नई दिल्ली. रेल मंत्रालय आर्थिक आधार पर गरीब सवर्णों के लिए सरकारी नौकरी में वैकेंसी का ऐलान करने वाला केंद्र सरकार का पहला विभाग बन गया है. भारतीय रेलवे में आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर 10 फीसद का आरक्षण लागू करने का ऐलान किया गया है. इसके तहत करीब 23 हजार सवर्ण गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण के तहत नौकरी मिलेगी. बता दें कि रेलवे में 2 लाख 30 हज़ार और वेकैंसी निकाली जाएगी. इससे पहले रेलवे ने डेढ लाख लोगों को नौकरी देने का अवसर प्रदान किया था, जिसकी प्रक्रिया जारी है. इस तरह से भारतीय रेलवे कुल मिलाकर 4 लाख लोगों को नौकरी का अवसर रेलवे देने जा रहा है. जिसकी प्रक्रिया अगले दो सालों तक करेगी.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे में 2 लाख 30 हज़ार और वेकैंसी निकाली जाएगी. रेलवे में अभी 1 लाख 32 हज़ार अभी पद खाली हैं. दो साल में 1 लाख लोग और रिटायर होने वाले हैं. लिहाज़ा पुरानी ग्रुप सी और ग्रुप डी की वेकैंसी और इस बार जो वेकैंसी रेलवे निकालने वाला है उसको मिला दें तो रेलवे 2 साल में करीब 4 लाख भर्तियां करेगा.
इस वैकेंसी की खास बात है कि करीब 2 लाख 30 हजार नए पदों पर होने वाली भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. यानी कुल 23 हजार पद आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए होंगे. इसमें मौजूदा आरक्षण व्यवस्था को बरकरार रखा जाएगा और उसेस कोई छेड़छाड़ नहीं होगी.
रेलवे में नौकरियों का ऐलान करने के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इन भर्तियों में 10 फ़ीसदी यानी 23 हजार पद आर्थिक रूप से सवर्ण गरीबों के लिए आरक्षित रखे गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक पिछड़ों के लिए आरक्षण SC/ST और ओबीसी के लिए आरक्षित पदों से अतिरिक्त होगा.
बता दें कि 2 लाख 30 हजार नए पदों पर होने वाली भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. कुल 23 हजार पद आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए होंगे. ये भर्ती 2 फेज में होगी. पहले फेज में 1 लाख 31 हजार 428 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी होगा. ये नोटिफिकेशन फरवरी या मार्च में जारी किया जाएगा. जबकि दूसरे फेज में 99 हजार पदों पर भर्ती के लिए मई-जून 2020 में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.
पीयूष गोयल ने कहा कि नौजवान युवाओं का जोश भारतीय रेल की सेवा में आये, और भारतीय रेल भी उसी जोश के साथ और अधिक अच्छी बने, इसके लिये हम उनका स्वागत करते हैं. भर्तियों की घोषणा के अलावा उन्होंने पिछली सरकारों को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि यदि पिछ्ली सरकारों ने आज की तरह रेल में निवेश किया होता तो आज जो तकलीफ है वो नही हुई होती, पहले राजनैतिक कारणो से लाइनों को लगाना तय होता था, इस सरकार ने जहां आवश्यकता है, उस पर फोकस करते हुए योजना बद्ध तरह से काम किया.