Goods train without pilot. जम्मू के कठुआ से पंजाब के उच्ची बस्सी लगभग 70 किलोमीटर तक बिना ड्राइवर के मालगाड़ी के बुलाकर चले जाने के मामले में रेलवे ने कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से लोको पायलट को सेवा से हटा दिया है.
रेलवे ने अपने एक्शन में बताया गया है कि इस लापरवाही के कारण जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ सकता था. वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता (डीएमई) की और से जारी नोटिस में कहा गया है कि लोको पायलट संदीप कुमार ने कर्तव्यों और साथ रेलवे मानदंडों का पालन नहीं कर शॉर्टकट अपनाया.
इंजन को रोकने में मान्य प्रक्रियाओं का इस्तेमाल नहीं किया गया जिससे फिरोजपुर प्रखंड में 53 डिब्बों के साथ ट्रेन करीब 70 किलोमीटर तक चली गई. इससे भारतीय रेलवे और विशेष रूप से उत्तर रेलवे की छवि भी खराब हुई.
25 फरवरी, 2024 को ड्राइवर के बिना जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के कठुआ से पंजाब (Punjab) के होशियारपुर जिले के एक गांव तक 70 से 75 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से 70 किलोमीटर तक मालगाड़ी चली गयी थी. ट्रैक पर रेत और लकड़ी के ब्लॉक डालकर किसी तरह मालगाड़ी को ऊंची बस्सी में रोका गया था. घटना के बाद उत्तर रेलवे ने लोको पायलट समेत छह लोगों को निलंबित कर दिया था.