- पीडब्ल्यूआई आवास m/17 मथुरा छावनी में कर्मचारियों को रखने के मामले में SrDENCo ने दिये जांच के आदेश
- हर जांच से बरी होकर अपने को प्रभावशाली साबित करते रहे हैं अजय कुमार भटनागर, अब एक और जांच
IZZATNAGAR. पूर्वाेत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में रेल प्रशासन का एक आदेश इन दिर्नों चर्चा में हैं. यहां मथुरा छावनी के पीडब्ल्यूआई (SSE P WAY) अजय कुमार भटनागर का तबादला महिला ट्रैकमैंटेनर के प्रताड़ना समेत लगातार लग रहे आरोपों के बीच कर दिया गया है. महिला ट्रैकमैनटेनर ने प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए रेल प्रशासन के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करायी थी. इस मामले को महिला आयोग, एससी-एसटी आयोग में भी ले जाया गया है. इसके बाद रेल प्रशासन ने आरोपी पीडब्ल्यूआई के साथ शिकायतकर्ता महिलाकर्मी का भी तबादला कर दिया है. इसका आदेश सीनियर डीपीओ कार्यालय से 24 सितंबर को जारी किया गया. अब तक दोनों को स्पेयर नहीं किया गया है. हालांकि रेल प्रशासन ने तबादलों को प्रशासनिक स्तर पर लिया गया निर्णय करार दिया है.
पीडब्ल्यूआई अजय कुमार भटनागर को मथुरा छावनी से कासंगज भेजा गया है. जबकि महिला कर्मचारी का तबादला कानपुर अनवरगंज किया गया है. पीडब्ल्यूआई के तबादला आदेश जारी होने के बाद से ही रेलकर्मियों में इस बात की चर्चा तेज हो गयी है कि तबादला रोकने के लिए पीडब्ल्यूआई ने डील कर ली है और उनका तबादला आदेश वापस हो सकता है! हालांकि अब तक रेल प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. वहीं दूसरी ओर दिलचस्प बात यह है कि इसी पीडब्ल्यूआई से जुड़े कुछ आरोपों की जांच सीनियर डीईएन को-ऑर्डिनेशन अरुण कुमार ने #ADEN_MRT को दिया है.
PWI अजय कुमार भटनागर के m/17 मथुरा छावनी स्थित आवास पर रेलकर्मियों से काम लेने की बात सामने आयी है. इसका फोटो सामने आने के बाद शिकायत #DRM_IZM से की गयी. इसके बाद सीनियर डीईएन को-ऑर्डिनेशन अरुण कुमार ने ADEN मथुरा को जांच के आदेश दिये हैं. PWI अजय कुमार भटनागर के m/17 मथुरा छावनी स्थित आवास पर झाड़ू लगाने वाले की जो तस्वीर सामने आयी है उसे पीडब्ल्यूआई के अधीन कार्य करने वाला रेलकर्मी बताया जा रहा है. इसकी पुष्टि रेलहंट नहीं करता. यह भी बात चर्चा में है कि महिला ने जब डीआरएम के पास प्रताड़ना का आरोप लगाकर शिकायत दर्ज करायी तब पीडब्ल्यूआई के बंगले पर काम करने वाले दो लोगों को ही बतौर गवाह सामने कर दिया गया.
कहा जा रहा है कि PWI के लिए गवाही देने वाले ये दोनों वहीं है जो कई महीनों से गैंग में नहीं जाकर पीडब्लयूआई अजय कुमार भटनागर के आवास पर सेवा दे रहे हैं. इससे पहले भी जनवरी व फरवरी 2023 में इस मामले को RAILWHISPERS ने भी उठाया था.
इस मामले के सामने आने के बाद डीआरएम रेखा यादव ने जांच के आदेश दिये और इन्हीं सीनियर डीईएन को-आर्डिनेशन अरुण कुमार ने ही जांच के आदेश दिये. जांच का परिणाम दिलचस्प रूप से सामने नहीं आया. इसके बाद पीडब्लयूआई अजय कुमार भटनागर के m/17 मथुरा छावनी स्थित आवास रेलकर्मियों की सेवा लिये जाने का मामला कई बार सामने और शिकायत डीआरएम तक पहुंची लेकिन जांच के नाम PWI का प्रभाव हर बार काम आया ?
आलम यह है कि ट्रैकमेंटेनरों ने सामूहिक रूप से भी डीआरएम इज्जतनगर को पत्र भेजकर पूरी बात बतायी और PWI की हरकतों से अवगत कराया. इसे बाद डीआरएम के स्तर पर जांच करायी गयी. तब भी यह बात सामने आयी कि जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है. इस मामले को RAILHUNT ने भी डीआरएम के सामने उठाया. निष्पक्ष जांच पर सवाल उठाये गये लेकिन मामले को दबा दिया गया. एक बार फिर महिला की शिकायत सामने आने पर रेल प्रशासन ने कदम तो उठाया लेकिन अब बात सेटिंग-गेटिंग पर अटक गयी है.
ट्रैकमैंटेनरों का कहना है कि PWI के खिलाफ किसी जांच का सार्थक परिणाम तब तक सामने नहीं आ सकता है जब तक उन्हें सेक्शन से हटाकर निष्पक्ष जांच नहीं करायी जाये. क्योंकि वर्तमान सभी जांच में ट्रैकमैंटेनरों पर दबाव होता और चुनिंदा लोगों को सामने कर बयान दिलाकर खुद को पाक साफ करने का प्रपंच अधिकारी रच लेते हैं. ऐसे में जांच की निष्पक्षता हमेशा ही सवालों में होती है. हम लोग चाह कर भी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं होते क्योंकि हमें उसी अधिकारी के अधीन काम करना होता है.
जारी ….
रेलहंट का प्रयास सच को सामने लाना मात्र है, अगर किसी पक्ष को ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी बात नहीं सुनी गयी या रखी गयी है तो वह RAILNEWSHUNT@GMAIL.COM या वाट्सएप नंबर 9905460502 पर तथ्यों के साथ अपनी बात रख सकते हैं, उन्हें पूरी प्राथमिकता दी जायेगी.