- ब्रेथ एनालाइजनर और बायोमेट्रिक की अनिवार्यता पहले ही बंद कर चुका है रेलवे
रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
रेलवे बोर्ड ने अपने एक आदेश में रेलवे की सभी प्रोडक्शन यूनिट और जोनल वर्कशॉप को कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए 14 अप्रैल तक बंद करने का आदेश जारी किया है. यह आदेश 30 मार्च को जारी किया गया. इस आदेश को तत्काल प्रभाव से अमन में लाने का आदेश सभी जोन के जीएम और प्रोडक्शन यूनिट को दिया गया है. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में बताया है कि करोना बायरस के बढते प्रभाव को खत्म करने के मकसद से ही पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बंद किया गया है, लेकिन कारखाने चालू थे, इस मामले पर नाराजगी जताते हुए फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने बोर्ड चेयरमैन को पत्र लिखकर कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनजर कारखानों को बंद करने का अनुरोध किया था. यहां बड़ी संख्या में कर्मचारी एक छत के नीचे काम करते है. अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद 30 मार्च को कारखानों को भी 14 अप्रेल तक बंद करने का आदेश बोर्ड ने जारी कर दिया है. अब सिर्फ जरूरी सेवाओं का काम ही सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए कराया जायेगा.
बंद किया गया सीएमएस सिस्टम
इससे पूर्व 27 मार्च को एक आदेश जारी कर रेलवे बोर्ड ने कोरोना के संक्रमण को देखते हुए लोको पायलट के लिए आवश्यक ब्रेथ एनालाइजनर और बायोमेट्रिक की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया था. संक्रमण की आशंका को लेकर रेलवे फेडरेशनों की ओर से इसके लिए भी आपत्ति दर्ज करायी गयी थी. यह निर्णय लॉकडाउन की स्थिति तक प्रभावी रहेगा.इसके अलावा एआईआरएफ ने गार्ड व क्रू लॉबी को सेनिटाइज करने की मांग भी प्रबंधन के सामने रखी थी. दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस यूनियन के आदित्यपुर ब्रांच शाखा सचिव मुकेश सिंह व सचिव डी अरुण ने बयान जारी कर इस पहल का स्वागत किया है और तत्काल प्रभाव से लिये गये निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया है.
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