Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

रेल यात्री

शर्मनाक… राउरकेला में पांच हजार देकर स्टेशन पर कोई भी कर सकता है हॉकरी !

शर्मनाक... राउरकेला में पांच हजार देकर स्टेशन पर कोई भी कर सकता है हॉकरी !
राउरकेला स्टेशन पर अवैध हॉकरों की दिन-दहाड़े चल रही गतिविधियों
  • स्टेशनों पर लगे 100 से अधिक सीसीटीवी और 24 घंटे मोनिटरिंग वाले बड़े स्क्रीन पर भी नहीं दिख रहे हॉकर ! 
  • किसकी शह पर राउरकेला में आरपीएफ के पाेस्ट प्रभारी रेलवे की इज्जत का फालूदा निकालने में जुटे हैं  

Rourkela. दक्षिण पूर्व रेलवे के व्यस्त और मॉडल रेलवे स्टेशनों में से राउरकेला में पांच हजार रुपये देकर काेई भी अवैध रूप से हॉकरी कर सकता है. इसके लिए कोई लाइसेंस लेने और नियम-कानून के पचड़े में पड़ने की भी जरूरत नहीं है, सिर्फ वर्दी वाले साहब से मिलकर सिस्टम तय कर लेना है. एक बार सिस्टम तय हो जाये फिर स्टेशन पर आने-जाने वाली ट्रेनों में अवैध रूप से हॉकरी की खुली छूट मिल जायेगी. यह कहना है कि यहां स्टेशन पर फेरी करने वाले हॉकरों और इसे संचालित करने वाले सिंडिकेट के लोगों का.

आरपीएफ के वर्दी वाले इस साहब की धमक कोलकाता के जोनल मुख्यालय से लेकर दिल्ली तक सुने जाने की बात कही जाती है. शायद यही कारण है कि बार-बार मिल रही शिकायतों और वीडियो-फोटो जारी होने के बावजूद यहां रेलवे की इज्जत का फालूदा निकालने में जुटे पोस्ट कमांडर पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. (क्लिक करें) अब तो यहां तक कहां जाने लगा है कि जितना भी शिकायत कर लो, ट्वीट कर सच्चाई दिखा दे, कोई कुछ बिगड़ने वाला है नहीं, कोलकाता से दिल्ली तक सेटिंग है. सब बड़े साहब और छोटे साहब की जानकारी में है, सिस्टम के तहत सबकी इच्छा पूरी की जाती है. राउरकेला स्टेशन पर हॉकर के बेखौफ कदम इस तथ्य को बहुत हद तक सच साबित कर रहे हैं.

राउरकेला स्टेशन पर अवैध हॉकरों की धमाचौकड़ी के वीडियो फुटेज, फोटो और जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी #Railhunt को भेजे गये हैं, जो कि गोपनीयता की शर्त पर कुछ लोगों द्वारा उपलब्ध कराये गये हैं. यह जीवंत सच्चाई है कि जोन के सभी स्टेशनों और ट्रेनों में अवैध हॉकरों की धमाचौकड़ी मची हुई है और कभी-कभार दिखावे की कार्रवाई कर इन पर जुर्माना भी लगाया जाता है. अक्सर अवैध हॉकरी की शिकायत आने पर आरपीएफ के पोस्ट कमांडर अपने जबाव में यह जरूर बताते है कि जनवरी से मार्च तक 33 हॉकरों को पकड़ा गया. आगे सतर्कता रखी जायेगी. यह सहज बात है कि पोस्ट कमांडर यह स्वीकार करते है कि हॉकर चल रहे हैं? अब इन पर रोक क्यों नहीं लग पा रही इसका जबाव उनसे पूछने वाला कोई है नहीं‍ ?

शर्मनाक... राउरकेला में पांच हजार देकर स्टेशन पर कोई भी कर सकता है हॉकरी !

समय से थोड़ा पीछे चलते है और याद करते हैं आरपीएफ के पूर्व डीजी अरुण कुमार का कार्यकाल उस समय ईमानदारी का चोला पहनकर अपने आप को बेस्ट साबित करने की होड़ आरपीएफ के अफसरों में मची थी. एक शिकायत आयी नहीं कि पोस्ट कमांडर को चेतावनी और आनन-फानन में कार्रवाई. कारण साफ था अगर आप नहीं करेंगे तो स्वयं दिल्ली मुख्यालय से स्पेशल टीम आ जायेगी और शायद तब आईजी और सीनियर डीएससी की भी बली चढ़ जाये. SER जोन के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ था जब आरपीएफ आईजी एससी पाढ़ी और सीनियर डीएससी देवराज मौर्या को एक साथ हटाया गया हो.  (पढ़ने के लिए क्लिक करें)

शर्मनाक... राउरकेला में पांच हजार देकर स्टेशन पर कोई भी कर सकता है हॉकरी !

DB KASAR, IG CUM PCSC, SER

शर्मनाक... राउरकेला में पांच हजार देकर स्टेशन पर कोई भी कर सकता है हॉकरी !

Onkar singh, Sr. DSC, CKP

तत्कालीन डीजी अरुण कुमार ने उन विपरीत परिस्थितियों में विभाग के सर्वश्रेष्ठ अफसरों में शामिल साउथ वेर्स्टन रेलवे के पीसीएससी डीबी कसार को SER का आईजी बनाकर भेजा. उसी समय पोस्ट डाउनग्रेड कर एनएफआर के रांगिया से कमांडेंट ओंकार सिंह को सीकेपी में कमांडेंट बनाकर भेजा गया. कमाल का समय था. #आईजी#डीआईजी#कमांडेंट की ईमानदारी की मिशाल देते महकमे के लोग नहीं थकते थे. सब कुछ निर्धारित सिस्टम से होता था. चोरी भी छुप-छपाकर की जाती थी, सहयोग भी मौन होता था. पर …डीजी अरुण कुमार की सेवानिवृत्ति के बाद गिरगिट के रंग बदलने की तरह सिस्टम में बदलाव ऐसा आया कि आईजी से लेकर सीनियर डीएससी के निर्णयों पर सवाल उठाये जाने लगे. ऐसी अनियमितताओं की लंबी फेहरिस्त #रेलहंट तक भी पहुंचायी जाती रही है. सबूत भेजे गये. अब आलम है कि इन्हीं अफसरों के ईमानदारी की मिशाल देने वाले महकमे के वही लोग अब इन सवालों पर मुंह बिचकाने लगते हैं.

अब यह कहां जाने लगा है … किसी अनियमितता को लेकर बार-बार आवाज उठाने के बाद भी जब उच्चाधिकारी मौन साध लें तो इसके कई मायने निकाले जा सकते हैं. जब शीर्ष नेतृत्व और प्रबंधन अपना एजेंडा सेट करने में लगा हो, तब अफसर निरंकुश और व्यवस्था भ्रष्ट ही होती है, क्योंकि तब नीचे देखने वाला कोई नहीं होता !

बदलाव तो आया है, यह सबने महसूस किया है. छोटी-बड़ी शिकायतों पर सीआईबी के इंस्पेक्टरों को नाकोंदम कर देने SER आरपीएफ के डीआइजी ने सच बताने पर #Railhunt के नंबर को ही ब्लॉक कर दिया.  अब अगर अधिकारी अवैध गतिविधियों, शिकायतों को सुनने-देखने-समझने की मंशा त्यागकर सूचनाओं के माध्यम को ही बंद करने लगे तो इसके क्या मतलब निकाले जाने चाहिए ? ऐसा प्रतीत होता है कि हॉकरों की अवैध गतिविधियों की सूचना देने वाले सीआईबी के इंस्पेक्टर और उनकी टीम भी अब इसके मौन की भागीदार बन चुकी है. इसका उदाहरण राउरकेला-टाटा-खड़गपुर मार्ग पर ट्रेनों में अवैध हॉकर और स्टेशन पर लगने वाला उनका अवैध बाजार है!

#RPF_INDIA  #INDIANRAIL #DG_RPF #IG_SER_RPF #RAILWAY_PROTECTION_FORCE

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

ताजा खबरें

You May Also Like

रेलवे यूनियन

पश्चिम मध्य रेलवे कर्मचारी परिषद ने सीआरबी को थमायी समस्याओं की सूची, लाइन बॉक्स सुविधा जारी रखने का अनुरोध BHOPAL. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन...

रेलवे यूनियन

General Secretary IRSTMU writes letter to PM for recreation of post of Member (S&T) and filling of the post of AM (Signal) NEW DELHI. The...

Breaking

सूरत के कीम-कोसंबा के बीच निकाली गई थीं फिश प्लेट, स्टेशन मास्टर को दी गयी थी सूचना   कर्मचारी सुभाष पोद्दार ने 71 पेडलॉक निकालने...

रेलवे यूनियन

New Delhi. The Railway Board has given an additional charge of Member (Infrastructure) to DG (HR) after the former superannuated on September 30, 2024....