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रेलवे पर सरकार की बुरी नजर, रवैया बदले, वरना रेल का चक्का होगा जाम : शिवगोपाल

रेलवे पर सरकार की बुरी नजर, रवैया बदले, वरना रेल का चक्का होगा जाम : शिवगोपाल
  • सरकार की नीतियों के खिलाफ एआईआरएफ का चेतावनी सप्ताह शुरू, जगह-जगह हो रहे धरना-प्रदर्शन   
  • नार्दर्न रेलवे मुख्यालय बडौदा हाउस पर गेट मीटिंग कर फेडरेशन ने दी चेतावनी, नी सिर के ऊपर से निकल गया है
  • उद्योगपतियों का रेलवे में रुची है तो मुनाफे वाली ट्रेन को छोड़कर पैसेजर ट्रेन का संचालन करके दिखाये : त्यागी

रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली

ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन AIRF के आह्वान पर 16 सितंबर को देश भर में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ रेल कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. दिल्ली में महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने नार्दर्न रेलवे के मुख्यालय बडौदा हाउस पर गेट मीटिंग कर सरकार को चेतावनी दी. कहा कि पानी सिर के ऊपर से निकल गया है, ऐसे में अगर सरकार ने रवैया न बदला तो मजबूरन हमें रेल का चक्का जाम करना ही होगा. यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष एस के त्यागी ने सरकार की दोषपूर्ण नीतियों की आलोचना करते हुए कहाकि मुनाफे की उत्पादन इकाइयों को उद्योगपतियों के हवाले करने की साजिश की जा रही है, एआईआरएफ के रहते सरकार का मंसूबा पूरा नहीं होने वाला है. उधर लेखा मंडल ने भी चेतावनी दिवस के मौके पर टीए शाखा में गेटमीटिंग करके सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अपना रवैया नहीं बदला तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.

रेलवे पर सरकार की बुरी नजर, रवैया बदले, वरना रेल का चक्का होगा जाम : शिवगोपालहेडक्वार्टर मंडल द्वारा बडौदा हाउस पर आयोजित गेट मीटिंग में महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि देश में सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, भारतीय रेल पर सभी की नीयत खराब रही है. भारतीय रेल के पूरे आईटी महकमें को विवादित सत्यम को बेचने का फैसला कर लिया गया था, जबकि आज उसका मालिक राजू जेल की सलाखों के पीछे है. उस वक्त बड़ी लड़ाई लड़ कर किसी तरह आईटी को वापस लिया गया. फिर सरकार ने सरकारी प्रिंटिग प्रेस पर बुरी नियत डाली और इसे भी बेचने का प्रयास किया, काफी कोशिशों के बाद देश में 10 प्रिंटिंग प्रेस को बचाने में हम कामयाब रहे, इसमें पांच प्रिंटिग प्रेस रेलवे के हैं. आज इन पांचो प्रिटिंग प्रेस को बंद करने का फरमान सुना दिया गया है. एआईआरएफ इसके खिलाफ है और हम निर्णायक लड़ाई लडेंगे.

रायबरेली की माडर्न कोच फैक्टरी ने कम स्टाफ होने के बाद भी लक्ष्य से अधिक कोच बनाए , इतना ही नहीं जो कोच विदेशों से आठ करोड में खरीदे जा रहे तो वो कोच महज दो करोड मे तैयार कर दिखाया. देश में पहली दफा कोई प्रधानमंत्री किसी उत्पादन इकाई का निरीक्षण करने पहुंचे, वो थे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उन्होंने यहां काम देखकर कर्मचारियों की खूब प्रशंसा की और अब बदले में क्या दिया जा रहा है, इस फैक्टरी का निगमीकरण हो रहा है. यहां नौजवान कर्मचारी एक सपना लेकर आते हैं , मेहनत से काम करते हैं, ताकि वो पारिवारिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभा सकें, लेकिन सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के चलते उनका मनोबल टूट रहा है, उनमें असुरक्षा की भावना है. रेलवे बोर्ड में इंडियन रेलवे रोलिंग स्टाक कंपनी बनाई जा रही है, पूछा गया कि इसकी जरूरत क्या है ? जवाब मिला कि चीन में भी ऐसी ही कंपनी है, जब कहा गया कि चीन अगर आज सबसे ज्यादा किसी मद में पैसा खर्च करता है तो रेलवे है. यहां कितना पैसा खर्च हो रहा है, इस सवाल पर खामोश हो जाते हैं.

रेलवे पर सरकार की बुरी नजर, रवैया बदले, वरना रेल का चक्का होगा जाम : शिवगोपालमहामंत्री ने कहाकि भारतीय रेल के 13 लाख कर्मचारी रोजाना 22 हजार ट्रेनों का संचालन कर ढाई करोड यात्रियों को कश्मीर से कन्याकुमारी तक पहुंचाते हैं. इससे वो न सिर्फ अपना वेतन निकालते है, बल्कि पेंशनरों की पेशन, रेलवे के विकास के मद में लगने वाले पैसे का इंतजाम तक खुद करते हैं. इसके बाद भी भारतीय रेल पर सरकार की बुरी नजर है. महामंत्री ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अपना रवैया नहीं बदला और निजीकरण निगमीकरण की ओर आगे बढ़ती रही तो आँल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन रेल का चक्का जाम करने को मजबूर हो जाएगी.

एनआरएमयू के केंद्रीय अध्यक्ष एस के त्यागी ने कहाकि सरकार से लगातार बात हो रही है और कोशिश हो रही है कि सरकार मजदूर विरोधी नीतियों से पीछे हटे. आज भारतीय रेल दुनिया में सबसे सस्ती सेवा दे रही है, तीन दिन के किराए पर तीन महीने एमएसटी देकर लोगों को सफर करा रही है. देश में अगर उद्योगपतियों का रेल में इतना ही इंट्रेस्ट है तो वो प्रीमियम और मुनाफे वाली ट्रेन को छोड़कर पैसेजर ट्रेन का संचालन करने का आगे आएं, तो उन्हें रेल की हकीकत का पता चलेगा. श्री त्यागी ने कहाकि एक ओर हम रेल को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं बडौदा हाउस में कार्मिक शाखा के कुछ सीनियर अधिकारी कर्मचारियों को परेशान कर रहे हैं. जो लोग एनआरएमयू के इतिहास को जानते है, उन्हें पता है कि हम किसी को छेड़ते नहीं है, लेकिन किसी ने अगर कर्मचारियों को छेड़ने की कोशिश की तो उसे हम छोड़ते भी नहीं है. इसलिए केंद्र सरकार के साथ ही रेल के कार्मिक विभाग के अधिकारियों के लिए भी ये चेतावनी है कि वो अपना रवैया बदलें, जिससे यहां शांति बनी रहे.

इस गेट मीटिंग को दिल्ली के मंडल मंत्री अनूप शर्मा, हेडक्वार्टर के मंडल मंत्री संजीव सैनी, केंद्रीय उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा, आर ए मीना ने भी संबोधित किया. मीटिंग की अध्यक्षता आलोक मिश्रा ने किया. इस सभा में हरप्रीत सिंह, अशोक त्यागी, विजय कुमार, राजेश हांडा, राकेश कुमार, मोनिका बख्शी, मधु अरोडा, सुस्मिता सुभाषिनी समेत तमाम लोग मौजूद थे.

लेखा मंडल ने गेट मीटिंग बुलाकर सरकार को दी चुनौती 

रेलवे पर सरकार की बुरी नजर, रवैया बदले, वरना रेल का चक्का होगा जाम : शिवगोपालउधर लेखा मंडल द्वारा ट्रैफिक एकाउंट आफिस में भोजनावकाश मे गेट मीटिंग का आयोजन किया गया, इसमें सभी कार्यालयों में लेखा से जुड़े कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. मंडल मंत्री उपेन्द्र सिंह ने इस मीटिंग को संबोधित करते हुए कहाकि ये ” चेतावनी सप्ताह ” महज एक कार्यक्रम नहीं बल्कि सरकार को यूनियन के एक एक कार्यकर्ता की चुनौती है कि अगर अब भी कर्मचारी विरोधी काम जारी रहा तो हर कर्मचारी सरकार के सामने लाल झंडा लेकर पहाड़ की तरह खड़ा हो जाएगा. केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रवीन कुमार ने भी सरकार के नीतियों की आलोचना करते हुए कर्मचारियों से एकजुट होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद करने की अपील की. इस सभा को शाखा सचिव ब्रह्मानंद, डी पी भट्ट, शिव कुमार, जया अग्रवाल, नीलम गुप्ता, सोनिया हसीजा समेत कई और लोगों ने भी संबोधित किया.

एआईआरएफ के सोशल मीडिया से साभार] सूचनाओं पर आधारित समाचार में आपकी टिप्पणी अथवा विचारों का स्वागत है, आप हमें वाट्सएप 6202266708 या मेल railnewshunt@gmail.com पर भेज सकते है हम उसे पूरा स्थान देंगे. 

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