियों ने साधा मौन
- अब तक रेलवे की ओर से टीटीई को सम्मानित अथवा प्रोत्साहित करने की नहीं की गयी है पहल
रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ की तैनाती है लेकिन आपात स्थिति में यह सुरक्षा मिलने तक यात्रियों को बचाकर डिप्टी सीटीआई ब्रजेश तिवारी रियल हीरो बन गये है. रेलवे के टिकट चेकिंग स्टॉफ ऑर्गनाइजेशन के फेसबुक पेज पर ब्रजेश तिवारी की हिम्मत की जानकारी उनके सहयोगियों ने साझा की है. जिसमें बताया गया है कि नये साल की रात 12168 वाराणसी- एलटीटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस में उनकी सूझबूझ और सतर्कता से यात्रियों की न सिर्फ संपत्ति लूटने से बच गयी बल्कि विरोध को लेकर होने जाने संभावित जान-माल का नुकसान भी टल गया. इस तरह डिप्टी सीटीआई ब्रजेश तिवारी की एक पहल और क्षण मात्र में लिया गया निर्णय कई यात्रियों को राहत पहुंचा गया, इस तरह ब्रजेश तिवारी साल के पहले ही दिन यात्रियों के लिए रियल हीरो बनाकर सामने आये.
सामने आयी सूचना के अनुसार वाराणसी-एलटीटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस बागरातवा स्टेशन पर खड़ी थी तभी 2 युवक ट्रैन की कपलिंग खोलकर कोच में घुस आये. उन्होंने कोच A-वन के सभी गेट खोल दिये. उनका प्रयास था कि इस तरह बाहर खड़े अन्य उनके सहयोगी भीतर आ जायेंगे. युवकों की कोच में प्रवेश करने और गेट को खोलने की संदिग्ध गतिविधि को आन ड्यूटी टीटीई ब्रजेश तिवारी ने भांप लिया और तत्काल निर्णय लेते हुए जोरदार आवाज लगाकर उनके पीछे भागे. अचानक सामने आयी इस परिस्थिति के लिए ट्रेन लूटने आये युवक तैयार नहीं था और घबराहट में बाहर की ओर भागा. टीटीई के शोर को सुनकर अन्य यात्री भी जग गये और अपराधियों को एक्शन में आने और कोच को अपने कब्जे में लेने का मौका ही नहीं मिला. यात्रियों के तत्काल सामने आने से दोनों लूटेरे और बाहर खड़े उनके साथी भाग निकले. ट्रेन के इटारसी पहुंचाने पर घटना की जानकारी आरपीएफ और रेल पुलिस को दी गयी. #इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेश ने अपने फेसबुक पेज पर जबलपुर के डिप्टी सीटीआई ब्रजेश तिवारी की हिम्मत के कारण यात्रियों के जान-माल की सुरक्षा का खुलासा किया है. घटना के बाद अब तक रेलवे की ओर से अधिकारिक रूप से यात्रियों के इस रियल हीरो को सम्मानित करने की कोई घोषणा नहीं की गयी है. संभव है कि यह सूचना डीआरएम समेत अन्य अधिकारियों तक नहीं पहुंच सकी हो.
वाराणसी-एलटीटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस बागरातवा स्टेशन पर कोई ठहराव नहीं है जबकि ट्रेन वहां खड़ी थी. बागरातवा से इटारसी लगभग 45 मिनट का रास्ता है. अगर अपराधियों ने ट्रेन को लूटने की योजना बनायी थी तो निश्चित तौर पर उनके पास मात्र 45 मिनट में एक या दो एसी कोच के यात्रियों को कब्जे में लेकर लूटपाट करने का फूलप्रुफ प्लान भी था. ऐसे में अगर आगरातवा से ट्रेन रवाना हो जाती और छह की संख्या में अपराधी सो रहे यात्रियों को एक बार अपने कब्जे लेने में सफल हो जाते तो होने वाले वारदात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. ऐसे में जबकि हर स्टेशन पर कैमरे की नजर है और रात अंधेरे में संदिग्ध रूप से छह से आठ युवकों की संदिग्ध गतिविधि किसी स्टेशन पर रेलवे कर्मचारी अथवा आरपीएफ जवानों को नजर नहीं आये यह गंभीर चिंता का विषय है. रेलहंट इस बेहतर कार्य के लिए डिप्टी सीटीआई ब्रजेश तिवारी का आभार जताता है जिन्होंने अपनी सूझबूझ से यात्रियों की जान-माल की रक्षा करने में अहम भूमिका निभायी.
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