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रेल पटरी उड़ाने के लिए ‘डायनामाइट साजिश’ रचने में जेल गये जॉर्ज जिंदगी से रिहा

रेल पटरी उड़ाने के लिए 'डायनामाइट साजिश' रचने में जेल गये जॉर्ज जिंदगी से रिहा
  • 1974 में देश व्यापी रेलवे हड़ताल कराने में अहम भूमिका निभायी थी

नई दिल्ली. इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान सरकारी प्रतिष्ठानों और रेलवे पटरियों को उड़ाने के लिए ‘बड़ौदा डायनामाइट षड्यंत्र’ रचने के आरोप में जेल भेजे गये पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज का लंबी बीमारी के बाद 29 जनवरी को निधन हो गया. जार्ज 1977 में जेल से ही चुनाव लड़े थे और बिहार के मुजफ्फरपुर से भारी मतों से जीत कर बाहर आये थे. जार्ज ने पहली बार 1967 में लोकसभा चुनाव जीता था. जॉर्ज अल्जाइमर से पीड़ित थे. उन्हें बाद में स्वाइन फ्लू हो गया था. अटल बिहारी वाजपेयी की राजग सरकार फर्नांडिज रक्षा मंत्री थे. 3 जून 1930 को मैंगलोर में जन्मे जार्ज अटल सरकार में मई 2004 तक रक्षामंत्री रहे. आखिरी बार वह अगस्त 2009 से जुलाई 2010 तक राज्यसभा के सांसद रहे थे.

रेल पटरी उड़ाने के लिए 'डायनामाइट साजिश' रचने में जेल गये जॉर्ज जिंदगी से रिहा
रेल पटरी उड़ाने के लिए 'डायनामाइट साजिश' रचने में जेल गये जॉर्ज जिंदगी से रिहा

रक्षामंत्री के अलावा उन्होंने कम्यूनिकेश, इंडस्ट्री और रेलवे मंत्रालयों की भी कमान संभाली थी. श्रमिक नेता के रूप में पहचान बनाने वाले फर्नांडिस 1967 से 2004 तक नौ बार लोकसभा के सदस्य बने. जॉर्ज फर्नांडिस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक का भी काम बखूबी निभाया था. उन्होंने 1974 में देशभर में रेलवे हड़ताल भी करवाई थी.

जॉर्ज 1970 में समाजवादी आंदोलन के बड़े नेता थे. समता पार्टी बनाने से पहले जनता दल के वरिष्ठ नेताओं में उनकी गिनती होती थी. 1930 में जन्में जॉर्ज ने रोमन कैथोलिक पादरी की ट्रेनिंग ली थी, तभी वे यूनियन पॉलिटिक्स की तरफ मुड़ गए. 1967 में वे मुंबई से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता को हराकर संसद पहुंचे थे. उन्होंने 1974 में देशभर में रेलवे हड़ताल भी करवाई थी.
जॉर्ज फर्नांडीज आपातकाल के हीरो बन गए थे, जब 1977 में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री बनाया गया.

रेल पटरी उड़ाने के लिए 'डायनामाइट साजिश' रचने में जेल गये जॉर्ज जिंदगी से रिहा

इस दौरान उनका सबसे बड़ा कदम वह था कि उन्होंने कोका कोला और आईबीएम को झुकने पर मजबूर कर दिया था, क्योंकि इन कंपनियों ने अपने भारतीय सहयोगियों में अपनी हिस्सेदारी कम करने से मना कर दिया था, कोक ने उस वक्त भारत छोड़ दिया था और उसके दो दशक बाद वापस भारत में एंट्री मारी. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में फर्नांडीज के रक्षामंत्री कार्यकाल के दौरान ही पोखरण में परमाणु परीक्षण और कारगिल युद्ध हुआ था. साल 2004 में ताबूत घोटाला सामने आने के बाद उन्होंने रक्षामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. रेलहंट की ओर से जार्ज फर्नाडिंग को भावभीनी श्रद्धांजलि.

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