- एनई रेलवे मजदूर यूनियन के वार्षिक अधिवेशन महामंत्री ने रेलवे को बचाने के लिए किया जंग का ऐलान
- सरकार की नीतियां न सिर्फ रेलकर्मियों बल्कि देश के करोड़ों यात्रियों को भी करेंगी प्रभावित : महामंत्री
- युवाओं को यह तय करना होगा कि वह अपना भविष्य कैसे बनाना चाहते हैं : प्रीति सिंह
- वर्तमान हालात से निपटने के लिए हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नही हैं : बसंत
रेलहंट ब्यूरो, गोरखपुर
आँल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने भारतीय रेलवे को बचाने के लिए जंग का ऐलान करते हुए कहा कि वर्तमान चुनौती गंभीर है, अगर हमने एकजुट होकर संघर्ष नहीं किया तो रेलवे को बचाना मुश्किल हो जायेगा. मिश्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह सरकार पूरी तरह कर्मचारी विरोधी है, वो कानून बनाकर श्रमिक संगठनों को पंगु बनाने की साजिश कर रही है. रेलवे के सूचना प्रोद्योगिकी सेंटर के सभागार में आयोजित एनई रेलवे मजदूर यूनियन के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए महामंत्री ने रेलकर्मियों को आगाह किया कि अगर सरकार को सबक नही सिखाया तो उन्हें कठिन चुनौतियों से गुजरना होगा. अधिवेशन में महामंत्री ने कहाकि एआईआरएफ के चेन्नई अधिवेशन में हमने स्पष्ट ऐलान कर दिया है कि मंत्रालय ने निजीकरण, निगमीकरण पर कुछ भी नया कदम उठाया तो रेल का चक्का जाम करने को हम बचनबद्ध हो जायेंगे. मिश्रा ने अन्य फेडरेशन, ट्रेड यूनियन, एसोसिएशन से एकराम बनाने की बात भी कही.
अपने संबोधन में महामंत्री ने कहा कि सरकार की नीतियां न सिर्फ रेलकर्मियों बल्कि देश के करोड़ों यात्रियों को भी प्रभावित करने वाली है. महामंत्री ने नीति आयोग ने 100 दिन की कार्ययोजना का हवाला देते हुए कहा कि उसमें रेलवे के निजीकरण और उत्पादन इकाइयों के साथ कारखानों का निगमीकरण का प्रस्ताव है. अगर ऐसा हुआ तो न रेल सुरक्षित रहेगी, न रेल कर्मचारी. महामंत्री ने कहा कि पटरी रेल की, प्लेटफार्म रेल का, इंजन हमारा, बोगी हमारी, लोको पायलेट हमारे, गार्ड हमारे, मेन्टीनेंस हमारा .. सिर्फ मलाई साहूकारों का. ये बिल्कुल नहीं चलने दिया जायेगा. अगर निजीक्षेत्र में इतना ही भरोसा है सरकार को, तो उन्हें आमंत्रित करें कि वो अपने ट्रैक बिछाएं, अपनी ट्रेन मंगाए और अपने स्टाफ से चलवाएं, इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है. महामंत्री ने रेलकर्मचारियों से कहा कि आज सरकार श्रम कानूनों में बदलाव कर ऐसे प्रावधान कर रही है ताकि यूनियन कमजोर हो. जाये. महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने एक्ट अपरेंटिस के में पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग की. उन्होंने एनपीएस का विरोध और पुरानी पेंशन बहाल की मांग जारी रखने की बात कही.
अधिवेशन में यूनियन के अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी ने कहा कि फेडरेशन का इतिहास ही संघर्ष का रहा है. आज हमारे सामने चुनौती है , हमारी लड़ाई एक ताकतवर सरकार से है, इसलिए हमें दोगुनी ताकत से संघर्ष के लिए मैदान में उतरना होगा. एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री के एल गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान हालात से निपटने के लिए हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नही है. उन्होने महामंत्री से कहाकि एआईआरएफ से आदेश मिलते ही एनई रेलवे में पूरी तरह रेल का चक्का जाम कर दिया जाएगा. यहां से एक भी ट्रेन आगे नहीं बढ़ पाएगी. श्री गुप्ता ने कहाकि हमने संघर्ष किया है, हमने जेल काटी है, हम जानते हैं कि कठिनाइयां आती है, लेकिन जीत सच्चाई की होगी और हम सच्चे रास्ते पर हैं.
अधिवेशन में एआईआरएफ की नेशनल यूथ को-आर्डिनेटर प्रीति सिंह ने युवाओं का आह्वान किया कि ये चुनौती सिर्फ रेल के सामने नहीं है, बल्कि युवाओं के लिए भी बड़ी चुनौती है, हमें तय करना है कि हम अपना भविष्य कैसा बनाना चाहते है, अगर हमें अपने हक और हकूक की लड़ाई लड़नी है तो एकजुट होकर संघर्ष के अलावा कोई विकल्प नहीं है. इस अधिवेशन में एस पी सिंह, ए के वर्मा, मुकेश सक्सेना, कामरान अहमद, एम वी सिंह, वी के सिंह, वी एन सिंह और ओंकार सिंह समेत तमाम लोग मौजूद थे. इसके पूर्व रेलवे स्टेशन से महाप्रबंधक कार्यालय तक एक विशाल जुलूस निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में रेल कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.
कामरेड केएल गुप्त 59 वीं बार सर्वसम्मति से चुने गये महामंत्री, बसंत लाल चतुर्वेदी अध्यक्ष
एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के 59 वें वार्षिक अधिवेशन में दूसरे दिन मंगलवार को नई कार्यकारिणी चुनी गई. संगठन के डेलीगेट का भरोसा जीतने में एक बार फिर 103 साल के कामरेड केएल गुप्त सफल रहे. उन्हें लगातार 59 वीं बार महामंत्री चुना गया. इस मौके पर मुख्यालय गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल से जुटे डेलिगेट (अधिकृत प्रतिनिधियों) की मौजूदगी में सर्वसम्मति से केएल के नाम पर मुहर लगी. महामंत्री सहित कुल आठ पदों पर यूनियन की नई कार्यकारिणी गठित कर दी गई. जिसमें बसंत लाल चतुर्वेदी को पुन: अध्यक्ष तथा नवीन कुमार मिश्र, प्रदीप कुमार धर दूबे और ओंकार नाथ सिंह को संयुक्त महामंत्री चुना गया. इस मौके पर लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल शाखाओं के अलावा छपरा, गोंडा डीजल लॉबी, मैलानी, सीतापुर, कानपुर, कासगंज तथा मुख्यालय गोरखपुर, यांत्रिक कारखाना, सिग्नल कारखाना, पुल कारखाना, स्टोर डिपो, लेखा शाखा, आउट डोर, लोको शाखा के प्रतिनिधि मौजूद थे.
यूनियन के चुने गए नये पदाधिकारी
अध्यक्ष : बसंत लाल चतुर्वेदी
कार्यकारी अध्यक्ष : विश्वनाथ सिंह
उपाध्यक्ष : अनिल कुमार द्विवेदी और घनश्याम सिंह
महामंत्री : केएल गुप्त
संयुक्त महामंत्री : नवीन कुमार मिश्र, प्रदीप कुमार धर दूबे व ओंकार नाथ सिंह
सहायक महामंत्री : अजय कुमार वर्मा और एन बी सिंह
संगठन मंत्री : रविंद्र श्रीवास्तव, दीप कुमार व राकेश पांडेय
कोषाध्यक्ष : विनय कुमार श्रीवास्तव.
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