- रेलवे यूनियन चुनाव से पूर्व जीत को बड़ी सफलता मान रहे NFIR नेता, अब सच को सामने लाने की होगी बड़ी चुनौती
KOLKATA. एशिया की सबसे बड़ी रेलवे को-ऑपरेटिव सोसाइटी अर्बन बैंक के निदेशक मंडल के चुनाव में ‘परिवर्तन पैनल’ ने 18 में से 16 सीटें अपनी झोली में डालकर 45 साल से काबिज रेलवे मेंस यूनियन (AIRF) का वर्चस्व तोड़ दिया है. परिवर्तन पैनल में रेलवे मेंस कांग्रेस (NFIR), ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन, ट्रैक मेंटेनर्स यूनियन आदि संगठनों ने एक मंच पर आकर यूनियन (AIRF) को चुनौती दी थी.
इस चुनाव में मेंस यूनियन को मात्र दो सीट मिली है. इस तरह अर्बन बैंक से यूनियन का नियंत्रण पूरी तरह खत्म हो गया है. हालांकि नये जनादेश के बाद रेलवे मेंस कांग्रेस (NFIR) के ऊपर यह महती जिम्मेदारी आ गयी है कि वह अर्बन बैंक में अब तक चल रहे गोलमाल का पर्दाफाश करे और अपने घोषणापत्र पर अमल सुनिश्चित कराये.
दक्षिण पूर्व रेलवे के अविभाजित तीनों जोनों (दक्षिण पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे और पूर्व तटीय रेलवे) को लेकर संचालित रेलवे को-ऑपरेटिव सोसाइटी के डायरेक्टर का चुनाव काफी जद्दोजहद के बीच 28 सितंबर 2024 को होना निश्चित हुआ था. चुनाव से पहले ही NFIR (नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन) के नेताओं ने बेहतर लॉबिंग की और अपने साथ ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन, ट्रैक मेंटेनर्स यूनियन व दूसरे संगठनों को लाने में सफल रहे. इसका असर चुनाव पर दिखा.
सोसाईटी चुनाव से पहले रेलवे मेंस कांग्रेस व दूसरे यूनियन के नेता रेलकर्मियों को यह समझाने में सफल रहे कि रेलवे मेंस यूनियन के नेतृत्व वाली सोसाईटी में करोड़ों का गोलमाल किया गया है. निदेशक मंडली के भीतर ही आपस में विवाद है. सेवानिवृत्त लोग बैंक की पॉलिसी बना रहे. बिना नोटिफिकेशन के नये कर्मचारियों को ज्वाइन करायी जा रही है. यह नियुक्ति पाने वाले लोग रेलवे मेंस यूनियन नेताओं के आश्रित हैं. रेलवे मेंस कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इन मामलों की जांच कराने की बात कही थी.
इसका असर चुनाव से लेकर डायरेक्टर चयन में सामने आया है. परिवर्तन पैनल ने निदेशक पद के चुनाव में 18 में से 16 सीटों पर जीत दर्ज कराकर बड़ा परिवर्तन कर दिया है. इस तरह 45 साल से रेलवे अर्बन बैंक में काबिज मेंस यूनियन को दो सीटों पर सिमटना पड़ा. नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे के संयुक्त महासचिव एसआर मिश्रा और ऑल इंडिया लोगो रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के दक्षिण पूर्व जोन महामंत्री एसपी सिंह ने इसके लिए रेलकर्मियों और डेलिगेट का आभार जताया है.
1.30 लाख शेयर होल्डर वाली सोसाईटी में 691 प्रतिनिधि
रेलवे नेताओं ने बताया कि अर्बन बैंक के 1.30 लाख शेयर होल्डर हैं, जबकि कोलकाता, भुवनेश्वर और बिलासपुर को मिलाकर 691 प्रतिनिधि हैं. अर्बन बैंक से मेंस यूनियन के भ्रष्टाचार को चरम पर बताकर उसे खत्म कने के आह्वान के साथ परिवर्तन पैनल का गठन किया गया था. इसे रेल कर्मचारियों का समर्थन मिला. अर्बन बैंक के प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए मतदान जुलाई में हुआ था.
निदेशक मंडल के चुनाव में चक्रधरपुर 81, दक्षिण पूर्व जोन के 315 स्टेशनों से कुल 296 प्रतिनिधि शामिल हुए. रेलवे मेंस कांग्रेस के चक्रधरपुर मंडल संयोजक शशि रंजन मिश्रा ने कहा कि अर्बन बैंक में वर्षों से घोटाला किया जा रहा था. रेल कर्मचारियों की एकजुटता से यह काला अध्याय खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि अर्बन बैंक में कोलकाता, भुवनेश्वर और बिलासपुर की संयुक्त कमेटी है. इससे दक्षिण पूर्व रेलवे जोन को अलग करने की मांग भी वर्षों से उठ रही है. अब इसे साकार किया जायेगा.
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