नई दिल्ली. रेल प्रशासन ने जब से ट्रेन व स्टेशनों पर खान-पान की व्यवस्था केा आईआरसीटीसी (IRCTC) के हवाले किया है उसकी गुणवत्ता और शिकायतों के निष्पादन को लेकर सवाल उठाये जाते रहे हैं. यात्रियों का कहना होता है कि उनकी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई नहीं होती. आईआरसीटीसी (IRCTC) ने इसके लिए नयी पहल की है. खानपानी की एजेंसी अब अब फूड सेफ्टी सुपरवाइजर की तैनाती करेगी और लैब में खाने की जांच भी करायेगी. दावा है कि इससे खानपान सेवा की गुणवत्ता में सुधार होगा. इसके लिए आईआरसीटीसी ने टेंडर भी आमंत्रित किया र्है.
दावा किया जा रहा है कि हर बेस किचन में फ़ूड सेफ्टी सुपरवाइजर की नियुक्ति की जायेगी. नयी व्यवस्था में आईआरसीटीसी और लाइसेंसी दोनों की बेस किचन की निगरानी की जायेगी. इसके साथ ही यात्रियों का फीडबैक स्वतंत्र एजेंसी से लिया जायेगा. आईआरसीटीसी कैटरिंग निदेशक देबाशीष चंद्र ने मीडिया से बातचीत में बताया कि किचन में फूड सेफ्टी सुपरवाइजर रहेंगे,जो खाने का गुणवत्ता सिर्फ टेस्ट से ही नहीं बल्कि लैब में उसकी जांच भी करायेंगे. हमारा प्रयास है कि कोरोना के बाद जो खाना परोसने का काम मिला है उसमें कोई कमी न रह जाये. देश में आईआरसीटीसी की 46 किचन हैं. वह 70% फीसदी ट्रेनों को खाना की आपूर्ति करती है.
देबाशीष चंद्र का कहना है कि ग्राहक संतुष्टि के लिए हम यह पहल कर रहे है और जल्द ही इसका नतीजा सामने आयेगा. यहां यह बताना जरूरी हो जाता है कि आईआरसीटीसी (IRCTC) ने भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के लिए जोनल स्तर के साथ स्थानीय स्तर पर भी अधिकारियों की भारी-भरकम फौज तैयार कर रखी है. इसके बावजूद लोग खाने की गुण्रावत्ता को लेकर शिकायत करते रहे हैं. अब देखना है कि आईआरसीटीसी (IRCTC) की यह नयी पहल यात्रियों को भोजन की गुणवत्ता को लेकर कितना संतुष्ट कर पाती है.