रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
रेलवे में फिजूलखर्ची रोकने और आमदनी बढ़ाने के लिए रेलकर्मी रेल मंत्रालय को सीधे सुझाव भेज सकते हैं. रेलवे की कार्यप्रणाली को जमीनी स्तर पर बदलने की तैयारी में जुटे रेल मंत्री पीयूष गोयल की पहल पर रेलकर्मियों से यह सुझाव मांगा जा रहा है ताकि रेलवे के परिचालन से लेकर फिजूलखर्ची को रोका जा सके. इस तरह राजस्व बढ़ाने के उपायों पर भी रेलकर्मी अपनी राय दे सकते हैं.
अगर किसी रेलकर्मी को ऐसा लगता है कि उनके पास कोई ऐसा विचार है जिस पर अमल करके विभागीय कार्य प्रणाली में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है तो उसे वह शीर्ष अधिकारियों तक पहुंचा सकता है. कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद नुकसान की भरपाई करने के लिए रेलवे राजस्व के नए रास्ते तलाश रहा है. इसमें रेलकर्मियों से भी राय मांगी गयी है.
रेलवे बोर्ड ने पिछले सप्ताह ही जोनल रेलवे को मंडल स्तर पर और उत्पादन इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारियों से सुझाव लेने को कहा है. अधिकारियों का कहना है कि अपनी ड्यूटी के दौरान कर्मचारी वास्तविक स्थिति का सामना करता है. वह खामियों को दूर करने और उत्पादकता बढ़ाने का व्यवहारिक सलाह दे सकता है. इसे ध्यान में रखकर यह कदम उठाया गया है.
इस कड़ी में कर्मचारियों से परिचालनिक क्षमता बढ़ाने, फिजूलखर्ची रोकने और आमदनी बढ़ाने को लेकर उपाय बताने को कहा गया है. इसके अलावा भी अन्य क्षेत्र में वह सुझाव दे सकते हैं. रेलकर्मी अपने सुझाव मंडल स्तर पर वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी (सीनियर डीपीओ) को भेजेंगे.जोनल स्तर पर यह काम प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी (पीसीपीओ) देखेंगे.
रेलकर्मी 20 अगस्त तक अपने सुझाव सीनियर डीपीओ या डीपीओ को ई-मेल से या कागज पर लिखकर दे सकते हैं. मंडल स्तर के चुने गये सुझावों को 25 अगस्त तक जोनल रेलवे को और वहां से 30 अगस्त को रेलवे बोर्ड को भेजा जायेगा. रेलवे बोर्ड ने हर जोनल को इसे गंभीरता से लेकर करने को कहा है.
सभार जागरण