एआइआरएफ 93वां अधिवेशन गोरखपुर में आयोजित
गोरखपुर. ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के 93वें अधिवेशन में दुनिया भर के फेडरेशन में महिलायों की बढती भूमिका और विकास में तकनीक के इस्तेमाल से नौकरी पर बढ़ते खतरे पर चिंता जाहिर की. देश में हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए जा रहे कर्ज को ओवर कैपिटलाइजेशन बताते हुए इसे रेलवे के लिए खतरनाक बताया गया. यहां रेलवे स्टेडियम में आयोजित अधिवेशन में फेडरेशन के केंद्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि जनसंख्या के अनुसार नयी ट्रेनों को चलाने की जरूरत है लेकिन जर्जर पटरियों पर हाई स्पीड ट्रेन का दावा करना बड़ी चुनौती होगी. बुलेट ट्रेन पर धन लगाने के बजाय रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना चाहिए ताकि अतिरिक्त पटरियां बिछ सकें, नए कोच का निर्माण किया जा सके. उन्होंने कहा कि हाई स्पीड ट्रेन के लिए अत्यधिक कर्ज लेना भविष्य में खतरे का संकेत है. रिक्त पदों पर भर्ती न होने से सरंक्षा की कमान संभालने वाले कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है. खाली पदों पर रेल कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी दी जाए.
लंदन से आए इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी स्टेफेन कॉटन ने कहा कि सरकार सुरक्षा और सरंक्षा में तकनीक विकसित करने को लेकर निवेश करे लेकिन यह भी ख्याल रखना होगा कि इससे नौकरी पर खतरा न आए. कर्मचारियों की कुशलता का इस्तेमाल करने पर तकनीक का फायदा मिल सके. एआइआरएफ भारत के साढ़े चार लाख युवा कामगारों को संगठन में शामिल करे ताकि उनके भविष्य को लेकर भी विमर्श हो सके. नेपाल ट्रांसपोर्ट के प्रतिनिधि अजय रॉय ने कहा कि भारत और नेपाल की साँझा संस्कृति है. भाईचारे का सम्बन्ध है. नेपाल में लोकतंत्र खतरे में है, नए संविधान पर चुनाव होने वाला है. ऐसे में यूनियन संगठित नहीं हुए तो कर्मचारियों व मजदूरों की मुश्किलें बढ़ेंगी.
अध्यक्ष कामरेड रखाल दास गुप्ता ने कहा कि एकता ही संगठन की सबसे बड़ी ताकत है. जिस तरह रेलवे ने निजी क्षेत्रों की तरफ कदम बढ़ाएं हैं उससे आने वाले दिनों में हमें लम्बा संघर्ष करना पड़ेगा. इस दौरान ITF के सेक्रेटरी नोयल कोआर्ड, जार्डन से आई यूथ कोऑर्डिनेटर बेरल, मेम्बर स्टाफ श्री ए.के. गुहेन, श्री के.एल. गुप्ता ने भी रेलकर्मियों के समक्ष आई चुनौतियों पर अपने सुझाव रखे.
सरकार निजीकरण की पक्षधर नहीं : रेल राज्यमंत्री
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि सरकार रेलवे के निजीकरण की पक्षधर नहीं है. सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में एआइआरएफ के 93वें वार्षिक अधिवेशन के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का यह एक ऐसा संगठन है, जिसका किसी राजनीतिक दल से जुड़ाव नहीं है. मनोज सिन्हा ने कहा कि भारतीय रेल और एआइआरएफ की अपनी विशिष्टता है. फेडेरेशन अपने अधिवेशन में भी रेलवे की सुरक्षा और संरक्षा पर चर्चा करता है. देशभर से जुटे रेलकर्मी रेलवे के विकास की बात करते हैं. रेल कर्मचारियों की लंबित मांगों पर चर्चा करते हुए रेल राज्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि कुछ मांगों पर सहमति बन गई है. कुछ पर अभी बाकी हैं, जिसपर जल्द ही बातचीत के जरिये सहमति बना ली जाएगी. उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे बड़ा संगठन है.
कर्मचारी जान जोखिम में डालकर रेलवे की सेवा कर रहे हैं. कर्मचारियों के सहयोग से ही भारतीय रेलवे की साख बनी हुई है. रेलवे के विकास की चर्चा करते हुए रेल राज्यमंत्री ने बताया कि पिछली सरकारें रेलवे के विकास के लिए प्रति वर्ष 45 हजार करोड़ रुपये निवेश करती थीं. जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक लाख 30 हजार करोड़ निवेश किया है. रेलवे के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने रेल दुर्घटनाओं पर भी चिंता जताई. कहा दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगना होगा. हालांकि, इसके लिए सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं. अंत में उन्होंने रेलकर्मियों से अधिक से अधिक तकनीकी का प्रयोग करने का आह्वान किया.
तैयार किए जा रहे इंप्लाई चार्ट : मेंबर स्टाफ
अपने संबोधन में रेलवे बोर्ड के मेंबर स्टाफ एके गुहेन ने कहा कि रेलवे, कर्मचारियों के हित में लगातार कार्य कर रहा है. इंप्लाई चार्ट तैयार किया जा रहा है. चिकित्सा सुविधा को और बेहतर बनाया जा रहा है. तेजी के साथ भारतीय रेल की तरक्की हो रही है. निर्माण कार्यो में तेजी आई है. 486 करोड़ लोगों ने यात्र की है. उन्होंने बताया कि एआइआरएफ रेलवे बोर्ड से संवाद स्थापित करने में अहम भूमिका निभाता रहा है, जो इसकी विशिष्ट पहचान है. लंदन से पधारे विशिष्ट अतिथि इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के महामंत्री स्टीव कार्टन कर्मचारियों की भीड़ में गदगद दिखे. कर्मचारी एकता जिंदाबाद का नारा लगाते हुए उन्होंने कहा कि एआइआरएफ विश्वभर में ट्रेड कर्मचारियों की आवाज पहुंचा रहा है. विश्वभर में 750 ट्रेड यूनियन हैं, जिसमें एआइआरएफ का स्थान प्रमुख है. वार्षिक पत्रिका का विमोचन करने के बाद रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के 51वीं बार महामंत्री चुने जाने पर केएल गुप्त को सम्मानित किया. इस दौरान एआइआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र, नरमू के अध्यक्ष बसंत लाल चतुर्वेदी, एआइआरएफ के अध्यक्ष रखाल दास, आदि मौजूद रहे.
साभार : एआइआरएफ