- रेलवे मेंस कांग्रेस ने दिखाया मीडिया और सरकार को आइना
- पेंशन स्कीम में 4% बढ़ाया योगदान बढ़़ाने को बताया छलावा
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव की आहट और कर्मचारियों का बढ़ते दबाव के बीच केंद्र सरकार को लाखों सरकारी कर्मचारियों के पेंशन स्कीम में बदलाव की घोषणा की है. छह दिसंबर गुरुवार को सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में सरकार का योगदान बढ़ाकर मूल वेतन का 14 प्रतिशत करने की घोषणा सरकार ने की है. यानि अब सरकार आपके पेंशन में आपके मूल वेतन का 14 फीसदी योगदान करेगी, जबकि कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत बना रहेगा. नये निर्णय के बाद अगर कर्मचारी रिटायरमेंट के समय एनपीएस में जमा रकम का कोई भी हिस्सा नहीं निकालता है और 100 प्रतिशत पेंशन योजना में हस्तांतरित करता है तो उसकी पेंशन आखिरी बार मिलने वाले वेतन से 50 प्रतिशत अधिक मिलेगा.
हालांकि सरकार की नयी घोषणा और पेंशन स्कीम को रेलवे मेंस कांग्रेस ने सीरे से खारिज कर दिया है. रेलवे मेंस कांग्रेस के चक्रधरपुर मंडल को-को-आर्डिनेटर शशि रंजन मिश्रा ने सोशल मीडिया पर जारी स्कीम को छलावा व कर्मचारियों को फिर से बेवकूफ बनाने वाला बताया है. उनके अनुसार सरकार ने अपना योगदान 10% से बढ़ाकर 14 % करने का निर्णय किया हैं साथ ही रिटायरमेंट पर कर्मचारी को अपने समेकित फंड का 60% हिस्सा पेंशन फंड मे लगाने की छूट दी हैं. इसके साथ यह भी कहा हैं कि कर्मचारी अपने रिटायरमेंट पर 100% राशि अगर पेंशन फंड मे लगायेगा तो उसे मूल वेतन के 50% से अधिक पेंशन मिलने की संभावना हैं. इसके अलावा कर्मचारी को अपने फंड को सुरक्षित सरकारी बॉन्ड मे पैसा लगाना हैं या शेयर इक्विटी मे, इसके लिए ऑप्शन रहेगा. कर्मचारी के अपने 10% योगदान पर आयकर अधिनियम 80C के तहत आयकर मे छूट मिलेगी.
शशि मिश्रा ने खुलासा किया कि सरकार ने जो निर्णय अभी सुनाया है उसमें नया कुछ नहीं है बल्कि सभी निर्णय सातवे वेतन आयोग की सिफारिश पर गठित कमेटी की अनुशंसा पर आधारित हैं. बीजेपी सरकार ने फिर एक बार कर्मचारियों को बेवकूफ बनाने का कार्य किया है. इससे प्राईवेट़ कंपनियों की बल्ले है न की कर्मचारिर्यों की, क्योंकि पहले केवल 20% लूटने के लिए मिल रहा था जिसको भारत सरकार ने बढ़ाकर 24% कर दिया है.
शशि मिश्रा ने सोशल साइट पर अपने पोस्ट में मीडिया को भी निशाने पर लिया है. उनके अनुसार यह कमाल मीडिया का है. मीडिया चिल्ला चिल्लाकर प्रचार कर रहा है कि कर्मचारियों को तोहफा , कर्मचारियों की मांग पूरी इत्यादि इत्यादि. यह वही मीडिया है जिसने विरोध रैंली को दबाने में कोई कसर नही छोड़ी थी. हमें अपनी एकता को बनाकर रखते हुए यहां तक पहुंचे है. शशि मिश्रा ने सरकार की घोषणा का पोस्टमार्टम कर यह रेलकर्मियों के विवेक पर छोड़ दिया है कि वह तय करें कि सरकार का नया फार्मला क्या है और हमें कहां ले जा रहा है.
शशि मिश्रा के अनुसार स्कीम का यह हैं फंडा
Old Nps (2019)
Employee contribution =100
Government contribution = 100
Total saving = 200
After retirement employee will get
= 60% of 200 = 120
New Nps (2019)
Employee contribution = 100
Government contribution = 140
Total saving = 240
After retirement employee should get
= 60% of 240 = 144
But After cutting 30% of income tax employee will get
= 70% of 144 = 100.8
Loss = old Nps (year 2004) – new Nps (year 2019)
= 120 – 100.8 = 19.2
% loss in comparison of old Nps
= 19.2/200×100 = 9.6%
Who is better old Nps or New Nps 2019 ?
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एनएफआइआर की मीटिंग में दक्षिण पूर्व की उठी समस्याएं, महामंत्री से वार्ता
दिल्ली. इससे पूर्व दिल्ली में आयोजित एनएफआइआर वर्किंग कमेटी की मीटिंग में जोन से गये रेलवे मेंस कांग्रेस के महासचिव एसआर मिश्रा की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया. सात नवंबर को रेलवे मेंस कांग्रेस के एसआर मिश्रा की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने एनएफआईआर के महामंत्री एम राघवैया से मिलकर उन्हें जोन की समस्याओं से अवगत कराया. इसके बाद एनएफआइआर के महामंत्री ने रेलमंत्री पीयुष गोयल से मिलकर विभिन्न मुददों पर वार्ता की.
1. EXEMPTION OF NPS ON INDIAN RAILWAYS on lines of Paramilitary & Defence Forces.
2. IMMEDIATE RESUMPTION* of the recruitment of the LARSGESS candidates who had cleared the medical examination but had been abruptly stopped from being recruited.
3. The issue of Act Apprentice.
4. Upgradation of 3335 posts to Gazetted Cadre.
5. Various other issues discussed in the 227th Working Committee of NFIR. The Minister assured that Govt. of India will certainly take some positive steps into Workers Issues.