सुनील कुमार, कोलकाता. दक्षिण पूर्व रेलवे के हावड़ा-मुंबई मार्ग पर चक्रधरपुर मंडल के लोटापहाड़ और सोनुवा स्टेशनों के बीच नक्सलियों ने रविवार की देर रात ढाई बजे लैंडमाइन विस्फोट कर रेलवे पटरी को उड़ा दिया. इससे सेक्शन पर लगभग छह घंटे के लिए रेलवे परिचालन ठप पड़ा गया. यह सब उस समय किया गया है जब देश के तमाम लोग कोरोना के संक्रमण से जान बचाने की जद्दोजहद में जुटे हुए है. देश में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रेनों से कंटेनर भेजे जा रहे हैं. ऐसे समय में एक व्यस्त मार्ग को अवरुद्ध कर देना देशभक्ति तो नहीं हो सकती है, यह सीधे-सीधे देशद्राेह है.
यह सब उस समय किया गया है जब देश के तमाम लोग कोरोना के संक्रमण से जान बचाने की जद्दोजहद में जुटे हुए है. देश में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रेनों से कंटेनर भेजे जा रहे हैं. ऐसे समय में एक व्यस्त मार्ग को अवरुद्ध कर देना देशभक्ति तो नहीं हो सकती है, यह सीधे-सीधे देशद्राेह है.
दिलचस्प है कि नक्सलियों को राह से भटके युवा बताने वाले नेता भी कोरोला की विभिषिका के बीच इस घटना पर मौन साधे हुए है. लोटापहाड़ और सोनुवा रेलवे स्टेशनों के बीच थर्ड लाइन को उड़ाया गया है. लैंडमाइन से लगभग एक मीटर तक पटरी क्षतिग्रस्त हो गयी है. मालगाड़ी के चालक ने कंट्रोल को रेलवे ट्रैक पर लाल झंडा बंधे होने की जानकारी दी थी इसके बाद सेक्शन पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया. सोमवार की सुबह आनन-फानन में रेलवे पटरी को दुरुस्त कराकर ट्रेनों की आवाजाही शुरू करायी गयी. इस दौरान आधा दर्जन से अधिक ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी रही.
नक्सलियों ने 26 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया है. इसी के मद्देनजर नक्सलियों द्वारा इस घटना को अंजाम दिये जाने की बात कही जा रही. नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक उड़ाने के बाद वहां पोस्टर व बैनर भी छोड़ दिया था. कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे देश में भले ही आपातकाल नहीं लगाया गया हो लेकिन स्थिति उससे भी बुरी नजर आ रही है. ऐसे में नक्सलियों द्वारा बुलाया गया बंद और अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए किया गया यह कृत्य देशद्रोह से कम नहीं कहां जा सकता है.