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रेलवे ने बदली प्रशासनिक व्यवस्था, आठ कैडरों का विलय कर बनाया भारतीय रेल मैनेजमेंट सर्विस (आईआरएमएस)

रेलवे ने बदली प्रशासनिक व्यवस्था, आठ कैडरों का विलय कर बनाया भारतीय रेल मैनेजमेंट सर्विस (आईआरएमएस)
  • शीर्ष स्तर के 36 पदों पर आईआरएमएस का सृजन और तत्संबंधी चयन मानदंड बनकर तैयार 
  • अब बैच-वार बनेंगे आईआरएमएस एल-16 एवं एल-17 के पैनल, लॉबिंग की परंपरा समाप्त 
  • पैनलबद्ध सभी अधिकारियों की पोस्टिंग तक वैध/प्रभावी रहेगा पैनल
  • विभागीय कोटा और जीएम में ओपन लाइन बनाम गैर-ओपन लाइन का भेद समाप्त
  • महाप्रबंधक पदों पर नियुक्ति के लिए बतानी होगी 5 उपलब्धि, कभी भी स्थानांतरित किए जा सकेंगे  

नई दिल्ली. रेलवे अपने 114 साल पुराना प्रशासनिक ढांचे में बदलाव कर रहा है. इस क्रम में प्रस्तावित योजना के तहत आठ कैडरों का विलय कर एक सेवा भारतीय रेल मैनेजमेंट सर्विस (आईआरएमएस) का गठन कर दिया गया है. यानी रेल अधिकारी मैनेजमेंट सर्विस के अधिकारी कहे जाएंगे. कैडरों को लेकर सात दशकों से चली आ रही लॉबिंग की व्यवस्था को खत्म कर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव अब रेलवे को आधुनिकता की पटरी पर दौड़ाने की तैयारी में है.

मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कैबिनेट ने आठ कैडरों के विलय पर पहले ही मुहर लगा दी थी. बीते शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर आईआरएमएस कानूनी मान्यता दे दी गयी है. इस तरह इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल्स, लेखा, भंडारण, कार्मिक, यातायात, सिंगनल एवं टेलीकॉम कैडर समाप्त हो गए. अब वह मैनेजमेंट सर्विस के अधिकारी होंगे.

बदलावों में खास बात है कि लेवल-17 यानी रेलवे बोर्ड अध्यक्ष व सदस्यों सहित लेवल-16 यानी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों व उनके समक्ष अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया में इंटेलिजेंस कोशेंट (आईक्यू) के स्थान पर इमोशनल कोशेंट(ईक्यू) फॉर्मूला चलेगा. आईक्यू में कई अलग मानकीकृत परीक्षणों से प्राप्त गणना के तहत अधिकारी की बुद्धि का आकलन किया जाता है. जबकि ईक्यू में तार्किकता के साथ अधिकारी के नेतृत्व क्षमता का आकलन किया जाता है.

ईक्यू अधिकांश विकसित देशों की शीर्ष सार्वजनिक क्षेत्र में प्रचलन में है. इसको केंद्र सरकार ने पहली बार भारतीय रेल में अपनाया है. आईआरएमएस में अधिकारी के प्रमोशन में वरिष्ठता के स्थान पर ईक्यू स्तर काम करेगा। इससे रेलवे में शीर्ष पदों पर लॉबिंग की परंपरा हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी. रेलवे बोर्ड व महाप्रबंधक पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षात्कार में अधिकारी से अपने कामकाज की पांच उपलब्धियां बतानी होंगी. साथ ही उसे भविष्य का रोडमैप पेश करना होगा.

नयी व्यवस्था में एक रेलवे बोर्ड अध्यक्ष (सीआरबी) एवं सीईओ होगा. इसके साथ चार सदस्य रेलवे बोर्ड सदस्य (अवसंरचना), सदस्य (परिचालन व व्यवसाय विकास), सदस्य (कर्षण एवं चल स्टॉक), सदस्य (वित्त) सहित दो महानिदेशक पहला महानिदेशक (मानव संसधान), महानिदेशक (संरक्षा) होंगे. जबकि भारतीय रेल में मेट्रो रेल सहित 17 जोनल रेलवे के महाप्रबंधक, रेल कोच फैक्ट्री, इंजन कारखाना, पहिया कारखाना सहित कुल 29 महाप्रबंधक होंगे.  विभागीय कोटा और जीएम में ओपन लाइन बनाम गैर-ओपन लाइन का भेद समाप्त हो गया है अब कभी-भी महाप्रबंधक स्तर के पदधिकारी को भी स्थानांतरित किया जा सकेगा.

इस तरह समझे रेलवे की नयी प्रबंधकीय परिभाषा को 

Ministry of Railways (Railway Board) RESOLUTION (The Gazette of India, {EXTRAORDINARY [PART I—SEC.1]} Notification No. CG-DL-E-27052022 –236064, No. 137, New Delhi, Friday, May, 27, 2022).

विषय: रेलवे में शीर्ष स्तर पर आईआरएमएस (संवर्ग बाह्य लेवल-17 पद और संवर्ग बाह्य लेवल-16 पद) का सृजन और तत्संबंधी चयन मानदंड

सं. 2022/ई(जी)आरआर/23/3. – रेल संगठन के व्यापक पुनर्गठन के लिए 24 दिसंबर 2019 के मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार, सरकार ने शीर्ष स्तर पर भारतीय रेल प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) के सृजन के लिए रेलवे में लेवल-17 (शीर्ष स्तर) में 7 संवर्ग बाह्य पदों और लेवल-16 (एचएजी+ स्तर) में 29 संवर्ग बाह्य पदों का विलय करने का विनिश्चय किया है।

उपर्युक्त निर्णय के अनुरूप, अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड और रेलवे बोर्ड के सदस्यों के पदों को भरने के लिए मानदंडों के संबंध में भारत सरकार के पूर्व में अधिसूचित दिनांक 16.08.2016 के संकल्प सं. ईआरबी-1/2016/11/3, महानिदेशक (संरक्षा) के पदों को भरने के लिए मानदंडों के संबंध में दिनांक 11.11.2019 के संकल्प सं. ईआरबी-I/2019/11/2 और रेल मंत्रालय के अधीन महाप्रबंधकों और समकक्ष के पदों को भरने के लिए मानदंडों के संबंध में दिनांक 16.08.2016 के संकल्प सं. ई(ओ)III-2016/पीएल/01 का एतदद्वारा निरसन (रिपील) किया जाता है और इसके अधिक्रमण में भारतीय रेल में शीर्ष प्रबंधन के लेवल-17 और लेवल-16 में भारतीय रेल प्रबंधन सेवा के पदों को भरने के लिए नई नीति अनुमोदित की गई है। और संलग्न है।

रेलवे में शीर्ष स्तर पर आईआरएमएस (लेवल-17 और लेवल-16) के सृजन के लिए नीति और तत्संबंधी चयन मानदंड

1. आईआरएमएस पदों के रूप में लेवल-17 (एल-17) और लेवल-16 (एल-16) में 36 पदों को पुनः पदनामित करना

रेलवे अधिकारियों में विभाग-वाद को हटाने की आवश्यकता को देखते हुए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को रेल संगठन के व्यापक पुनर्गठन को मंजूरी दी है । इस निर्णय के अनुसार, एल-17 (शीर्ष) स्तर पर 7 संवर्ग बाह्य पदों और एल-16 (एचएजी+) लेवल पर 29 संवर्ग बाह्य पदों को एतदद्वारा आईआरएमएस एल-17 और आईआरएमएस एल-16 पदों के रूप में पुनः पदनामित किया जाता है, जिनका ब्यौरा नीचे दिया गया है-

एल-17 (शीर्ष स्तर पर संवर्ग बाह्य) पदों को आईआरएमएस (एल-17) पदों के रूप में पुनः पदनामित किया जाएगा:

एल-16 (संवर्ग बाह्य : एचएजी+) लेवल पदों को आईआरएमएस (एल-16) पदों के रूप में पुनः पदनामित किया जाएगा:

2. बैच-वार पैनलबद्ध करने के सिद्धांत

क. इन आईआरएमएस लेवल-17 और आईआरएमएस लेवल-16 पदों का पैनल रेल मंत्रालय द्वारा व्यापक मूल्यांकन और मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति द्वारा अनुमोदित सर्वोत्तम उपयुक्त अधिकारियों का चयन करके पात्र उम्मीदवारों से बैच-वार तैयार किया जाएगा।

ख. तत्पश्चात पद के लिए रिक्तियों और पैनलबद्ध अधिकारियों की उपयुक्तता के अधार पर तैनाती की जाएगी।

ग. इसमें कोई विभागीय कोटा नहीं होगा। साथ ही, महाप्रबंधक के रूप में तैनाती के लिए ओपन लाइन बनाम गैर-ओपन लाइन विभेद नहीं होगा।

घ. सभी पैनलबद्ध अधिकारियों की तैनाती होने तक पैनल प्रभावी रहेगा। पैनलबद्ध अधिकारियों की तैनाती रिक्तियां होने पर की जाएगी।

ङ. अगले बैच का पैनल अंतिम रूप से तैयार किया जाएगा, ताकि मौजूदा पैनल समाप्त होने पर रिक्तियां भरने के लिए नए पैनल पर विचार किया जा सके।

3. पैनलबद्ध करने की प्रक्रिया

3.1. पैनलबद्ध करने की पात्रता

आईआरएमएस एल-17 और आईआरएमएस एल-16 पदों में पैनलबद्ध होने के लिए पात्र समझे जाने के लिए, अधिकारी को भारतीय रेल की आठ संगठित ग्रुप ‘ए’ सेवाओं (अआईआरएसी, आईआरएसएमई, आईआरएसईई, आईआरएसएसई, आईआरएसएस, आईआरटीएस, आईआरपीएस,आईआरएएस) में से एक सेवा से संबंधित होना चाहिए और लेवल-15 (उच्च प्रशासनिक ग्रेड (एचएजी)) अथवा इससे ऊपर में नियमित अधार पर कार्यरत होना चाहिए।

3.2. आईआरएमएस एल-17 और आईआरएमएस एल-16 के पैनल में रखे जाने पर विचार करने हेतु बैचों के पात्र अधिकारियों को पैनल में रखे जाने के लिए आवेदन देने के लिए कहा जाएगा। आवेदन में निम्नलिखित सूचना होनी चाहिए:

(क) शीर्ष तीन पदों जिन पर अधिकारी चयनित होना चाहता है (अधिकारी पर सभी पदों के लिए विचार किया जाएगा)

(ख) सेवा के दौरान जीवन में संगठन के लिए शीर्ष पााँच योगदानों का विवरण (अधिक विवरण भी दे सकते हैं)

(ग) अधिकारी जिन तीन शीर्ष पदों के आकांक्षी हैं, उनके लिए वे दी गई समय सीमा में क्या पांच शीर्ष योगदान दे सकते हैं, उसका विवरण

3.3. रेलमंत्री द्वारा नामित विभागीय पदोन्नति समिति, जिसमें सचिव कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी , रेलवे बोर्ड और एक गैर-रेलवे अधिकारी (जैसे सचिव, डीओपीटी अथवा सचिव, एमओआरटीएच अथवा मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नीति आयोग आदि) शामिल हैं, चार इनपुट: i) विशेषज्ञ पैनल द्वारा एसीआर/एपीएआर का मूल्यांकन; ii) विशेषज्ञ पैनल मल्टी सोर्स फीडबैक; iii) ईक्यू मूल्यांकन; और iv) अप्लीकेशन के अधार पर अधिकारी का पूर्ण मूल्यांकन करेगी। पैनल बनाने के लिए निर्णय लेने में विभागीय पदोन्नति समिति की सहायता के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया हेतु आंतरिक दिशा-निर्देश अनुबंध-1 के रूप में संलग्न हैं।

इस पूर्ण मूल्यांकन के अधार पर, विभागीय पदोन्नति समिति आईआरएमएस एल-17 और आईआरएमएस एल-16 के लिए पैनल की मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति के अनुमोदन हेतु सिफारिश करेगी।

3.4. विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक की आवधिकता और पैनलों की अवधि

क) विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक मौजूदा पैनल के अधिकारियों की उपलब्धता के आधार पर उपयुक्त समय पर होगी। बैच को पैनल में रखने पर विचार करने हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक पर्याप्त समय पर होगी, ताकि मौजूदा पैनल के समाप्त होने से पहले सभी आवश्यक कदम अग्रिम रूप से उठाए जा सकें।

विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) द्वारा बनाया गया और मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति (एसीसी) द्वारा अनुमोदित पैनल सभी पैनलबद्ध अधिकारियों की तैनाती (उपलब्ध और अगामी रिक्तियों) तक वैध रहेगा।

ख) एक बार पैनल में रखे जाने के बाद, अधिकारियों को उनकी उस पद की उपयुक्तता के अधार पर रिक्तियों पर नियुक्त किया जाएगा।

3.5. पूर्ण मूल्यांकन से संबंधित दस्तावेजों को अत्यंत गोपनीय समझा जाए, ताकि व्यापक मूल्यांकन प्रक्रिया की निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित की जा सके।

3.6. अधिकारी द्वारा अभ्यावेदन

क) पैनल में रखने की प्रक्रिया द्वारा प्रभावित कोई भी अधिकारी अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकता है, जो इस अभ्यावेदन को समीक्षा विशेषज्ञ पैनल को भेजेगा।

ख) समीक्षा विशेषज्ञ पैनल का गठन अनुबंध-1 के दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाएगी। मूल विशेषज्ञ पैनल से इतर विशेषज्ञों से की जाएगी। समीक्षा विशेषज्ञ पैनल, विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों का अध्ययन करेगा, नए सिरे से अनुबंध-1 के अनुसार मूल्यांकन करेगा, अधिकारी के अभ्यावेदन पर विचार करेगा और उसके बाद अपनी तर्कसंगत सिफारिशों को अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करेगा।

ग) विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा पुनः विचार किए जाने के लिए सिफारिश किए गए सभी मामलों की यथाशीघ्र समीक्षा की जाएगी और यह समीक्षा विशेषज्ञ पैनल द्वारा प्रस्तुत की गई तर्कसंगत सिफारिशों के तीन माह के भीतर ही की जाएगी।

घ) अधिकारी आईआरएमएस एल-16 के पैनल में रखे जाने के लिए अधिकतम दो अभ्यावेदन और
आईआरएमएस एल-17 के पैनल में रखे जाने के लिए एक अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।

4. भारतीय रेल प्रबंधन सेवा लेवल-17 एवं लेवल-16 के पदों पर पैनलबद्ध अधिकारियों की नियुक्ति

4.1. पैनल से अलग नियुक्ति

क) पैनलबद्ध अधिकारी किसी विशिष्ट पद पर नियुक्ति का हकदार नहीं है।

ख) किसी विशिष्ट पद के लिए पैनलबद्ध अधिकारी की उपयुक्तता के अधार पर नियुक्ति करना उपयुक्त प्राधिकारी का विशेषाधिकार होगा।

4.2. भारतीय रेल प्रबंधन सेवा लेवल-17 शीर्ष ग्रेड में सीआरबी एवं सीईओ की नियुक्ति

भारतीय रेल प्रबंधन सेवा लेवल-17 में कार्य करने वाले सभी अधिकारी और भारतीय रेल प्रबंधन सेवा लेवल-17 के लिए पैनल में उपलब्ध अधिकारी, अध्यक्ष और सीईओ रेलवे बोर्ड के पद पर नियुक्ति के लिए पात्र होंगे। मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति (एसीसी) के अनुमोदन के लिए सीआरबी और सीईओ के रूप में नियुक्ति के लिए रेल मंत्रालय द्वारा अनुभव प्रोफाइल, क्षमता, सामान्य प्रतिष्ठा, सत्यनिष्ठा और नेतृत्व गुणों के अधार पर पद के लिए व्यापक मूल्यांकन और उपयुक्तता के अधार पर अधिकारियों में से एक अधिकारी की सिफारिश की जाएगी।

4.3. भारतीय रेल प्रबंधन सेवा लेवल-17 शीर्ष ग्रेड में रेलवे बोर्ड के चार सदस्यों और महानिदेशक (मानव संसाधन) और महानिदेशक (संरक्षा) की नियुक्ति

भारतीय रेल प्रबंधन सेवा लेवल-17 में कार्य करने वाले सभी अधिकारी और भारतीय रेल प्रबंधन सेवा लेवल-17 के लिए पैनल में उपलब्ध अधिकारी, सदस्य (अवसंरचना), सदस्य (परिचालन और व्यवसाय विकास), सदस्य (कर्षण और चल स्टॉक) और सदस्य (वित्त), महानिदेशक (मानव संसाधन) और महानिदेशक (संरक्षा) के पद पर नियुक्ति के लिए पात्र होंगे। इन पदों पर नियुक्ति के लिए अनुभव प्रोफाइल, क्षमता, सामान्य प्रतिष्ठा, सत्यनिष्ठा और नेतृत्व गुण पद के लिए व्यापक मूल्यांकन और उपयुक्तता के अधार पर उपयुक्त अधिकारी मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति (एसीसी) को अनुशंसित किए जाएंगे।

4.4. भारतीय रेल प्रबंधन सेवा लेवल-16 में महाप्रबंधकों और समकक्ष की नियुक्ति

भारतीय रेल प्रबंधन सेवा लेवल-16 के लिए पैनलबद्ध सभी अधिकारी, भारतीय रेल प्रबंधन सेवा लेवल-16 में महाप्रबंधकों और समकक्ष पदों पर नियुक्ति के लिए पात्र होंगे। पद की विशिष्ट आवश्यकता/आवश्यकताओं और भरे जाने वाले पद/पदों के लिए पैनलबद्ध अधिकारियों की उपयुक्तता को ध्यान में रखते हुए, व्यापक मूल्यांकन के अधार पर पैनलबद्ध अधिकारी महाप्रबंधक और समकक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति को अनुशंसित किए जाएंगे।

महाप्रबंधकों और समकक्ष (भारतीय रेल प्रबंधन सेवा लेवल-16) के पद अंतर स्थानांतरण पद हैं, और रेलवे की प्रभावपूर्ण ढ़ंग से कार्य-प्रणाली के हित में समीचीन समझे जाने पर रेल मंत्रालय द्वारा इन अधिकारियों का स्थानांतरण किया जा सकता है।

5. छूट

नीति के उपयुक्त प्रावधान में से किसी को भी, यदि अन्यथा जनहित में समीचीन माना जाता है, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के परामर्श से आवश्यक सीमा तक छूट दी जा सकती है। मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति को नियुक्तियों की अनुशंसा करते समय इस प्रकार की किसी भी छूट के बारे में विशेष रूप से सूचित किया जाएगा।

6. व्याख्या

नीति की व्याख्या से संबंधित सभी शंकाओं का निर्णय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के परामर्श से और मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति के अनुमोदन से रेल मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।

आदेश

यह आदेश दिया जाता है कि संकल्प की एक प्रतिलिपि विभिन्न ग्रुप ‘ए’ रेल सेवा के सदस्यों में परिपत्रित की जाए।

यह भी आदेश दिया जाता है कि संकल्प को आम सूचना के लिए भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया जाए।

अनुबंध-1

रेलवे में लेवल-17 (शीर्ष ग्रेड) और लेवल-16 (एचएजी+) के आईआरएमएस पदों में अधिकारियों को पैनल में शामिल करने के लिए व्यापक मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए आंतरिक दिशा-निर्देश

1. बैच-वार पैनलबद्ध करना

पैनल का गठन बैच-वार किया जाएगा। इसमें कोई विभागीय कोटा नहीं होगा। पैनल समाप्त नहीं होगा। पैनलबद्ध अधिकारियों की तैनाती रिक्तियां होने पर की जाएगी। अगले बैच का पैनल अग्रिम रूप से तैयार किया जाएगा, ताकि मौजूदा पैनल समाप्त होने पर रिक्तियां भरने के लिए नए पैनल पर विचार किया जा सके।

2. विशेषज्ञ पैनल का गठन

क) सेवानिवृत्त अधिकारियों के एक समूह से विशेषज्ञ पैनल का गठन किया जाएगा। पैनल का चयन पूरी सावधानी के साथ किया जाएगा।

ख) पैनल के गठन के लिए निम्नलिखित रैंक के सेवानिवृत्त अधिकारियों पर विचार किया जाएगा:

• रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्य
• सचिव – भारत सरकार
• रेलों के महाप्रबंधक
• रेलवे के अपर सदस्य
• रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्ष

ग) विशेषज्ञ पैनल एसीआर/एपीएआर का आकलन करने, बहु-स्रोत प्रतिक्रया प्राप्त करने और अप्लीकेशन का मूल्यांकन करने में सहायता करेगा।

3. एसीआर/एपीएआर का मूल्यांकन

क) मूल्यांकन प्रयोजन के लिए पूरे सेवाकाल की एसीआर/एपीएआर पर विचार किया जाएगा।

ख) विशेषज्ञ पैनल निम्नलिखित अधार पर एसीआर/एपीएआर का मूल्यांकन करेगा:

• क्या अधिकारी की ग्रेडिंग, अधिकारी के आत्म-मूल्यांकन के अलोक में और रिपोर्टिंग पुनरीक्षण करने वाले और स्वीकार करने वाले प्राधिकारी की टिप्पणियों से उसके कार्य निष्पादन और उपलब्धियों से मेल खाती है।

• क्या मूल्यांकन सुसंगत प्रवृत्ति दर्शाता है।

• भिन्नता के कारण।

• उन मामलों के लिए सामान्यीकरण जहां रिपोर्टिंग पुनरीक्षण करने वाले या स्वीकार करने वाले
प्राधिकारी को उदार या रूढ़िवादी होने के लिए जाना जाता है।

• एक अधिकारी के कई चार्जेस के मामले में विभिन्न अधिकारियों द्वारा मूल्यांकन के बीच स्थिरता।

• अंतरालों के मामले में मूल्यांकन – क्या ऐसे अंतराल स्व-मूल्यांकन की कमी के कारण सृजित किए गए हैं या समीक्षा प्रक्रिया की कमी के कारण या स्वीकृत प्रक्रिया की कमी के कारण सृजित किए गए हैं।

• विभिन्न क्षेत्रीय रेलों या उत्पादन इकाईयों या रेलवे की अन्य संस्थाओं पर सामान्यीकरण जहां कहीं भी किसी विशेष प्रशासनिक इकाई को उदार या रूढ़िवादी के रूप में जाना जाता है।

• कोई अभ्यावेदन प्राप्त होने की स्थिति में अधिकारियों के प्रतिनिधित्व पर विचार करना।

4. मल्टी सोर्स फीडबैक

क) विशेषज्ञ पैनल जूनियर, साथियों, वरिष्ठों, सेवारत सदस्यों, सेवारत महाप्रबंधकों और बाहरी हितधारकों सहित जुडे हुए हितधारकों के साथ टेलीफोन पर बातचीत करेगा।

ख) यह रेंज जहां तक सम्भव हो, विविध होनी चाहिए।

ग) मल्टी सोर्स फीडबैक कम-से-कम सात (7) व्यक्तियों से एकत्र की जानी चाहिए।

घ) विशेषज्ञ पैनल मल्टी सोर्स फीडबैक के प्रारूप में अधिकारी के बारे में प्रत्येक हितधारक की राय एकत्र करेगा, जिसमें 7 सरल प्रश्न होंगे (जो निर्णय लेने, स्वामित्व लेने, सक्रिय होने के बारे में, डिलीवरी का ट्रैक रिकॉर्ड है, टीम के खिलाड़ी और टीम लीडर होने के नाते, ईमानदार होने की प्रतिष्ठा, और वरिष्ठ स्तर के लिए उपयुक्तता) जिन्हें 1 से 5 तक अंक दिए जाएंगे।

ड) विशेषज्ञ पैनल ईमानदार और सटीक प्रतिक्रया प्राप्त करने के लिए हितधारकों के नाम गुप्त रखेगा और गोपनीयता सुनिश्चित करेगा।

5. भावनात्मक आसूचना गुणांक की साइकोमेट्रिक माप

क) अधिकारियों की साइकोमेट्रिक माप मानक उपकरणों के प्रयोग से तैयार किए जाएंगे, ताकि उनके भावनात्मक असूचना गुणांक का पता लगाया जा सके।

ख) भावनात्मक आसूचना गुणांक अधिकारी के व्यक्तित्व और भूमिका फिटनेस का आकलन करने के लिए एक अतिरिक्त उपकरण होगा।

ग) भावनात्मक आसूचना गुणांक 5 पैमानों पर व्यक्तित्व का मूल्यांकन करेगा:

• आत्म-धारणा: अधिकारी की क्षमता कमजोरी विकास संबंधी जरूरतें जीवन में लक्ष्यों अत्मविश्वास महत्वाकांक्षाओं आदि के बारे में ईमानदार जागरूकता।
• आत्म-अभिव्यक्ति: मुखरता सोच की स्वतंत्रता आदि।
• पारस्परिक: सहानुभूति सामाजिक जिम्मेदारी हितधारकों आदि के साथ संवाद करने की क्षमता।
• निर्णय लेना: समस्या हल करना वास्तविकता परीक्षण और आवेग नियंत्रण।
• तनाव प्रबंधन: लचीलापन आशावाद और तनाव सहिष्णुता।

6. समग्र मूल्यांकन से संबंधित सभी दस्तावेज गोपनीय रखे जाएंगे।

सभार रेल समाचार

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